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जोश में निवेशक

जोश में निवेशक
प्राजना घोष का चित्रण | दिप्रिंट.

निवेशक जोखिम क्षमता के आधार पर ही लें निर्णय

पिछले दो वर्षों में भारतीय परिदृश्य में लगभग हर निवेशक ने आईपीओ के विषय में पढ़ाए सुना या इसमें निवेश किया होगा और एलआईसी के आईपीओ का तो नए निवेशकों में भी एक अलग ही जोश था। जो कंपनी अपने शेयर प्रदान करती है, उसे ‘जारीकर्ता’ कहा जाता है और आईपीओ प्राथमिक बाजार में लाया जाता है। आईपीओ के बाद कंपनी के शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जाता है और आम निवेशकों द्वारा इनमें कारोबार किया जा सकता है। सूचीबद्ध होने के पश्चात इन शेयरों का द्वितीयक बाजार में लेन-देन होता है।

लेखक : करुणेश देव

प्राथमिक बाजार: आईपीओ के माध्यम से पहली बार जिस बाजार में आम जनता को नए शेयर बांड खरीदने की पेशकश की जाती है। वह ‘प्राथमिक बाजार है। इसे ‘आईपीओ बाजार के रूप में भी जाना जाता है।

विशषताएं: 1. प्राथमिक बाजार कंपनी की दीर्घकालिक पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करता है। 2. इसमें प्रतिभूतियों की कीमतें जारी करने से पहले तय होती हैं। 3. निवेशक सीधे जारीकर्ता से शेयर खरीदते हैं।

द्वितीयक बाजार: जब कंपनी किसी एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो जाती है और उसके शेयरों का निवेशकों के बीच कारोबार होता है, तो इस बाजार को द्वितीयक बाजार कहा जाता है। (जैसे बीएसई और एनएसई)

विशेषताएं: 1. द्वितीयक बाजार में शेयरों की कीमतें बदलती रहती हैं और मांग-आपूर्ति व अन्य कारकों पर निर्भर करती हैं।
2. निवेशक आपस में प्रतिभूतियां खरीदते और बेचते हैं।
3. प्राथमिक बाजार के विपरीत इस बाजार में खरीदना और बेचना एक निरंतर प्रक्रिया है।

आईपीओ में निवेश से पहले इन तथ्यों का अवश्य ध्यान रखा जाना चाहिए

कंपनी का मूल्यांकन: आम निवेशकों के लिए कंपनी का मूल्यांकन करना आसान नहीं है, इसलिए उन्हें अधिक से अधिक जानकारी जुटाने का प्रयास करना चाहिए। निवेशक प्रॉस्पेक्टस और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध अन्य जानकारी कंपनी की वेबसाइट, कॉर्पोरेट फाइलिंग आदि से जुटाकर उसका आकलन कर सकते हैं।

कंपनी का प्रॉस्पेक्टस: आईपीओ लाने वाली कंपनी को अपने व्यवसाय, वित्तीय विवरणों, पूंजी संरचना, प्रबंधन टीम, भविष्य के लक्ष्य, वित्तीय स्थिति आदि के विषय में सभी महत्त्वपूर्ण जानकारी का अनिवार्य रूप से खुलासा करना होता है। यह एक महत्त्वपूर्ण दस्तावेज है और इसे बारीकी से पढ़ा जाना चाहिए।

व्यापार के जोखिम: निवेशकों को व्यापार के लिए वर्तमान और भविष्य के जोखिमों का आकलन करने का प्रयास करना चाहिए। कंपनी के व्यवसाय से जुड़े जोखिमों का पता लगाना उसमें निवेश से पहले अत्यंत आवश्यक है। किसी पुराने सौदेए उधारएदेनदारियां या मुकदमे को बारीकी से देखा जाना चाहिए क्योंकि इस प्रकार के जोखिम भविष्य के जोश में निवेशक लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।

धन का उपयोग: यह जांचना आवश्यक है कि आईपीओ से जुटाई गई राशि का प्रयोग कैसे किया जाएगा। यदि कंपनी राशि का उपयोग केवल अपने ऋण का भुगतान करने या कम करने के लिए करेगी, तो यह निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प नहीं हो सकता है, लेकिन कंपनी अगर अपने ऋण के आंशिक भुगतान के लिए धन जुटा रही है और बाकी पूंजी निवेश या व्यापार के विस्तार के लिए, तो यह निवेशकों के लिए लाभदायक होगा।

व्यापार की संभावना: निवेशकों को कंपनी के व्यापार-क्षेत्र में उसके भविष्य को समझने के लिए व्यवसाय की क्षमता का विश्लेषण करना चाहिए, जिन निवेशकों ने कंपनी के व्यापार में निवेश किया है, उन्हें लाभ तभी होगा जब कंपनी आईपीओ के बाद निरंतर अच्छा प्रदर्शन करेगी।

निवेश की समयसीमा: निवेशकों को निवेशित रहने की समयसीमा के विषय में स्पष्टता होनी चाहिए। यदि उनका उद्देश्य लिस्टिंग के दिन तुरंत लाभ कमाना है, तो उन्हें इस रणनीति पर बने रहना चाहिए। यदि उनकी योजना लंबी अवधि के लिए शेयरों को रख कर लाभ कमाने की है, तो लंबी अवधि के कारकों को ध्यान में रखना होगा। जैसे, कंपनी का प्रदर्शन, उसके उत्पादों के लिए उपयुक्त बाजार, प्रतिस्पर्धी कंपनियों का आकलन आदि।

चलते चलते

व्यापार के लिए पूंजी का आसानी से और समय पर उपलब्ध होना अत्यंत आवश्यक है। आईपीओ के माध्यम से कंपनी अपने विकास और भविष्य की संभावनाओं में सार्वजनिक भागीदारी के साथ आवश्यक धन भी जुटा सकती है। निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर ही निर्णय लेना चाहिए। सतर्क निवेशकों की बाजारों में सफलता की संभावना निश्चित रूप से अधिक होती है।

नोट : यहां दी गई जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य से दी गई है। किसी भी निवेश से पहले उसकी पूरी जानकारी अवश्य लें।

PM Modi visit in Aligarh: पीएम मोदी डिफेंस कारिडोर निवेशकों में भर गए जोश, जानिए मोदी ने क्‍या कहा

दीप एक्सप्लो लिमिटेड सहित अन्य कंपनियों ने भी फैक्ट्री निर्माण के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।

PM Modi visit in Aligarhडिफेंस कारिडोर के निवेशकों में पीएम जोश भर गए हैं। महानगर से 12 किलो मीटर खैर-पलवल मार्ग अंडला स्थित डिफेंस कारिडोर में निवेश करने वाले उद्यमियों ने अब फैक्ट्रियों के निर्माण के लिए नक्शा तैयार कराएंगे।

अलीगढ़, जेएनएन। डिफेंस कारिडोर के निवेशकों में पीएम जोश भर गए हैं। महानगर से 12 किलो मीटर खैर-पलवल मार्ग अंडला स्थित डिफेंस कारिडोर में निवेश करने वाले उद्यमियों ने अब फैक्ट्रियों के निर्माण के लिए नक्शा तैयार कराएंगे। अबतक रक्षा हथियार व कलपुर्जे व सेना के साजो समान का उत्पादन करने के लिए 19 कंपनियों को 21 प्लाट आवंटित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश एक्स प्रेसवेज विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने करीब100 हेक्टेयर भूमि का अब तक आवंटन कर चुके हैं। 100 हेक्टेयर भूमि और अधिग्रहण करनी है।

पीएम ने जो कारिडोर को विकसित करने के लिए संभावनाएं व्यक्त की हैं, उनसे निवेशक गदगद हैं। उनका कहना है कि अब हमारी बारी है। जिन उद्यमियों को यूपीडा के कब्जा दिला दिए हैं, वे अपनी फैक्ट्रियों के नक्शा तैयार कर यूपीडा से पास कराएंगे। दो चरणों में निवेशकों को आवंटित किए गए प्लाट में करीब 1500 करोड़ रुपये का निवेश होगा। सात हजार लोगों को राजगार मिलागा। अलीगढ़ नोड में अमेरिका से ताल्लुक रखने वाली देशी कंपनी वेरीविन डिफेंस प्राइवेट लिमिटेड सेना व अर्ध सैनिक बलों के लिए रायफल व रिवाल्वर तैयार करेंगे। इसके लिए एक कंपनी को गृहमंत्रालय ने लाइसेंस भी जारी कर दिया है। एलन एंड एलवन एक विदेशी कंपनी के साथ ड्रोन तैयार करेगी। नित्या क्रिएशन इंडिया, दीप एक्सप्लो लिमिटेड सहित अन्य कंपनियों ने भी फैक्ट्री निर्माण के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।

जिला कारागार की फेसबुक पर जेल के अंदर की तस्वीर अपलोड कर दी। फोटो जागरण

पीएम के भाषण से अभीभूत हूं। हमारी कंपनी ने निवेश के लिए फैसला लिया था। जमीन पर कब्जा मिल चुका है। अब पीएम के सपने को साकार करने के लिए जल्द ही आगे की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।

- प्रीती वाड्रा, निदेशक, एलन एंड एलवन

पीएम ने जिस काम का शुभारंभ किया है, इसे हम अंजाम तक पहुंचाएंगे। निवेशाकों में पीएम जोश भर गए है। उद्यमी उनके भाषण जोश में निवेशक से अभीभूत हैं। यह अलीगढ़ के लिए सौभाग्य है कि उन्हाेंने ताला-तालीम की तरक्की के लिए नए द्वार खोल दिए हैं। इसके लिए सीएम भी बधाई के पात्र है।

सिविल लाइन थाना क्षेत्र के भमौला बिरयानी खाने पर मारपीट हो गई।

- मुकेश जैन, सचिव, फेडरेशन आफ इनोवेटिव मैन्युफैक्चरर

निजी क्षेत्र में आधुनिक रक्षा उपकरणों का निर्माण भारतीय सेना को बल देगा, यह अवसर देने के लिए जोश में निवेशक भारत सरकार व उत्तर सरकार का बहुत आभार। हमारी कंपनी जल्द ही इन्फ्रास्ट्रेक्चर तैयार कर काम शुरू करेगी।

- मोहित शर्मा, निदेशक, वेरीविन डिफेंस, प्राइवेट लिमिटेड

हमें गर्व है कि हमारे रक्षा उपकरण देश की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किये जायेंगे, सरकार द्वारा प्रोत्साहन बहुत सरहानीय है। हम रक्षा हथियारों में आत्म निर्भर बनने जा रहे हैं।

भाजपा युवा मोर्चा जवा मंडल के उपाध्यक्ष कौशल चौहान रिपोर्ट दर्ज कराई है।

- अनिरुद्ध सिंह चौहान, निवेशक लखनऊ

हमारी कंपनी को कारिडोर में जमीन पर कब्जा मिल गया है। मूल भूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यूपीडा जुटी हुई है। जल्द नक्शा तैयार कराकर निर्माण काम शुरू करेंगे।

- नवनीत वाष्णे्रय, निवेशक व चेयरमैन, नित्या क्रिएशन इंडिया

ताला-हार्डवेयर के बाद अब हम सेना के लिए हथियार बनाने जा रहे हैं। यह अलीगढ़ के लिए सुनहरा अवसर होगा। पीएम के भाषण से जोश भरा है। अब और भी शक्ति के साथ काम करेंगे।

कासिमपुर हरदुआगंज परियोजना में मशाल जुलूस निकालते बिजली कर्मचारी।

- मोहित गुप्ता, फेडरेशन आफ इनोवेटिव मैन्युफैक्चरर

अलीगढ़ के उद्यमियों में पीएम जोश भर गए हैं। डिफेंस कारिडोर विकसित होने से अलीगढ़ का विकास तेजी से होगा। इससे अन्य कारोबार को भी प्रोत्साहन मिलेगा। युवा वर्ग को कुछ नया करने का मौका मिलेगा।

- प्रवीण मंगला, चेयरमैन, ओजोन ग्रुप

हमारी फर्म सेना के लिए पहले से ही उत्पादन उपलब्ध कराती है। निवेश के लिए पांच करोड़ रुपये का एमओयू साइन किया है। जल्द ही मौका मिलने की उम्मीद है। कारोबार को रफ्तार मिलेगी।

आरआईएल एजीएम 2020: अंबानी के भाषण में निवेशकों को नहीं दिखा नया जोश, 24 घंटे में एक लाख करोड़ घटा मार्केट कैप, शेयर टॉप से 8 प्रतिशत टूटा

पिछली एजीएम यानी 12 अगस्त 2019 से देखें तो कंपनी ने मार्केट कैपिटलाइजेशन में 5.60 लाख करोड़ रुपए की राशि जोड़ी है - Dainik Bhaskar

साल 2019 की एजीएम में भारी-भरकम घोषणा कर 10 मिनट में शेयरों में बेतहाशा वृद्धि करनेवाले रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी इस बार निवेशकों में नया जोश में निवेशक जोश भरने में विफल रहे हैं। इसका असर यह हुआ कि महज 20 घंटे में ही कंपनी का शेयर 8 प्रतिशत टूट गया। जबकि इसके मार्केट कैपिटलाइजेशन में एक लाख करोड़ रुपए की कमी आई है। गुरुवार को आरआईएल का शेयर 1,812 रुपए तक चला गया और मार्केट कैप 11.50 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया।

बुधवार को मार्केट कैप 12.54 लाख करोड़ तक पहुंचा था

बुधवार को एजीएम शुरू होने से पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 1,978 रुपए तक जा पहुंचा था। मार्केट कैप इसी समय 12.54 लाख करोड़ रुपए के ऊपर हो गया था। लेकिन जैसे ही मुकेश अंबानी ने एजीएम की शुरुआत की, शेयर में गिरावट शुरू हो गई। शेयर बुधवार को एक बार तो 9 प्रतिशत तक टूट गए। हालांकि शाम को यह 4 प्रतिशत के करीब गिरकर 1,845 रुपए पर बंद हुआ था।

गुरुवार को 1,850 रुपए पर खुला, लेकिन बाद में गिरा

गुरुवार को बाजार खुलने पर आरआईएल का शेयर बढ़त के साथ 1,850 रुपए पर खुला। लेकिन देखते ही देखते यह पहले ही घंटे में 1,812 रुपए पर पहुंच गया और मार्केट कैपिटलाइजेशन इसी दौरान 11.50 लाख करोड़ रुपए हो गया। इस तरह से बुधवार से गुरुवार की सुबह तक मार्केट कैपिटलाइजेशन में एक लाख करोड़ रुपए की कमी देखी गई। हालांकि दोपहर के बाद शेयरों में थोड़ा सुधार दिखा और यह बुधवार के बंद के स्तर पर पहुंच गया। जबकि मार्केट कैपिटलाइजेशन भी 11.69 लाख करोड़ रुपए हो गया।

एक हफ्ते में 9 प्रतिशत बढ़ा शेयर

इस पूरे हफ्ते में आरआईएल का शेयर 9 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा है। जबकि एक महीने में यह 21 प्रतिशत और इस साल के शुरू से यह 29 प्रतिशत बढ़ा है। हालांकि पिछली एजीएम यानी 12 अगस्त 2019 से देखें तो कंपनी ने मार्केट कैपिटलाइजेशन में 5.60 लाख करोड़ रुपए की राशि जोड़ी है। इसका शेयर तब से 66 प्रतिशत बढ़ा है। हालांकि उस एजीएम में कंपनी के कर्ज मुक्त, जियो में हिस्सेदारी बेचने जैसी तमाम घोषणाओं का निवेशकों ने स्वागत किया। लेकिन इस बार पिछली घोषणाओं से ज्यादा कुछ खास नहीं था। यही कारण है कि कंपनी के शेयरों पर दबाव दिख रहा है।

पारिवारिक शख्स, आत्मविश्वासी निवेशक और घोर आशावादी- अलविदा राकेश झुनझुनवाला

शेयर बाजार से सबसे ज्यादा पैसा बनाने वाले राकेश झुनझुनवाला को दो दशक पहले ही भरोसा हो गया था कि भारतीय अर्थव्यववस्था और शेयर बाज़ार में जबरदस्त उछाल आने वाला है.

प्राजना घोष का चित्रण | दिप्रिंट.

मुझे याद आ रहा है, करीब दो दशक पहले मुंबई के ताजमहल होटल में अर्थशास्त्री रघुराम राजन की किताब ‘सेविंग कैपिटलिज्म फ्रॉम जोश में निवेशक द कैपिटलिस्ट्स’ पर परिचर्चा चल रही थी. हॉल के एक तरफ से अचानक एक बेहद बुलंद आवाज़ उभरी, कोई कह रहा था कि भारत और उसके शेयर बाज़ार में अभूतपूर्व उछाल आने वाला है. इस बात का न तो वहां कोई संदर्भ था, और न वह इसके लिए उपयुक्त स्थान था. बाद में पता चला कि वह आवाज़ राकेश झुनझुनवाला की थी, जिनसे मैं कुछ दिनों बाद शराब के दौर के साथ मिला. बल्कि सही यह है कि दक्षिण मुंबई के ज्योफ्रे बार में कई दौरों के साथ उनसे मिला.

अपशब्दों और रंग-बिरंगी कहावतों से भारी एकतरफा बातचीत, जिसमें शेयर बाज़ार को महिलाओं के समान बताते हुए राकेश ने बताया कि वे भारत में आ रहे उछाल को लेकर इतने आशावादी क्यों हैं. उनका आशावाद उनकी बुनियादी समझदारी की देन थी, इसके पीछे कोई गहरी बात नहीं थी. लेकिन उन्होंने अच्छी-ख़ासी दौलत बना ली थी (उस शाम मुलाक़ात खत्म होने के बाद उन्होंने 1000 रुपये के नोटों की गड्डी से कुछ नोट निकालकर भुगतान किए), बाद में जो हुआ उसके सामने कुछ नहीं थी.

मैंने पाया कि राकेश अक्सर अपनी सबसे ऊंची आवाज़ में जोश के साथ बातें करते थे. शेयर खरीदने की अपनी रणनीति के बारे में वे कभी साफ-साफ नहीं बोलते थे, बस तीखी बातें करते थे, वह भी शायद जान-बूझकर. मुझे उन्होंने एक बार ही फोन करके निवेश का सलाह दी थी— ‘टाटा मोटर्स खरीद लो’. लेकिन मैंने सलाह नहीं मानी थी. बाद में जोश में निवेशक उन्होंने मुझे मैसेज भेजा कि कंपनी के शेयर की कीमत कितनी बढ़ गई है इसलिए मैं याद रखूं.

शेयर बाजार से दूसरे के मुक़ाबले सबसे ज्यादा पैसे बनाने के कारण वे बाज़ार से ज्यादा भारत को लेकर ज्यादा आशावादी रहते थे और अपनी दौलत से ज्यादा देश की बातें करते थे. उनके जोश में निवेशक राजनीतिक विचार हिंदुत्ववादी दावों की ओर झुके थे. और हमेशा की तरह उनकी भाषा और उनके हाव-भाव में संयम की कमी ही रहती थी. उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था कि उनके विचारों को मैं कच्चा मानता था, वे अपनी बात कह डालते थे. गौरतलब है कि अच्छे प्रयासों के लिए दान देने के मामले में वे राजनीतिक भेदभाव नहीं करते थे.

वे पूरी तरह पारिवारिक व्यक्ति थे. अपनी बातचीत में वे अपने पिता और पत्नी का जिक्र अक्सर किया करते थे. वे संतान पाने को बहुत इच्छुक थे और जब उन्हें बच्चे हुए तो वे खूब खुश थे. वे फिल्में खूब पसंद करते थे और कुछ फिल्मों में उन्होंने पैसे भी लगाए थे. अपने 60वें जन्मदिन पर व्हीलचेयर से बंधे होने के बावजूद बैठे-बैठे उन्होंने जो डांस किया था वह उनके निधन के बाद खूब वायरल हुआ. ज़िंदगी के प्रति उनके उत्साह का यह स्थायी सबूत है. मलाबार हिल इलाके में उन्होंने बड़ा प्लॉट खरीदकर कोठी बनवाई लेकिन वे खुल कर दान देने लगे थे और कहा करते थे कि वे और बहुत कुछ करना चाहते हैं.

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लोगों पर उन्हें भरोसा था. जिस विश्वविद्यालय को उन्होंने दान दिया था वहां जाने से यह कहकर मना कर दिया कि उसे ठीक से चलाने वाले लोग वहां मौजूद हैं. उनका दावा था कि उन्होंने अपनी ‘आकासा एअर’ में प्रमुख लोगों को 40 फीसदी ‘स्वेट इक्विटी’ दे रखी है. ‘उनकी हिस्सेदारी काफी है इसलिए मुझे चिंता करने की जरूरत नहीं है. मुझे किसी को जवाब नहीं देना है.’ इस पर अमल करते हुए वे केवल अपना पैसा ही निवेश करते थे.

फिर भी, अपनी एअरलाइन के साथ राकेश एक निवेशक से एक उद्यमी बन गए थे. उनके करीबी दोस्त, उनके उलट मृदुभाषी राधाकृष्ण दमानी ने उनके लिए रास्ता बना दिया था. दमानी ने जब अपनी रिटेल चेन डीमार्ट शुरू नहीं की थी तभी वे दोनों दलाल स्ट्रीट में मिले थे. इस चेन का बाज़ार मूल्य आज 2.8 ट्रिलियन रुपये के बराबर है. इसमें दमानी की जो हिस्सेदारी है उससे राकेश की आश्चर्यजनक दौलत का अंदाजा लगाया जा सकता है.

एक बार एक दिलचस्प बातचीत में राकेश ने मुझसे कहा था कि देश उनके समुदाय के कब्जे में है. इसे स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा था कि वे बनिया समुदाय के अग्रवाल हैं, जैसे जिंदाल, बंसल, गोयल, मित्तल, सिंहल, आदि गोत्र हैं. इसके बाद उन्होंने ख्यात आला व्यवसायियों के नाम गिनाए, सभी अग्रवाल थे. उन्होंने पूछा था, ‘तो बोलो बॉस, देश हमारी मुट्ठी में है कि नहीं?’

हमारी आखिरी मुलाक़ात दिल्ली में हुई थी जहां वे प्रधानमंत्री से लेकर तमाम राजनीतिक दिग्गजों से मिलने आए थे. लंच में उन्होंने शेखर गुप्ता और मुझे भी बुलाया था. वे व्हीलचेयर में थे और बुरी हालत में थे. लेकिन वे ज़ोर देकर कह रहे थे उनके मेडिकल संकेतक दुरुस्त हैं. लेकिन उनका पुराना जज्बा गायब था. एक सेवक उन्हें कुछ-कुछ देर पर दवाइयां खिला रहा था. उन्हें इस तरह देखकर जीवन से बड़ी उनकी हस्ती को लेकर हम केवल पूर्वाभास ही लगा सकते थे.

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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