बिटकॉइन के फायदे क्या है?

68 डॉलर तक फिसल सकता है क्रूड ऑयल- शोमेश कुमार
ये 75, 70 या 68 डॉलर कहा नहीं जा सकता है। ऐसा होता है तो इसका फायदा वित्तीय घाटे को कम करने में मिलेगा। इसे समझना जरूरी है, रुपया संभल जायेगा, क्रूड ऑयल की तेजी भी थमेगी और देश में कर के आँकड़े भी अच्छे आ रहे हैं। इसका मतलब यह है कि वित्तीय घटा नियंत्रित किया जा सकेगा। डॉलर की चाल और अर्थव्यवस्था को मिलने वाले फायदे के बारे में बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार से बातचीत कर रहे हैं निवेश मंथन के संपादक राजीव रंजन झा।
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Digital Currency: डिजिटल करेंसी को लेकर RBI का बड़ा ऐलान, दो चरणों में इन 9 बैंक द्वारा होगी सीबीडीसी जारी
Digital Currency: भारत आज बिटकॉइन के फायदे क्या है? से डिजिटल इकोनॉमी के क्षेत्र में एक और कदम बिटकॉइन के फायदे क्या है? बढ़ाने जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) डिजिटल रुपये के खुदरा इस्तेमाल से जुड़ा पहला पायलट प्रोजेक्ट एक दिसंबर को शुरू करने जा रहा है। इसमें सरकारी एवं निजी क्षेत्र के चार बैंक शामिल होंगे। बता दें कि रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर से डिजिटल रुपये के थोक खंड की शुरुआत की थी।
Digital Currency के लिए किया गया इन बैंकों का चुनाव
इसके लिए कुल 9 बैंकों का चुनाव किया गया है. इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), यूनियन बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC बैंक शामिल होंगे.पहले चरण में भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक देश के चार शहरों में खुदरा डिजिटल रुपया जारी करेंगे। अगले चरण में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बिटकॉइन के फायदे क्या है? बैंक को भी इस पायलट प्रोजेक्ट से जोड़ दिया जाएगा।
डिजिटल रुपये की खासियत
डिजिटल रुपये का उपयोग यूपीआई, एनईएफटी, आरटीजीएस, आईएमपीएस, डेबिट/क्रेडिट कार्ड आदि के माध्यम से किए गए भुगतानों के समान डिजिटल भुगतान करने के लिए किया जाएगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपये का उपयोग यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT), रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) की तरह ही डिजिटल पेमेंट के लिए करने के लिए किया जाएगा।
डिजिटल करेंसी 3 प्रकार की होती है
1. क्रिप्टोकरेंसी:- यह डिजिटल करेंसी है जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। इसपर किसी भी बिटकॉइन के फायदे क्या है? देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। बिटकॉइन और एथेरियम इसके उदाहरण हैं।
2. वर्चुअल करेंसी: वर्चुअल करेंसी डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों से मिलकर एक संगठन द्वारा नियंत्रित अनियमित डिजिटल करेंसी है।
3. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC): सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी किसी देश के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की जाती हैं। आरबीआई ने इस करेंसी को ही जारी करने की बात कही है।
Digital Currency को लेकर RBI का बड़ा ऐलान
रिजर्व बैंक की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, इसका इस्तेमाल पहले सरकारी सिक्योरिटीज़ यानि सरकारी बॉन्ड आदि की खरीद बिक्री पर होने वाले निपटारे की रकम के तौर पर होगा. रिजर्व बैंक ने इसके साथ ये भी कहा है कि महीने भर के भीतर खुदरा लेनदेन के लिए भी डिजिटल रु का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च होगा.आपको बता दें कि डिजिटल रुपये का इस्तेमाल पहले बड़े पेमेंट और सेटलमेंट के लिए किया जाएगा.
कैश रखने की झंझट होगी खत्म, 1 दिसंबर को आरबीआई आम आदमी के लिए लॉन्च करेगा Digital Rupee
LagatarDesk : आम आदमी को कल से पर्स या पॉकेट में कैश रखना नहीं पड़ेगा. क्योंकि 1 दिसंबर बिटकॉइन के फायदे क्या है? को आरबीआई रिटेल डिजिटल रुपये (Digital Rupee) लॉन्च करने वाला है. रिटेल डिजिटल करेंसी का यह पहला पायलट प्रोजेक्ट होगा. पहले चरण के पायलट प्रोजेक्ट में रिटेल डिजिटल रुपये को इसे चुनिंदा जगहों जैसे मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु व भुवनेश्वर जैसे शहरों में रोलआउट किया जायेगा. वहीं रिटेल डिजिटल रुपये के पहले चरण के पायलट प्रोजेक्ट में चार बैंक शामिल होंगे. इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक शामिल हैं. बैंकों के साथ नेशनल पेंमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और आरबीआई की भूमिका भी अहम होगी. (बिटकॉइन के फायदे क्या है? पढ़ें, गिरिडीह : बालमुकुंद स्टील फैक्ट्री में आयकर विभाग की छापेमारी)
पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट में 4 बैंकों को बिटकॉइन के फायदे क्या है? किया गया है शामिल
रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले चरण के बाद रिटेल डिजिटल रुपये के दूसरे चरण के पायलट प्रोजेक्ट में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बिटकॉइन के फायदे क्या है? एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल रहेंगे. वहीं दूसरे चरण के पायलट प्रोजेक्ट में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला शहरों में इसको रोलआउट किया जायेगा. जैसे-जैसे प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा इसमें और अधिक बैंक और शहरों को जोड़ा जायेगा. बता दें कि इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 1 नवंबर को होलसेल ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल रुपया (E-Rupee) लॉन्च किया. अब सेंट्रल बैंक रिटेल ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल करेंसी को पेश करने जा रहा है.
डिजिटल टोकन की तरह E-Rupee का कर सकेंगे इस्तेमाल
E-Rupee एक डिजिटल टोकन की तरह से काम करेगा. यानी E-Rupee आरबीआई की ओर से जारी किये जाने वाले करेंसी नोट का डिजिटल स्वरूप ही होगा. इसका इस्तेमाल करेंसी की तरह ही लेन-देन के लिए किया जा सकेगा. RBI के मुताबिक, ई-रुपया का डिस्ट्रीब्यूशन बैंकों के माध्यम से होगा. ग्राहक बैंकों से एप के जरिए इसे खरीद सकेंगे और अपने मोबाइल फोन में सुरक्षित कर सकेंगे. इसके बाद डिजिटिल वॉलेट और मोबाइल के जरिये E-Rupee से व्यक्ति-से-व्यक्ति या व्यक्ति-से-मर्चेंट के बीच लेनदेन किया जा सकेगा. क्यूआर कोड स्कैन करके भी इससे पेमेंट किया जा सकेगा. हालांकि केंद्रीय बैंक के रिटेल डिजिटल रूपये पर ग्राहकों को कोई ब्याज नहीं मिलेगा. डिजिटल रुपये को करेंसी नोट और सिक्कों के डिनॉमिनेशन में परिवर्तित किया जा सकेगा.