एक तकनीकी विश्लेषण

आभासी मुद्राएँ

आभासी मुद्राएँ

योगशास्त्र में इन्हीं छ: अंगों में षड्चकों को लिया जाता है ! षड्चक्रों का भूमि से स्पर्श होना इन चक्रौं की सक्रियता और समन्वित एकाग्रता को इंगित करता है ! एक साथ संपूर्ण शरीर के षड्चक्रों का स्पर्श होना, संपूर्ण एकाग्रता, पूर्ण समर्पण और पूर्ण श्रद्धा का प्रमाण है !!

साष्टांग दंडवत प्रणाम क्यों किया जाता है ? Sansthanam

ऐसे या वैसे / दिनेश कुमार शुक्ल

कुछ आत्मपीड़न में जा गिरते हैं
और कुछ घुस जाते हैं परपीड़न में
कुछ वंचना में जा बसते हैं, कुछ रमते विश्वास में
कुछ भागते हैं जीवन की छाया तक से
और कुछ जीवन के आस-पास
काटते हैं चक्कर किनारे-किनारे ही
फिर भी मॅंझधार में डूबते देखे गये हर बार

कुछ आकाश में करते हैं वास
और कुछ अपने संकोच में
सिकुड़ते-सिकुड़ते
ख़ुद में घुलते चले जाते हैं
और जिस ज़मीन पर खड़े होते हैं वे
वो ज़मीन भी सिकुड़ते-सिकुड़ते
कल्पना में विलीन हो जाती है

कुछ लोग विस्तार में ही पाते हैं निस्तार
और वे फैलते-फैलते अपने फैलाव में बिला जाते हैं,
स्मृतियाँ कल्पनाओं का ही
प्रतिबिम्ब हैं काल के दर्पण में,
कुछ अमूर्तन में अन्तर्धान हो जाते हैं
और कुछ का लोप हो जाता है
अभिव्यक्ति के अतिरेक में,

देश की राजधानी और मुद्राएँ Hindi GK

All Countries Capital, Currency, Language, call code etc.

सामान्य ज्ञान आभासी मुद्राएँ संबंधित एप्लीकेशन देश की राजधानी और मुद्रा। उम्मीद है हर आभासी मुद्राएँ Banking, SSC, HSC, University, Police, Railway, Army Navey पढ़ने वाले स्टूडेंट के लिए मददगार साबित होगा। इस एप्लीकेशन में हर देश के बारे में जानकारी दिया गया है। जैसे कि हार देश के भाषा के बारे में, हर देश के मुद्रा के बारे में और फोन नंबर के बारे में जानकारी दिया गया है। इस ऐप को 2020 के सामान्य ज्ञान के एप्लीकेशन बोला जा सकता है।

हर देश में अलग अलग भाषा, मुद्रा होता है। हर स्टूडेंट को हर देश के बारे में जानकारी होना चाहिए। लेकिन कहीं भी एक साथ सब जानकारी नहीं मिलता है।

this is best hindi Important gk application like Current Affairs for All Exams. Get the complete details of All Countries Capital, Currency, Language, call code etc. This Application is useful for Banking, SSC, HSC, University, Police ,Army Navey etc.

साष्टांग दंडवत प्रणाम क्यों किया जाता है ? Sansthanam

दंडवत प्रणाम भारत में ऎसी परंपरा है, जिसमें अभिवादन की पराकाष्ठा है ! यदि इस मानव शरीर से किसी व्यक्ति, मूर्ति या देवता का अभिवादन या उसके प्रति श्रद्धा का अर्पण पूर्ण मनोयोग से किया जाए, तो उसकी मुद्रा दंडवत प्रणाम ही हो सकती है !!

शास्त्रों में दंडवत प्रणाम को "साष्टांग प्रणाम" भी कहा जाता है ! प्राचीनकाल में "दंड" सीधे बाँस को कहा जाता था, और जब इस बाँस को भूमि पर समतल रख दिया जाए, तो वह मुद्रा "दण्डवत" हो जाती है ! जब शरीर को इसी अवस्था में मुंह के बल भूमि पर लिटा दिया जाए, तो इसे दंडवत प्रणाम कहते हैं ! शरीर की इस मुद्रा में आभासी मुद्राएँ शरीर के छ: अंगों का भूमि से सीधा स्पर्श होता है ! अर्थात् शरीर मे स्थित छ: महामर्मो का स्पर्श भूमि से हो जाता है, जिन्हें वास्तुशास्त्र में "षण्महांति" या "छ:महामर्म" स्थान माना जाता है ! ये अंग वास्तुपुरूष के महामर्म इसलिए कहे जाते हैं, क्योंकि आभासी मुद्राएँ ये शरीर (प्लॉट) के अतिसंवेदनशील अंग होते हैं !!

टेस्ला सूट (Tesla Suit) क्या है ? इससे क्या होता है ? | What is Tesla Suit in Hindi

टेस्ला सूट के बारे में जानने के लिये हमें वर्चुअल रियलिटी (Virtual Reality) के बारे में जानना आवश्यक है | वर्चुअल रियलिटी यानि आभासी वास्तविकता , वर्चुअल रियलिटी एक ऐसी तकनीक है जो हमें वास्तविकता का आभास करवाने वाला वातावरण प्रदान करती है|वर्चुअल रियलिटी एक कृत्रिम, कंप्यूटर से उत्पन्न सिमुलेशन या वास्तविक वातावरण का आभास है। उपयोगकर्ता को ज्ञानेंद्रियों के माध्यम से वास्तविकता महसूस होती है।

क्या करेगा ये टेस्ला सूट ?

  • यदि वीडियो गेमिंग में रुचि रखते हैं तो आपने वीआर हेडसेट के बारे में जरूर सुना होगा। जब आप अपने वीडियो गेम में वी आर हेडसेट का उपयोग करते हैं तो आप चीजों को वास्तविक चीजों की तरह देख पाते हैं और सुन पाते हैं लेकिन आप कुछ भी महसूस नहीं कर पाते या छू नहीं पाते। टेस्ला सूट के माध्यम से यह संभव है ।
  • टेस्ला स्टूडियो (टेस्ला मोटर्स से संबंधित नहीं) द्वारा टेस्लासूट को फुल बॉडी हैप्टिक( स्पर्श से सम्बंधित) और मोशन ट्रैकिंग (गति से संबंधित)प्रणाली के रूप में डिजाइन किया गया है यह एक ऐसा परिधान है जिससे आपको देखने, छूने,गिरने, चलने , सुनने, महसूस करने ( जैसे हवा, पानी,तापमान इत्यादि ) , हर तरह की गतिविधियों का आभास होता है ।
  • यह आपकी त्वचा, मांसपेशियों और तंत्रिका को उत्तेजित करने के लिए सटीक नियंत्रित विद्युत कम्पन का उपयोग करता है। इस प्रकार आभासी मुद्राएँ शरीर पर विभिन्न संवेदनाओं को अनुभव होता है ।

साष्टांग दंडवत प्रणाम क्यों किया जाता है ? Sansthanam

दंडवत प्रणाम भारत में ऎसी परंपरा है, जिसमें अभिवादन की पराकाष्ठा है ! यदि इस मानव शरीर से किसी व्यक्ति, मूर्ति या देवता का अभिवादन या उसके प्रति श्रद्धा का अर्पण पूर्ण मनोयोग से किया जाए, तो उसकी मुद्रा दंडवत प्रणाम ही हो सकती है !!

शास्त्रों में दंडवत प्रणाम को "साष्टांग प्रणाम" भी कहा जाता है ! प्राचीनकाल में "दंड" सीधे बाँस को कहा जाता था, और जब इस बाँस को भूमि पर समतल रख दिया जाए, तो वह मुद्रा "दण्डवत" हो जाती है ! जब शरीर को इसी अवस्था में मुंह के बल भूमि पर लिटा दिया जाए, तो इसे दंडवत प्रणाम कहते हैं ! शरीर की इस मुद्रा में शरीर के छ: अंगों का भूमि से सीधा स्पर्श होता है ! अर्थात् शरीर मे स्थित छ: महामर्मो का स्पर्श भूमि से हो जाता है, जिन्हें आभासी मुद्राएँ वास्तुशास्त्र में "षण्महांति" या "छ:महामर्म" स्थान माना जाता है ! ये अंग वास्तुपुरूष के महामर्म इसलिए कहे जाते आभासी मुद्राएँ आभासी मुद्राएँ हैं, क्योंकि ये शरीर (प्लॉट) के अतिसंवेदनशील अंग होते हैं !!

रेटिंग: 4.81
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 139
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *