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शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
डिलीवरी ट्रेडिंग में, आपको शेयर खरीदने से पहले आपके पास शेयर के दाम का पर्याप्त धनराशि होना चाहिए। निवेशक के लिए कई बार उतना धनराशि रखना मुश्किल हो जाता है और आप अच्छे शेयर खरीदने से वंचित हो जाते है।

शॉर्ट-टर्म एफडी बनाम लॉन्ग-टर्म एफडी

जो अधिक मात्रा में लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, वे लॉन्ग-टर्म एफडी का विकल्प चुन सकते हैं. जब आप लंबी अवधि के लिए इन्वेस्ट करते हैं, तो मूल राशि समय के साथ कम्पाउंड होती है, जिससे आप अधिक जमा ब्याज़ प्राप्त करते हैं. इसके अलावा, आपको लॉन्ग-टर्म एफडी के साथ बेहतर ब्याज़ दर मिलती है.

शॉर्ट-टर्म एफडी में आपको भले ही थोड़ी कम ब्याज़ दर मिलती है, लेकिन इसमें आप अपने इन्वेस्टमेंट को लैडर कर सकते हैं और लिक्विडिटी का बेहतर लाभ प्राप्त कर सकते हैं. आप एफडी ब्याज़ दरों में होने वाली किसी भी वृद्धि का अधिकतम लाभ भी उठा सकते हैं. दोनों प्रकार की एफडी के अपने लाभ और नुकसान हैं, इसलिए सही निर्णय लेने के लिए इस बात पर विचार करें कि आपको शॉर्ट-टर्म शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान लक्ष्यों के लिए इन्वेस्ट करना है या लॉन्ग-टर्म लक्ष्यों के लिए करना है.

डिलीवरी ट्रेडिंग के नियम

आप डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करना चाहते है तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान देना आवश्यक है। यह आपको सही शेयर खरीदने में मदद करेगा। आप शेयर बाजार में नए है और किसी निपुण निवेशक सलाहकार की मदद चाहिए तो आप शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान CapitalVIa Global Research Limited से संपर्क कर सकते है। आईये जानते है कुछ बुनियादी नियम के बारें में जिसका शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान पालन शेयर खरीदते समय करना चाहिए।

  • सबसे पहले आपको कुछ कंपनी के fundamental Analysis के अध्यन करने के बाद एक सूचि तैयार करे।
  • भविष्य में उसके विकास, बैलेंस शीट आदि को ध्यान में रखकर अपने wishlist में शामिल करे।
  • अपने निवेश के जोखिम के अनुसार अपने डीमैट खाता में उतना धन संचित करे।
  • सही शेयर की कीमत देखकर शेयर को ख़रीदे।
  • बेचने के लिए सही समय की प्रतीक्षा करे ताकि आपको नुकसान नहीं हो।
  • टारगेट और स्टॉप लॉस अवश्य लगाए।
  • आपको पैसे अलग -2 कंपनियों में निवेश करे जिससे आपका जोखिम काम और रिटर्न्स अच्छा प्राप्त होगा।

डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करें?

कोई भी निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग को प्रक्रिया का चयन तभी करता है जब उसको long term के लिए निवेश करना है। डिलीवरी ट्रेडिंग में अपने कंपनियों के शेयर कोई खरीदते है और अपने डीमैट खाता में होल्ड करते है। आप अपने शेयर को जब अपने डीमैट खाता में रखना चाहे तो रख सकते है और जब आपको अपने शेयर कर अच्छा रिटर्न्स मिल रहा है तो आप उसको बेच सकते है। शेयर बेचने का निर्णय आप पर निर्भर है। अन्य इंट्राडे ट्रेडिंग के तरह आप बाध्य नहीं है।

डिलीवरी ट्रेडिंग में, आपके पास पर्याप्त धनराशि होनी चाहिए तभी आप शेयर को खरीद सकते है और बेचने के लिए भी आपके पास उतने शेयर होने चाहिए। डिलीवरी ट्रेडिंग में यदि आपका रणनीत अच्छी है तो आपको एक निश्चित अंतराल के बाद अच्छा रिटर्न्स प्राप्त होगा।

यदि आप शेयर बाजार में नए और आप सही शेयर खरीदने का निर्णय नहीं सकते है तो आपको सेबी रजिस्टर्ड निवेशक सलाहकार के परामर्श से आपको शेयर को खरीदने चाहिए। इससे शेयर बाजार के जोखिम काम हो सकता है।

डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे

डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग सरल और सुरक्षित निवेश है इसके साथ -2 अन्य सुविधाएं है।

लॉन्ग टर्म निवेश

डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फ़ायदा है की आप शेयर को होल्ड कर सकते है, आप किसी समय अंतराल में बाध्य नहीं है।

उदाहरण : मान लीजिए कि अपने किसी कंपनी के शेयर में निवेश किया है और इसे होल्ड रखते हैं। कुछ समय बाद वह कंपनी या व्यवसाय आपको पॉजिटिव रिटर्न्स देता है, तो आप उस इन्वेस्ट में बने रह सकते हैं। लेकिन आपको कोई लाभ दिखाई नहीं देता है, तो आप उस शेयर को कभी भी बेचकर अपने पोजीशन से बाहर हो सकते हैं।

सुरक्षित

जब डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग के माध्यम से शेयर खरीदते है तो आप वह शेयर बेचने के लिए समय के बाध्य नहीं है। यह आपके जोखिम की संभावना को काम करता है और आपके निवेश को सुरक्षित रखता है।

उदाहरण : मान लीजिए कि अपने किसी कंपनी के शेयर में निवेश किया है और किसी भी कारन से शेयर का दाम अगले दिन गिर जाता है। आप वह शेयर होल्ड रख कर सही समय का इंतज़ार कर सकते हैं। जब शेयर के दाम आपके निवेश किये राशि से ज्यादा है तो आप शेयर बेचकर मुनाफा अर्जित कर सकते है। इसलिए यह शेयर सुरक्षित है।

ट्रेडिंग क्या होती है? | ट्रेडिंग कैसे करें?

Trading kya hai in hindi

दोस्तों आप में से बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में शेयर्स को खरीदने और बेचने का काम शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान करते होंगे लेकिन क्या आपको पता है कि ट्रेडिंग क्या होती है और इसके बारे में पूरी जानकारी है अगर नही?, तो आइये आज हम आपको ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी देते है तो जो कैंडिडेट इसके बारे में पूरी जानकारी चाहते है वो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े.

Trading kya hai in hindi

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ट्रेडिंग क्या है (What is Trading in Hindi)

ट्रेडिंग एक तरह का बिज़नस होता है किसी भी चीज़ को कम दाम में खरीदना और उसके दाम बढ़ जाने पर उसे बेच देना ट्रेडिंग कहलाता है. ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य किसी भी चीज़ को खरीद कर कम समय में लाभ कमाना होता है, इसीलिए ट्रेडिंग सबसे ज्यादा शेयर मार्किट में की जाती है और लोग डेली शेयर पर ट्रेडिंग करके हजारों और लाखों रूपये कमाते है.

Stock Market Trading भी इसी तरह का होता है जहाँ हम किसी वस्तु को खरीदते और बिक्री में फायदा लेते हैं ठीक उसी तरह स्टॉक मार्केट में वस्तु की जगह कंपनियों के शेयर को खरीद और बिक्री करके प्रॉफिट कमाया जाता है, ट्रेडिंग का समय 1 साल होता है यानि कि 1 साल के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना होता है लेकिन अगर एक साल के बाद खरीदे गये शेयर्स को बेचते हैं तो इसे निवेश कहा जाता है यह शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान एक तरह का ऑनलाइन बेस्ड बिजनेस होता है.

ट्रेडिंग कैसे करें?

ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान होता है, ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट एवं डिमैट अकाउंट होना चाहिए, क्युकी ट्रेडिंग अमाउंट एवं डिमैट अकाउंट के बिना आप ट्रेडिंग नही कर सकते हैं. उसके बाद आपको ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से शेयर मार्केट से शेयर को कम दामों में खरीदना होता है और उस शेयर की कीमत बढ़ जाने पर उसे ज्यादा दाम में बेच कर मुनाफा कमाना होता है.

शेयर मार्केट ट्रेडिंग मुख्यतः 4 तरह की होती है?

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading)

इंट्राडे ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जो एक ही दिन के अंदर की जाती है, इसमें एक ही दिन के अंदर शेयर्स को मार्केट में खरीदा और बेचा जाता हैं. एक ही दिन के अंदर की जाने वाली इस ट्रेडिंग को हम इंट्राडे ट्रेडिंग या फिर डे ट्रेडिंग भी कह सकते है.

आज आपने क्या सीखा?

हमे उम्मीद है कि हमारा ये (Trading kya hai in hindi) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने आपको ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.

हमारी ये (Trading kya hai in hindi) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.

Stock market: शेयर मार्केट से हुई इनकम पर कब कितना देना पड़ता है टैक्‍स, जानिए सबकुछ

Stock market tax rule: शेयर मार्केट में इनकम टैक्‍स रूल शेयर ट्रांजैक्‍शन पर किस तरह इनकम हुई है, उसके मुताबिक लागू होता है.

Tax rule on stock market transections: शेयर बाजार में इन्‍वेस्‍टमेंट से आप एक झटके में मोटी कमाई कर सकते हैं. इसमें सबसे बड़ा फैक्‍टर काम करता है कि आपके पास रिस्‍क लेने की क्षमता कितनी है. बहरहाल, यहां एक जरूरी बात यह जानना जरूरी है कि शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री और उससे होने वाली इनकम भी टैक्‍स के दायरे में आती है. शेयरों की बिक्री से होने वाली इनकम या लॉस ‘कैपिटल गेन्स’ के दायरे में आता है.

ब्रोकरेज फर्म एंजल ब्रोकिंग की वेबसाइट पर उपलब्‍ध जानकारी के मुताबिक, शेयर मार्केट में इनकम टैक्‍स रूल शेयर ट्रांजैक्‍शन पर किस तरह इनकम हुई है, उसके मुताबिक लागू होता है. बाजार से दो तरह की इनकम, शॉर्ट टर्म कैनिटल गेन्‍स और लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन्‍स, होती है.

शॉर्ट टर्म कैपिटेल गेन्स टैक्स ( Short term Capital gains tax)

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्‍स उसे कहते हैं, जब शेयर मार्केट में लिस्टेड शेयरों को खरीदने के 12 महीनों के अंदर बेच दिया जाता है. इससे होने वाली इनकम पर 15 फीसदी की दर से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स देना होता है. इसमें चाहे आप किसी भी टैक्‍स स्‍लैब में आते हो. अगर आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस होता है, तो आप इसे अगले 8 साल तक कैरी फॉर्वर्ड कर सकते हैं.

शेयर मार्केट में लिस्टेड शेयरों को खरीदने से 12 महीने के बाद बेचने पर लाभ होता है, तो यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के दायरे में आता है. इस हालत में शेयरों की बिक्री करने वाले को इस कमाई पर उसे टैक्स देना पड़ता है. इसमें 10 फीसदी की दर से इनकम टैक्‍स देना पड़ता है. इसका मतलब कि अगर आप एक साल के बाद शेयर बेचते हैं और उस पर इनकम होती है तो 10 फीसदी की दर से लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स देना होगा. अगर आपको लॉन्‍ग टर्म कैपिटल लॉस होता है तो आप नुकसान को अगले 8 साल कैरी फॉर्वर्ड कर सकते हैं.

सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT)

सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) को 2004 में इनकम टैक्‍स रूल में शामिल किया गया था. स्टॉक एक्सचेंज में बेचे और खरीदे जाने शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान वाले शेयरों पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स यानी STT लगता है. जब भी शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री की जाती है, इस पर यह टैक्स देना पड़ता है. दिसंबर 2017 से इक्विटी ट्रांजैक्‍शन (खरीद या ब्रिकी) पर 0.1 फीसदी की दर से एसटीटी देना होता है. इंट्राडे में शेयरों की बिक्री पर सेलर को 0.025 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. हालांकि, इंट्राडे में में सिक्‍युरिटीज की खरीद पर कोई टैक्‍स नहीं देना होता है.

बजट 2020 से पहले जो कंपनियां शेयरधारकों को डिविडेंट एलान करती थीं, उन्‍हें डीडीटी देना होता था. नियमों के मुताबिक 31 मार्च 2020 तक डीडीटी का रेट 20.56 फीसदी था. बजट 2020 में किए गए प्रस्ताव के मुताबिक, डिविडेंड हासिल करने वाले निवेशक को अपने टैक्‍स ब्रैकेट के मुताबिक टैक्‍स रेट से डीडीटी का भुगतान करना होता है. इसमें डिविडेंड से चाहे आपको कितनी भी रकम हासिल हुई हो. पहले, टैक्सपेयर को अगर 10 लाख रुपये से ज्‍यादा डिविडेंड मिलता था, तो उसे डिविडेंड पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना पड़ता था.

ITR-2 किसे भरना है?

इनकम टैक्‍स रिटर्न-2 या ITR-2 फार्म उसे भरने की जरूरत पड़ती है, अगर इंडिविजिुअल का इन्‍वेस्‍टमेंट कैश सेगमेंट में के दायरे में आता है.

इनकम टैक्‍स रिटर्न - 3 या ITR-3 फार्म उस टैक्‍सपेयर्स को फाइल करना है, जिसका इन्‍वेस्‍टमेंट डेरिवेटिव सेगमेंट के दायरे में आता है. एग्रेसिव इंट्राडे ट्रेडर्स इस कैटेगरी में आते हैं.

शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म निवेश के फायदे

Benefit of long term investment in stock market शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म निवेश करने पर मुनाफे के चांस ज्यादा रहते हैं लंबी अवधि के लिए किए गए निवेश में नुकसान होने की गुंजाइश बहुत ही कम रहती है जो निवेशक स्टॉक मार्केट में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते हैं वह शेयर बाजार से अच्छा रिटर्न कमाते हैं long term investment एक फायदा यह भी होता है कि रिटर्न शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान आपको भले ही ज्यादा ना मिले किंतु नुकसान ना के बराबर रहता है इसीलिए शेयर बाजार में नए निवेशकों को लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहिए

Stock market ने निवेश के प्रकार

शेयर बाजार में निवेशक 3 तरीके से निवेश करते हैं

  1. लॉन्ग टर्म निवेश long term investment
  2. शॉर्ट टर्म निवेश short tarm investment
  3. इंट्राडे निवेश indraday investment
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