खाता क्या हैं

- खाता खोलने के लिए प्रपत्र डाउनलोड करें (हिंदी - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है ) (अंग्रेजी - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है )
- क्या आपको मदद की ज़रूरत है? आप पीएमजेडीवाई सहायता केन्द्र - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है से संपर्क कर सकते हैं।
- राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर : 1800 11 0001 और 1800 180 1111
व्यापार खाता क्या है। (What is Trading Account)
दोस्तों इस पोस्ट मे हम व्यापार खाता (Trading Account) के बारे में बात करेगे। की व्यापार खाता (Trading Account) क्या होता है। और व्यापार खाता (Trading Account) खाता क्यों बनाया जाता है। तथा व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से किसी व्यवसायी को क्या लाभ होता है।
पर दोस्तों व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से पहले हमे इसके पहले बनने वाले खातों को समझना होगा। तभी हम व्यापार खाता (Trading Account) बना सकते हैं।
जैसा कि मेने पहले भी कहा था कि लेखांकन (Accounting) की शुरुआत रोजनामचा (journal) से की जाती है। रोजनामचा (journal) से प्रत्येक पक्ष के खाता बही (Ledger) मे खतौनी (Posting) की जाती है तथा इस खाता बही (Ledger) के आधार पर तलपट (Trial Balance) बनाया जाता है। और य़ह तलपट (Trial Balance) अंतिम खाते का आधार होता है। अतः इस तलपट (Trial Balance) के आधार पर ही व्यापार खाता (Trading Account) बनाया जाता है।
Trading Account जिसे हम हिन्दी मे व्यापार खाता या माल खाता भी कहते हैं। किसी व्यवसायी द्वारा माल (Goods) का क्रय विक्रय करने के बाद व्यवसाय में होने वाले सकल लाभ या हानि (Gross Profit and Loss) सकल लाभ या हानि (Gross Profit and Loss) का पता लगाने के लिए व्यवसायी द्वारा एक खाता बनाया जाता है। जिसे व्यापार खाता (Trading Account) कहते हैं।
व्यापार खाता (Trading Account) मे माल (Goods) क्रय विक्रय तथा माल (Goods) क्रय (Purchase) करते समय लगने वाले प्रत्यक्ष खर्चों (Direct Expenses) को शामिल किया जाता है। व्यापार खाता (Trading Account) से किसी व्यवसायी को व्यवसाय में होने वाले सकल लाभ या हानि (Gross Profit and Loss) का पता चलता है।
साधारण भाषा में कहे तो व्यवसाय मे सकल लाभ या हानि (Gross Profit and Loss) का ज्ञात करने के लिए जो खाता तैयार किया जाता है। व्यापार खाता या माल खाता (Trading Account) कहते हैं। व्यापार खाते को माल खाता इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि इस खाते में खाता क्या हैं केवल माल (Goods) के क्रय विक्रय संबधित लेन देनो को ही शामिल किया जाता है।
व्यापार खाता (Trading Account) से होने वाले लाभ या महत्व :-
1. व्यापार खाता (Trading Account) बनांने से किसी व्यवसायी को व्यवसाय के सकल लाभ या हानि (Gross Profit and Loss) का ज्ञान होता है।
2. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से सकल लाभ (Gross Profit) का पता चलता है। और इसी सकल लाभ (Gross Profit) के प्रतिशत (Ratio) से व्यवसायी अपने व्यवसाय का मूल्यांकन करता है।
3. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से व्यवसायी को व्यवसाय में होने वाले शुद्ध क्रय (Net Purchase) का ज्ञान होता है।
शुद्ध क्रय (Net Purchase) निकालने के लिए सूत्र :-
Net Purchase = Cash Purchase खाता क्या हैं + Credit Purchase – Purchase Return
4. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से व्यवसायी को व्यवसाय में होने वाले शुद्ध विक्रय (Net Sales) का ज्ञान होता है।
शुद्ध विक्रय (Net Sales) निकालने के लिए सूत्र :-
Net Sales = Cash Sales + Credit Sales – Sales Return
5. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से व्यवसायी को व्यवसाय में होने वाले प्रत्यक्ष व्ययों (Direct Expenses) का ज्ञान होता है।
6. व्यापार खाता (Trading Account) बनाने से व्यवसाय में विक्रय (Sale) किये गए मॉल (Goods) की लागत का मूल्यांकन करने में आसानी होती है।
व्यापार खाता (Trading Account) का प्रारूप :-
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व्यापार खाते का प्रारूप |
व्यापार खाता (Trading Account) कब बनाया जाता है। :-
साधारणतः व्यापार खाता (Trading Account) वित्तीय वर्ष के अंत में बनाया जाता है। परन्तु कभी-कभी ये व्यवसायी द्वारा 3 माह , 6 माह , तथा 9 माह में व्यवसाय की वित्तीय स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए बनाया जा सकता है।
व्यापार खाता (खाता क्या हैं Trading Account) बनाने का आधार :-
जैसा की हमने पहले भी पढ़ा था। की तलपट (Trial Balance) अंतिम खाते का आधार होता है। यदि आप नहीं जानते की तलपट (Trial Balance) क्या होता है। तो आप जरूर पढ़े :-
व्यापार खाता (Trading Account) तलपट (Trial Balance) के आधार पर बनाया जाता है। अर्थात सबसे पहले तलपट (Trial Balance) बनाया जाता है। फिर इस तलपट (Trial Balance) को देखकर व्यापार खाता (Trading Account) बनाया जाता है।
खाता क्या हैं व्यापार खाता (Trading Account) में शामिल होने वाली मदे :-
- Opening Stock (प्रारंभिक रहतिया )
- Purchase (क्रय )
- Purchase Return (क्रय वापसी )
- Cost Of Purchase (मॉल क्रय करते समय लगने वाले व्यय)
- Cost Of Production (मॉल उत्पादन करते समय लगने वाले व्यय)
- Sales (विक्रय )
- Sales Return (विक्रय वापसी)
- Closing Stock (अंतिम रहतिया )
दोस्तों इस पोस्ट में हमने देखा की व्यापार खाता (Trading Account) क्या है। तथा इसके क्या लाभ है। तो दोस्तों आप को ये पोस्ट कैसा लगा। कृपया मुझे Comment Box में जरूर बताये। और मुझे Follow जरूर करे। ताकि में इन Comment के आधार पर आप की मदद कर सकू।
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम विकास जरीवाला है। खाता क्या हैं और Accounting सीखें हिंदी में ब्लॉग में आप का स्वागत है। दोस्तों आप को इस ब्लॉग पर Accounting, Tally Prime, Tally Erp 9, Commerce Stream आदि से सम्बंधित विषयो की जानकारी हिन्दी भाषा में मिलेगी। दोस्तों मेरा लक्ष्य इस ब्लॉग के माध्यम से आप सभी को कम शब्दों में ज्यादा ज्ञान उपलब्ध करना है। और इसके लिए में हमेशा नई – नई जानकारी अपडेट करता रहता हु। इसलिए आप मेरे ब्लॉग से हमेशा जुड़े रहे। तथा सोशल आइकॉन की मदद से ब्लॉग को शेयर जरूर करे।
Current account new rules : करंट अकाउंट किसे कहते हैं? जानिए नए नियमों का आपके ऊपर क्या होगा असर
Current account new rules : करंट अकाउंट खोलने के लिए कुछ सुरक्षा उपाय निर्दिष्ट किए हैं। आप यहां आरबीआई के नए दिशानिर्देशों के बारे में जान सकते हैं।
Current account new rules : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने करंट अकाउंट यानी चालू खाते खोलने के लिए कुछ सुरक्षा उपाय निर्दिष्ट किए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उधारकर्ताओं के बीच क्रेडिट अनुशासन है और फंड की कोई री-रूटिंग (डायवर्जन) नहीं हो रही है। अगस्त 2020 में अधिसूचित इन नए नियमों को शुरू में तीन महीने में लागू करना था। हालांकि, बैंकों को इनका अनुपालन करने के लिए और समय की जरुरत महसूस होने के चलते इसकी समय सीमा 31 जुलाई 2021 तक बढ़ा दी गई। अब इसे एक बार और बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2021 कर दिया गया है। यहां आप करंट अकाउंट और आरबीआई के नए दिशानिर्देशों के बारे में जान सकते हैं।
करंट अकाउंट किसे कहते हैं?
चालू खाता, जिसे लेनदेन संबंधी खाते (यानी ट्रांजेक्शनल अकाउंट) के रूप में भी जाना जाता है, एक बैंक खाता है जिसमें दैनिक लेनदेन की कोई सीमा निर्दिष्ट नहीं होती है। ये खाते न तो निवेश के उद्देश्य से काम करते हैं, और न ही बचत खाते (सेविंग अकाउंट) की तरह इन खातों में रखी धनराशि पर कोई ब्याज मिलता है। चालू खातों का उपयोग आमतौर पर पेशेवर, छोटे व्यवसाय और उद्यमी करते हैं।
एकल करंट खाता कौन खोल सकता है?
करंट खाता सुविधा आमतौर पर उन लोगों के लिए उपलब्ध है जो किसी न किसी व्यवसाय से जुड़े हैं। इस तरह का खाता खोलने के लिए आपके पास निगमन प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉर्पोरेशन), फर्म या कंपनी के पते का साक्ष्य और आपका पैन कार्ड जैसे दस्तावेज होने चाहिए। कई बैंक जीएसटी पंजीकरण संख्या पर भी जोर देते हैं। नए नियमों के बाद, वे ग्राहक भी चालू खाता खोल सकते हैं जिन्होंने बैंकिंग प्रणाली से कोई लोन सुविधा नहीं ले रखी है और जिनका बैंकिंग प्रणाली में एक्सपोजर 5 करोड़ रुपए से कम है। हालांकि, ऐसा करते समय बैंक ऐसे ग्राहकों को यह वचनपत्र देने के लिए कह सकते हैं कि यदि उधारकर्ता द्वारा बैंकिंग प्रणाली से लिया जाने वाला क्रेडिट 5 करोड़ रुपए को पार कर जाता है तो वे इस बारे में बैंकों को सूचित करेंगे।
ये नए मानदंड क्यों?
यह देखा गया है कि कई उधारकर्ता, जिन्हें बैंकों ने नकदी ऋण (सीसी) या ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधाओं के जरिए पैसा उधार दिया था, उधार ली गई धनराशि को अन्य बैंकों में मौजूद अपने चालू खातों में ट्रांसफर कर रहे थे। यह बैंकिंग नियामक के नजरिए से उचित तरीका नहीं था। आरबीआई ने मानदंडों को इसलिए सख्त बनाया है ताकि उधारदाता संघ (यानी कन्सोर्टियम ऑफ लेंडर्स) से बाहर जाकर उधार लेने वालों द्वारा नए चालू खाते खोलने की इस प्रथा पर अंकुश लगाया जा सके, विशेष रूप से जब अंडर स्ट्रेस होते हैं और एक बैंक से दूसरे बैंक में फंड डायवर्ट करते हैं। अपने खाता क्या हैं परिपत्र में आरबीआई ने कहा है कि "कोई भी बैंक उन ग्राहकों के लिए चालू खाता नहीं खोलेगा, जिन्होंने बैंकिंग प्रणाली से नकदी ऋण (सीसी) / ओवरड्राफ्ट (ओडी) के रूप में क्रेडिट सुविधा प्राप्त की है और सभी लेनदेन सीसी/ ओडी खाते के जरिए किए जाएंगे।
इससे कौन से चालू खाते होंगे?
इसका असर उन उधारकर्ताओं के चालू खातों पर पड़ेगा, जिन्होंने दूसरे बैंकों से सीसी/ओडी की सुविधा ले रखी है। बैंक इस बारे में आपको सूचित करने के लिए नोटिस भेजेगा। इसके अलावा, यदि आपने सीसी/ओडी सुविधाओं का लाभ उठाया है और उन फंड को अपने चालू खाते में ट्रांसफर कर दिया है तो आपका खाता प्रभावित होगा। यदि आपके पास पहले से एक चालू खाता है और आपने कोई सीसी/ओडी सुविधा नहीं ली है तो आपका खाता बंद नहीं होगा।
यदि खाता बंद हो जाता है तो उसमें रखे पैसे का क्या होगा?
अधिकांश बैंकों ने उन चालू खातों को फ्रीज कर दिया है जो नए दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते थे। आपसी समाधान की दृष्टि से बैंक इन खातों को ग्राहकों के लिए फिर से खोल और चालू कर सकते हैं। बंद खातों के मामले में, उन्हें फिर से खाता क्या हैं नहीं खोला जा सकता है लेकिन ग्राहक इसमें रखी हुई रकम निकाल सकते हैं।
यदि चालू खाते को फ्रीज या बंद कर दिया गया है, तो खाते में मौजूद धनराशि उधारकर्ता के बचत या सीसी/ओडी खाते में ट्रांसफर की जा सकती है। आपको उस शाखा में जाना होगा जहां आपका खाता है, और फिर आवेदन पत्र भरकर पैसा ट्रांसफर करने के लिए बैंक से अनुरोध करें। बैंक या तो उक्त खाते में आरटीजीएस कर सकता है या फर्म के नाम पर डिमांड ड्राफ्ट प्रदान कर सकता है, या उस राशि को आपके सीसी/ओडी खातों में ट्रांसफर कर सकता है। कुछ मामलों में, यदि चालू खाते में राशि बहुत कम है तो आप इसे नकद में भी प्राप्त कर सकते हैं (हालांकि, यह बैंक पर और बैंक के साथ आपके संबंधों पर निर्भर करता है)। प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए जरूरी है कि आप सत्यापन के लिए अपना केवाईसी विवरण तैयार रखें।
नए नियमों में 10% ऋण एक्सपोजर की आवश्यकता का क्या अर्थ है?
इसका यह अर्थ है कि बैंकिंग प्रणाली में ग्राहक के कुल ऋण एक्सपोजर में से, यदि किसी उधारदाता के प्रति एक्सपोजर 10% या उससे अधिक है, तो डेबिट सुविधा उस विशेष बैंक के साथ खोले गए सीसी/ओडी खाते में उपलब्ध होगी। उदाहरण के लिए, यदि आपने विभिन्न उधारदाताओं से 5 करोड़ रुपए का ऋण लिया है। मान लीजिए कि इसमें से केवल एक उधारदाता 'क' ने आपको 50 लाख रुपए (कुल ऋण का 10%) या अधिक राशि का ऋण दिया है, तो आप उधारदाता 'क' के साथ खोले गए सीसी/ओडी खाते से ही डेबिट सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
यदि उस उधारकर्ता के बैंकिंग प्रणाली के प्रति एक्सपोजर के 10% या अधिक वाले बैंक एक से ज्यादा हैं, तो जिस बैंक को निधि विप्रेषित की जानी है, वह उधारकर्ता और बैंकों के बीच निर्धारित किया जा सकता है। इसके अलावा, यह उल्लेखनीय है कि जहां एक उधारकर्ता के प्रति किसी बैंक का एक्सपोजर (उस उधारकर्ता के प्रति) बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोजर के 10% से कम है, वहाँ सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट की तो पूरी अनुमति होगी, किंतु इस सीसी/ओडी खाते में डेबिट केवल उधारकर्ता के उस बैंक के सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट के लिए किया जाएगा, जिसका उधारकर्ता के प्रति एक्सपोजर उस उधारकर्ता के प्रति एक्सपोजर का 10% या इससे अधिक है।
निष्कर्ष
31 जुलाई तक ऐसे ज्यादातर चालू खाते फ्रीज कर दिए गए थे लेकिन बंद नहीं किए गए थे। समय सीमा बढ़ाने के बाद, बैंक अब नई व्यवस्था के लिए अपने ग्राहकों से माइग्रेशन पथ के बारे में बात करेंगे। अधिकांश बैंक अपने ग्राहकों के साथ बात कर इन मुद्दों को पारस्परिक रूप से हल करने का प्रयास करेंगे। जिन खातों को फ्रीज कर दिया गया है, उन्हें अब फिर से खोला और चालू किया जा सकता है क्योंकि आरबीआई ने (इन नियमों को) लागू करने की तिथि बढ़ा दी है।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाय)
गरीबी दूर करने के लिए भारत सरकार ने वित्तीय समावेशन को बेहद महत्वपूर्ण बताया है। यदि लोग बड़ी संख्या में वित्तीय सेवाओं से वंचित रहेंगे तो यह हमारे देश खाता क्या हैं के विकास में बाधा बनेगा। नागरिकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए इस योजना की आवश्यकता थी जिससे सभी इससे होने वाले लाभ और विकास का हिस्सा बन सकें।
विश्व की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन योजना प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाय) की घोषणा प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2014 को ऐतिहासिक लाल किले से की थी जिसका शुभारम्भ 28 अगस्त 2014 को पूरे देश में किया गया। योजना के शुभारम्भ के समय माननीय प्रधानमंत्री जी ने इसे गरीबों की इस दुष्चक्र से मुक्ति के त्योहार के रूप में मनाने का अवसर बताया।
माननीय प्रधानमंत्री जी ने एक प्राचीन संस्कृत श्लोक -सुखस्य मूलम धर्मः , धर्मस्य मूलम अर्थः, अर्थस्य मूलम राज्यम का सन्दर्भ दिया जिसके अनुसार आर्थिक गतिविधियों में लोगों को शामिल करने की ज़िम्मेदारी राज्य की है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि "सरकार ने यह ज़िम्मेदारी उठा ली है"। प्रधानमंत्री जी ने इसके लिए तक़रीबन 7.25 लाख बैंक कर्मचारियों को ईमेल भेजा था जिसमें उन्होंने 7.5 करोड़ बैंक खातों को खोलने के लक्ष्य को प्राप्त करने और वित्तीय अस्पृश्यता को समाप्त करने में मदद करने का आग्रह किया था।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है ने भी प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाय) के तहत प्राप्त उपलब्धियों को सराहा है। इसमें यह कहते हुए प्रमाण-पत्र जारी किया गया "वित्तीय समावेशन अभियान" के एक भाग के रूप में एक सप्ताह में जो सबसे अधिक बैंक खाते खोले गए, उसकी संख्या है - 18,096,130 और भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग ने 23 से 29 अगस्त 2014 के बीच यह उपलब्धि हासिल की। केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाय) को अर्थव्यवस्था का एक जबर्दस्त परिवर्तन बताया एवं कहा कि इससे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के लिए एक मंच मिला है जिससे सब्सिडी में आ रही खामियों को दूर करने में मदद मिलेगी एवं राजकोष में बचत को बल मिलेगा।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना क्या है?
प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाय) वित्तीय समावेशन के लिए एक राष्ट्रीय मिशन है जिसका उद्देश्य बैंकिंग/बचत, जमा खाता, प्रेषण, ऋण, बीमा, पेंशन इत्यादि वित्तीय सेवाओं को प्रभावी ढंग से सभी तक पहुँचाना है।
इस योजना के अंतर्गत मैं कहाँ खाता खोल सकता हूँ?
खाता किसी भी बैंक शाखा अथवा व्यवसाय प्रतिनिधि (बैंक मित्र) आउटलेट में खोला जा सकता है।
- खाता खोलने के लिए प्रपत्र डाउनलोड करें (हिंदी - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है ) (अंग्रेजी - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है )
- क्या आपको मदद की ज़रूरत है? आप पीएमजेडीवाई सहायता केन्द्र - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है से संपर्क कर सकते हैं।
- राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर : 1800 11 0001 और 1800 180 1111
- यदि आधार कार्ड/आधार नंबर उपलब्ध है तो किसी अन्य प्रलेख की आवश्यकता नहीं है। यदि आपका पता बदल गया है तो वर्तमान पते का स्वप्रमाणन पर्याप्त है।
- यदि आधार कार्ड उपलब्ध नहीं है तो उस स्थिति में मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाईसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट तथा नरेगा कार्ड जैसे सरकारी रूप से वैध प्रलेखों (ओवीडी) में से किसी एक की आवश्यकता होगी। यदि इन दस्तावेजों में आपका पता भी मौजूद है तो ये पहचान तथा पते के प्रमाण के रूप में कार्य करेगा।
- यदि किसी व्यक्ति के पास कोई भी "वैध सरकारी प्रलेख" नहीं हैं, लेकिन इसे बैंक द्वारा 'कम जोखिम' की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है तो वह व्यक्ति निम्नलिखित में से कोई एक प्रलेख जमा करके बैंक खाता खुलवा सकता/सकती है:
- केंद्र/राज्य सरकार के विभाग, वैधानिक / विनियामक प्राधिकरण, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और लोक वित्तीय संस्थानों द्वारा जारी किये गए पहचान पत्र जिसमे आवेदक की तस्वीर लगी हो;
- व्यक्ति की सत्यापित तस्वीर के साथ राजपत्रित अधिकारी द्वारा जारी किया गया पत्र।
क्या चेकबुक उपलब्ध कराई जाएगी?
प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाय) में खाते शून्य जमा राशि के साथ खोले जा रहे हैं। यदि खाता धारक को चेकबुक चाहिए तो उसे संबंधित बैंक के न्यूनतम शेष राशि से संबंधित मानदंड मानने होंगे।
खाता से क्या आशय है?
इसे सुनेंरोकेंखाता बही सारांश के रूप में यह समस्त खातों और उनके शेषों की सूची है। यदि तलपट के नाम और जमा स्तंभों का योग समान है तो यह माना जाता है कि बही खातों में खतौनी एवं ज्ञात शेष अंकगणितीय रूप से सही है। एक दूसरी अशुद्धि यह हो सकती है कि लेखापाल द्वारा अशुद्ध राशि को समान रूप से नाम एवं जमा पक्ष में अभिलेखित किया गया है।
व्यक्तिगत खाते क्या होते हैं?
इसे सुनेंरोकेंजिन खातों का सम्बन्ध किसी विशेष व्यक्ति से होता है, वे व्यक्तिगत खाते कहलाते हैं। व्यक्ति का अर्थ स्वयं व्यक्ति, फर्म, कम्पनी और अन्य किसी प्रकार की व्यापारिक संस्था होता है। दूसरे शब्दों में, सब लेनदारों तथा देनदारों के खाते व्यक्तिगत खाते होते हैं
शाखा खाता का क्या आशय है शाखाएं कितने प्रकार की होती है?
इसे सुनेंरोकेंतकनीकी रूप से, शाखा खाता एक अस्थायी या नाममात्र खाता बही खाता है, जो एक निर्दिष्ट लेखा अवधि के लिए होता है। आश्रित शाखा के अंतर्गत, दो प्रकार की शाखाएँ सम्मिलित हैं, जिन्हें सेवा शाखा और खुदरा शाखा कहा जाता है
भाई खाता क्या है?
इसे सुनेंरोकेंखाता-बही या लेजर (ledger) उस मुख्य बही (पुस्तक) को कहते हैं जिसमें पैसे के लेन-देन का हिसाब रखा जाता है। आजकल यह कम्पयूटर-फाइल के रूप में भी होती है। खाता बही में सभी लेन-देन को खाता के अनुसार लिखा जाता है जिसमें डेबित और क्रेडित के के दो अलग-अलग कॉलम होते हैं।
आय व्यय खाता से क्या आशय है?
इसे सुनेंरोकें(iii) आय व्यय खाता किसी भी अलाभकारी संगठन की वित्तीय क्रियाओं के शुद्ध परिणाम को जानने के लिए बनाया जाता है। (iv) प्रवेश शुल्क आय की मद होती है। (v) विशिष्ट दान आगम आय की मद होती है। (क) व्यय पक्ष के लिए चरण : प्राप्ति एवं भुगतान खाते के भुगतान स्तम्भ में आगम एवं पूँजीगत दोनों प्रकार की मदें दी हुई होती हैं।
बही खाता से क्या लाभ है?
इसे सुनेंरोकेंबही-खाता या पुस्तपालन या बुककीपिंग एक ऐसी पद्धति है जिसमें किसी कम्पनी, गैर–लाभकारी संगठन या किसी व्यक्ति के वित्तीय लेनदेन के आंकड़ों का प्रतिदिन के आधार पर भंडारण, रिकॉर्डिंग और पुनर्प्राप्त करना, विश्लेषण और व्याख्या करने की प्रक्रिया शामिल होती है।
शाखा खाता कितने प्रकार के होते हैं?
BANK खाते कितने प्रकार के होते हैं – हिंदी में जानिए
- चालू खाता – Current Account.
- बचत खाता- Savings Account.
- आवर्ती जमा खाता- Recurring Deposit Account.
- सावधि जमा खाता- Fixed Deposit Account.
शाखाएं कितने प्रकार की होती है?
Branches of Accounting in Hindi : लेखांकन की विभिन्न शाखाएँ क्या…
- (1) Financial Accounting (वित्तीय लेखांकन)
- (2) Cost Accounting (लागत लेखांकन)
- (3) Management accounting (प्रबंध लेखांकन)
- (4) Tax Accounting (कर लेखांकन) (5) Auditing (लेखा परीक्षा) (6) Fund Accounting (फण्ड लेखांकन) (7) Govt. Accounting (सरकारी लेखा)
लेखांकन कितने प्रकार के हैं?
लेखांकन के प्रकार
- वित्तीय लेखांकन (Financial Accounting)
- प्रबंध लेखांकन (Management Accounting)
- लागत लेखांकन (Cost Accounting)
पूंजी कमी खाता क्या है?
इसे सुनेंरोकेंअर्थशास्त्र में, चालू खाता भुगतान के संतुलन के प्राथमिक दो घटकों में से एक है, दूसरा है पूंजीगत खाता. यह व्यापार शेष (माल और सेवाओं के आयात को घटाकर निर्यात), निवल घटक आय (जैसे लाभांश और ब्याज) और निवल अंतरण भुगतान (जैसे विदेशी सहायता) का कुलयोग है। परिकलन में सरकारी और निजी, दोनों भुगतान शामिल किए जाते हैं।
आय व्यय खाता क्या है?
इसे सुनेंरोकेंआय तथा व्यय खाते का उद्देश्य एक व्यापारिक संस्थान के लिए लाभ व हानि खाते की तरह ही होता है। सभी व्यय तथा हानियों को व्यय पक्ष में तथा सभी आय तथा लाभों को आय पक्ष में दर्शाया जाता है। यह निवल प्रचालन परिणाम, अधिशेष के रूप में (आय का व्यय पर आधिक्य) तथा छपाई (व्यय पर आय का आधिक्य) के रूप में दर्शाता है
वार्षिक लेखे
वित्त खाते: - राजस्व और पूंजी खातों, सार्वजनिक ऋणों और देयताओं और परिसंपत्तियों के हिसाब से दर्ज वित्तीय परिणामों के साथ-साथ वर्ष के लिए सरकार की प्राप्तियों और बकाया राशि का लेखा-जोखा दर्ज करें। हिसाब किताब।
विनियोग खाते: - प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के व्यय खाता क्या हैं के हिसाब से खाते हैं, जो कि अनुदान प्राप्त अनुदानों और शुल्क प्राप्त विनियोजनों की तुलना में है। ये खाते राज्य विधानमंडल द्वारा अनुमोदित प्रावधानों के खिलाफ अनुदान-वार व्यय रिकॉर्ड करते हैं और वास्तविक व्यय और प्रदान किए गए धन के बीच भिन्नता के लिए स्पष्टीकरण प्रदान करते हैं।
1. वित्त लेखा: -
वित्त खातों को दो खंडों में विभाजित किया गया है।
1. वित्तीय स्थिति की स्थिति
2 .प्राप्तियों और संवितरणों की समाप्ति
अनुलग्नक ए। नकद शेष और नकद शेष राशि का निवेश
3. प्राप्तियों का समेकन (समेकित निधि)
4. व्यय का समेकन (समेकित निधि)
5. प्रगतिशील पूंजीगत व्यय में वृद्धि
6. उधार और अन्य देयताओं की पूर्ति
7. सरकार द्वारा दिए गए ऋणों और अग्रिमों का भुगतान
8. सरकार के निवेश की प्रगति
9. सरकार द्वारा दी गई गारंटी का भुगतान
10. सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान सहायता
11. वोट और शुल्क का व्यय
12. राजस्व खाते के अलावा अन्य खाता क्या हैं खर्चों के लिए स्रोतों और धन के आवेदन पर संशोधन
13. समेकित निधि, आकस्मिक निधि और सार्वजनिक खाते के अंतर्गत शेष राशि का लेखा जोखा
भाग - I - विस्तृत आँकड़े.
14. मामूली प्रमुखों द्वारा राजस्व और पूंजी प्राप्तियों का विवरण दिया गया
15. मामूली प्रमुखों द्वारा राजस्व व्यय का विवरण दिया गया
16. मामूली प्रमुखों और उप प्रमुखों द्वारा पूंजीगत व्यय का विवरण दिया गया
17. उधार और अन्य देयताओं का विवरण दिया गया
18. सरकार द्वारा दिए गए ऋण और अग्रिमों पर दिए गए विवरण
19. सरकार के निवेश का विवरण दिया गया
20. सरकार द्वारा दी गई गारंटियों का विवरण दिया गया
21. आकस्मिकता निधि और अन्य सार्वजनिक खाता लेनदेन पर खाता क्या हैं विवरण दिया गया
22..नार्मर्ड बैलेंस के निवेश पर निर्धारित विवरण
भाग- II - परिशिष्ट
I वेतन पर व्ययI
I सब्सिडी पर सहकारी व्यय
III राज्य सरकार द्वारा दी गई सहायता / सहायता (संस्था-वार और योजना-वार)
IV बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं के विवरण
V योजनाओं पर व्ययA. केंद्र सरकार की योजनाएं (केंद्र प्रायोजित योजनाएं और केंद्रीय योजनाएं)B.State स्कीम
VI राज्य में एजेंसियों को लागू करने के लिए केंद्रीय योजना निधियों का अप्रत्यक्ष हस्तांतरण (राज्य के खाता क्या हैं बजट से बाहर निधि) (अनधिकृत आंकड़े)
VII संकल्पना और शेष का सामंजस्य
VIII सिंचाई योजनाओं के वित्तीय परिणाम
IX सरकार के संशोधन - अपूर्ण पूंजी निर्माण की सूची
X वेतन और गैर-वेतन भाग के पृथक्करण के साथ व्यय का व्ययवर्ष के दौरान
XI .MOG नीति निर्णय या बजट में प्रस्तावित नई योजनाएँबारहवीं। सरकार की जिम्मेदारियां
XIII राज्यों का संगठन- जिन मदों के लिए / राज्यों के बीच शेष राशि का आवंटन अंतिम रूप से नहीं किया गया है