विदेशी निवेश

2015 में पहली बार विदेशी निवेश भारत ने चीन को विदेशी निवेश के मामले में पीछे छोड़ दिया विदेशी निवेश था. जहां भारत को 63 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला था वहीं चीन को महज 56 बिलियन और अमेरिका को महज 59 बिलियन डॉलर मिला था. इन आंकड़ों के बाद चीन ने मेड विदेशी निवेश इन चीन 2025 कार्यक्रम के तहत विदेशी निवेशकों को घरेलू निवेशक जैसे अधिकार देने का ऐलान किया था. चीन की कोशिश एक बार फिर विदेशी निवेश के मामले में भारत को पछाड़कर नंबर एक बनने की है लेकिन उसे डर मेक इन इंडिया और ईज ऑफ डुईंग बिजनेस जैसे भारतीय कार्यक्रमों से है.
विदेशी निवेश
भारत में विदेशी निवेश तथा विदेशों में भारतीय निवेश के मामलों में फेमा फेरा से अधिक उदार था।
चीन को डरा रही विदेशी निवेश हैं भारत की ये पांच उपलब्धियां
- नई दिल्ली,
- 08 मार्च 2017,
- (अपडेटेड 09 जनवरी 2018, 5:25 PM IST)
चीन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और बड़ी सैन्य शक्ति होने के बावजूद कई मामलों में भारत की तरक्की से परेशान रहता है. बीते कुछ वर्षों में जिस तरह भारत ने विदेशी निवेश आकर्षित करने और टेक्नोलॉजी और मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं वह चीन के लिए परेशानी का सबब है. इसके अलावा भारत का अमेरिका के साथ लगातार मजबूत होता सैन्य रिश्ता भी चीन की परेशानी को विदेशी निवेश विदेशी निवेश बढ़ा रहा है. भारत की इन उपलब्धियों के चलते चीन सरकार को समझ आ रहा है कि आने वाले दिनों में यदि वह भारत से संबंध अच्छे नहीं करता तो उसे भारत के रूप में एक विदेशी निवेश बड़े खतरे का सामना करना पड़ सकता है.
RBI रिपोर्ट: अगस्त में भारत का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 59% घटकर 1.03 अरब डॉलर पर, जानें पूरी डिटेल
भारत का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश सालाना आधार पर 59 फीसदी घटकर 1.03 अरब डॉलर पर.
आरबीआई की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2022 में भारतीय कंपनियों द्वारा अपने विदेशी कारोबार में होने वाला आउटवर्ड फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (OFDI) 1027.67 करोड़ डॉलर रहा. जबकि वित्त वर्ष 2021-22 के अगस्त में यह 250.09 करोड़ डॉलर यानी 205 अरब डॉलर था.
- News18Hindi
- Last Updated : September 17, 2022, 13:24 IST
भारत का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश सालाना आधार पर 59 फीसदी घटकर 1.03 अरब डॉलर पर आ गया है.
अगस्त 2022 में भारतीय कंपनियों द्वारा अपने विदेशी कारोबार में होने वाला OFDI, 1027.67 करोड़ डॉलर रहा.
डेटा के मुताबिक भारतीय कंपनियों द्वारा गारंटी इश्यू करके विदेशी निवेश 26.66 करोड़ डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया गया है.
नई दिल्ली. बढ़ती महंगाई और बाजार की अस्थिरता के बीच भारत का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 59 फीसदी घट गया है. RBI द्वारा जारी किए गए डेटा के मुताबिक भारतीय कंपनियों द्वारा अपने विदेशी कारोबार में अगस्त में किया गया विदेशी प्रत्यक्ष निवेश सालाना आधार पर 59 फीसदी विदेशी निवेश घटकर 1.03 अरब डॉलर पर विदेशी निवेश आ गया है.
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) से भारत को क्या विदेशी निवेश मिलेगा?
Date: 19-07-16
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सन् 2015 में भारतीय सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए अपने 15 क्षेत्रों को खोल दिया था।
अब अन्य नौ क्षेत्रों में भी विदेशी निवेश की अनुमति दे दी गई है।
बड़े स्तर पर भारत में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के पीछे सरकार की मंशा यही रही है कि इससे भारत के विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी और कौशल का विकास होगा, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिल सकेगी। पोर्टफोलियों निवेश से भिन्न प्रत्यक्ष निवेश का एक लाभ सरकार को यह भी लगा कि इससे निवेश करने वाली कंपनियां उस उद्योग में विशेष रुचि लेंगी।
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से जुड़े कुछ तथ्य: