समर्थित क्रिप्टोकरेंसी देश

Cryptocurrency: 'समुद्री लुटेरों की दुनिया के जैसी है क्रिप्टोकरेंसी'- आखिर भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार को क्यों कहनी पड़ी ये बात?
Cryptocurrency Update: मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने क्रिप्टोकरेंसी की तुलना समुद्री लुटेरों की दुनिया से की है. वो कहते हैं कि अभी क्रिप्टोकरेंसी का कई आयामों पर खरा समर्थित क्रिप्टोकरेंसी देश उतरना बाकी है.
By: ABP Live | Updated at : 11 Jun 2022 07:48 AM (IST)
Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी दुनिया (World) में नए मुकाम स्थापित करने में लगी है और कई देशों में उसे करंसी के समान ही ट्रीट किया जा रहा है. लेकिन भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार को लगता है ये समुद्री लुटेरों की दुनिया के समान है. दरअसल भारत की मुद्रा की कसौटी पर इसे खरा उतरता हुआ अभी तक नहीं देखा गया है. यही वजह है कि इसके लिए इस तरह की बाते की जा रही हैं.
देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को विनियमित (Regulate) करना भी मुश्किल होगा. क्रिप्टोकरेंसी की फिएट करेंसी से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि फिएट सरकार द्वारा समर्थित मुद्रा है और यह किसी कीमती धातु की जगह जनता के सरकार में भरोसे (Trust) पर टिकी होती है.
इन तमाम बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती क्रिप्टोकरेंसी
उन्होंने ये भी कहा कि फिएट करेंसी के विपरीत, क्रिप्टोकरेंसी निहित मूल्य, व्यापक स्वीकार्यता और मौद्रिक इकाई जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकती हैं. बकौल मुख्य आर्थिक सलाहकार, क्रिप्टोकेंरसी समुद्री लुटेरों की दुनिया के समान है जहां जीतने वाला सबकुछ लेकर चला जाता है.
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नागेश्वरन ने विकेंद्रीकृत वित्त (Decentralized Finance) का जिक्र करते हुए कहा, “हालांकि, इसे नवाचार माना जाता है, लेकिन मैं अपना निर्णय सुरक्षित रखूंगा कि क्या यह वास्तव में नवाचार है या यह कुछ ऐसा है, जिस पर हमें पछतावा होगा.” उन्होंने एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि वह आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी. रवि शंकर से सहमत हैं. बकौल नागेश्वरन, वह कहते हैं कि क्रिप्टो करेंसी और विकेंद्रीकृत वित्त फाइनेंशियल इनोवेशन का कम और रेगुलेटरी मीडिएशन का मामला ज्यादा लग रहा है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो या डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस जैसे नए फाइनेंशियल इनोवेशन को अभी कई परीक्षाएं पास करनी बाकी है.
क्रिप्टोकरेंसी पर परामर्श पत्र लगभग तैयार
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा है कि केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर परामर्श पत्र लगभग तैयार कर लिया है. उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर एक वैश्विक सहमति बननी चाहिए. बकौल सेठ, भारत क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने से पहले अन्य देशों द्वारा उसे लेकर उठाए गए कदमों पर गौर करेगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही यह परामर्श पत्र (Consultation Paper) पेश किया जाएगा.
भारत ने क्रिप्टोकरंसी पर लगाया है कितना टैक्स?
वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगा दिया था. हालांकि, सरकार की तरफ से अभी देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी गई है. भारत क्रिप्टो असेट और क्रिप्टोकरेंसी में अंतर करता है. टैक्स के संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते समय कहा था कि मुनाफे पर 30 प्रतिशत के टैक्स के अलावा 1 प्रतिशत टीडीएस भी कटेगा. क्रिप्टो पर टैक्स 1 अप्रैल से लागू हुआ था.
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Published at : 11 Jun 2022 07:48 AM (IST) Tags: India Money Cryptocurrency Investment Bitcoin Price market हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
क्या क्रिप्टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब
Cryptocurrency: इस साल क्रिप्टोकरेंसी के भारत में लीगल टेंडर यानी वैधानिक होने की खूब चर्चाएं थीं। सभी कारोबारी व निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि सरकार इस पर मुहर लगाती है या नहीं। इसके चलते आम बजट पर सभी की निगाहें थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आभासी संपत्तियों पर कर लगाने के प्रस्ताव ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर बहस छेड़ दी है। जबकि कई लोगों ने डिजिटल मुद्राओं पर कर लगाने के निर्णय का स्वागत किया है, यह सोचकर कि यह आभासी मुद्राओं को पहचानने का पहला कदम है, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या भारत में बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को कानूनी निविदा माना जा सकता है। आखिर सरकार ने इस विषय पर अपना पक्ष भी स्पष्ट कर दिया था। गत 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस करेंसी से होने वाली आय पर सरकार कर जरूर लगाएगी लेकिन इसे देश में लीगल टेंडर किया जाना अभी तय नहीं है। हालांकि सरकार ने यह भी साफ कहा था कि इस पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने इस आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा था। जानिये इसके बारे में कुछ खास बातें।
1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की घोषणा
सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की भी घोषणा की थी। इस कदम का उद्देश्य डिजिटल मुद्रा में लेनदेन के विवरण को कैप्चर करना है। विभिन्न बाजार विश्लेषकों ने डिजिटल परिसंपत्तियों पर कर लगाने को क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक दर्जा मिलने की प्रस्तावना के रूप में देखा। हालांकि, वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाले लाभ पर कर लगाने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके नियमन या वैधता पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
RBI की नज़र में यह आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा
केंद्र सरकार भले ही इस करेंसी को लेकर अभी बंदिशें नहीं लगा रही हो लेकिन आरबीआई की नज़र में यह देश की माली हालत के लिए ठीक नहीं है। फरवरी माह में ही मौद्रिक नीति की घोषणाओं के बाद पत्रकारों से बात करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि "निजी क्रिप्टोकरेंसी भारत की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा हैं, साथ ही आरबीआई की इससे निपटने की क्षमता भी है। निवेशकों को यह बताना मेरा कर्तव्य है कि वे क्रिप्टोकरेंसी में क्या निवेश कर रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि इन क्रिप्टोकरेंसी में कोई संपत्ति नहीं है।
सरकार चाहती है सामूहिक प्रयास हों
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है क्योंकि तकनीक लगातार विकसित और बदल रही है। बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो विनियमन पर परामर्श चल रहा है और नियामक दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद क्या कानूनी है, क्या स्पष्ट नहीं होगा।
बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी के लिए राह मुश्किल
दूसरी तरफ वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का कहना था कि बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेगी। सोमनाथन ने कहा कि डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा समर्थित होगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया कानूनी निविदा होगी। हम डिजिटल रुपये के साथ गैर-डिजिटल संपत्ति खरीद सकते हैं जैसे हम अपने वॉलेट या यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए भुगतान करके आइसक्रीम या अन्य चीजें खरीदते हैं।
सरकार नहीं कर सकती मूल्य को अधिकृत
सोमनाथन के अनुसार क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है जिसका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा।निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। हालांकि, वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं, उनका मतलब यह नहीं है कि वे अवैध हैं। अगर क्रिप्टोकुरेंसी के लिए विनियमन आता है तो यह कानूनी निविदा नहीं होगी।"
दुनिया का पहला “क्रिप्टो-समर्थित” क्रेडिट कार्ड (Crypto-Backed Credit Card) लांच किया गया
क्रिप्टो ऋणदाता नेक्सो (Nexo) ने दुनिया का पहला “क्रिप्टो-समर्थित” भुगतान कार्ड लॉन्च करने के लिए मास्टरकार्ड के साथ सहयोग किया है। इस लॉन्च ने वित्तीय और क्रिप्टो नेटवर्क द्वारा सहयोग करने के कदम को संकेत दिया है क्योंकि डिजिटल संपत्ति अधिक मुख्यधारा बन रही है। मुख्य बिंदु प्रारंभ में, यह कार्ड चयनित यूरोपीय देशों में
अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए
9 मार्च, 2022 को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन ने क्रिप्टोकरेंसी पर एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किये। कार्यकारी आदेश (Executive Order) इस कार्यकारी आदेश ने अमेरिकी संघीय एजेंसियों से क्रिप्टोकरेंसी के जोखिमों और लाभों की जांच करने का आह्वान किया है। इस आदेश में डिजिटल संपत्ति के विनियमन और निगरानी के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण की
भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर लगेगा 30% टैक्स
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2022 को केन्द्रीय बजट पेश किया। बजट के दौरान वित्त मंत्री ने घोषणा की कि वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के हस्तांतरण पर 30% कर लगाया जायेगा। यह नया नियम 1 अप्रैल से लागू होगा। गौरतलब है कि भारत सरकार काफी समय से क्रिप्टोकरेंसी पर कानून बनाने पर
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर प्रतिबंध लगा सकता है रूस
20 जनवरी, 2022 को रूसी केंद्रीय बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी पर नकेल कसने का प्रस्ताव रखा। मुख्य बिंदु यदि यह कदम अपनाया जाता है, तो यह बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को बाधित कर सकता है क्योंकि रूस दुनिया भर में सबसे बड़े क्रिप्टो-माइनिंग देशों में से एक है। यह प्रस्ताव इसलिए बनाया गया था क्योंकि रूसी
म्यांमार: National Unity Government ने आधिकारिक तौर पर टेदर (Tether) क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार किया
म्यांमार की National Unity Government ने टेदर (Tether) नामक दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग की अनुमति दी है। मुख्य बिंदु टेदर (Tether) क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग आधिकारिक मुद्रा के रूप में किया जाएगा। इस कदम से फंड जुटाने और भुगतान करने में आसानी होगी। पृष्ठभूमि National Unity Government (NUG) में लोकतंत्र समर्थक समूह और
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध लगाने जा रही है भारत सरकार (Cryptocurrency Ban in India)
भारत सरकार देश में निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबन्ध लगाने जा रही है। सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक रूपरेखा तैयार करने के लिए एक विधेयक पेश करने
'पैसे लगाओ, खूब पैसे बनाओ', जानें फर्स्ट Bitcoin City के बारे में 5 खास बातें
El Salvador ने दुनिया का पहला 'बिटकॉइन सिटी' बनाने की योजना बनाई है. Bitcoin City के निवासियों को कोई आय, संपत्ति, पूंजीगत लाभ या पेरोल कर भी नहीं देना होगा.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 24 नवंबर 2021,
- (अपडेटेड 24 नवंबर 2021, 12:15 PM IST)
- El Salvador ने किया ऐलान
- जल्द बनेगी पहली Bitcoin City
भारत में Bitcoin समेत कई प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगने की खबरों के बीच दुनिया का एक देश अपने यहां First Bitcoin City बनाने की तैयारी कर रहा है. इस देश का नाम है El Salvador. राष्ट्रपति नायब बुकेले का कहना है कि यहां निवेश करें और अपनी इच्छानुसार खूब पैसे कमाएं.
अल साल्वाडोर ने दुनिया का पहला 'बिटकॉइन सिटी' बनाने की योजना बनाई है, जिसे शुरू में बिटकॉइन-समर्थित बॉन्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया था. राष्ट्रपति नायब बुकेले ने शनिवार को कहा, 'मध्य अमेरिकी देश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए क्रिप्टो मुद्रा का उपयोग करने के लिए अपनी शर्त को दोगुना कर दिया.'
Bitcoin City में नहीं लगेगा कोई टैक्स
अल साल्वाडोर में बिटकॉइन के एक सप्ताह के लंबे प्रचार के आखिरी दिन राष्ट्रपति नायब बुकेले ने कहा कि ला यूनियन के पूर्वी क्षेत्र में नियोजित शहर को ज्वालामुखी से भू-तापीय ऊर्जा मिलेगी और मूल्य वर्धित कर (वैट) को छोड़कर कोई कर नहीं लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि यहां निवेश करें और अपनी इच्छानुसार खूब पैसे कमाएं.
एल साल्वाडोर, बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने वाला एकमात्र देश, जो अब सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के आधार पर एक पूरे शहर का निर्माण करने की योजना बना रहा है. अल साल्वाडोर के 'बिटकॉइन सिटी' को 1 बिलियन डॉलर के बिटकॉइन बॉन्ड जारी करने के साथ वित्त पोषित किया जाएगा.
यह शहर फोन्सेका की खाड़ी के किनारे एक ज्वालामुखी के पास स्थित होगा. बुकेले का प्रशासन देश के आर्थिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने के लिए बिटकॉइन पर भरोसा कर रहा है, यह मानते हुए कि बिटकॉइन की कीमत समग्र रूप से ऊपर की ओर बनी हुई है.
Bitcoin City के बारे में 5 खास बातें
- अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले की समर्थित क्रिप्टोकरेंसी देश योजना के अनुसार Bitcoin City एक सर्कल (एक सिक्के की तरह) की आकार को होगा. शहर के केंद्र में एक प्लाजा होगा जो एक विशाल बिटकॉइन प्रतीक की तरह होगा.
- देश की भू-तापीय ऊर्जा का लाभ उठाने के लिए शहर को कोंचागुआ ज्वालामुखी के पास बनाया जाएगा. शहर और क्रिप्टोकरेंसी खनन दोनों को शक्ति देने के लिए ज्वालामुखी की एनर्जी का इस्तेमाल किया जाएगा.
- नायब बुकेले के अनुसार, Bitcoin City के निवासियों को कोई आय, संपत्ति, पूंजीगत लाभ या पेरोल कर भी नहीं देना होगा. शहर का निर्माण विदेशी निवेश को ध्यान में रखकर किया जाएगा.
- Bitcoin City में आवासीय क्षेत्र, मॉल, रेस्तरां और एक बंदरगाह होगा. इसके अलावा देश के पास डिजिटल शिक्षा, प्रौद्योगिकी और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन तक पहुंच होगी.
- राष्ट्रपति नायब बुकेले ने बताया कि Bitcoin City में कोई संपत्ति, आय या नगरपालिका कर नहीं होगा और शहर में शून्य कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन होगा. हालांकि Bitcoin City के निर्माण की डेडलाइन अभी नहीं जारी की गई है.
कैसी होगी सरकार की डिजिटल करेंसी, जानें क्या है पूरा प्लान
सरकार क्रिप्टोकरेंसी के बिल में केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का प्रस्ताव कर सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का मकसद क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने का नहीं, बल्कि आरबीआई द्वारा क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध कराना है.
सरकार क्रिप्टोकरेंसी के बिल में केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का प्रस्ताव कर सकती है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा
Updated on: Nov 29, 2021 | 12:21 PM
Bitcoin Prices Today: सरकार क्रिप्टोकरेंसी के बिल में केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) का प्रस्ताव कर सकती है. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, उसे यह जानकारी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है. रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले विधेयक पर चर्चाओं की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने केंद्र सरकार के बिल को मैक्रो इकोनॉमिक स्थिरता को लेकर रिजर्व बैंक की चिंताओं का रिस्पॉन्स बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार का रिस्पॉन्स क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने का नहीं, बल्कि आरबीआई द्वारा क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध कराना है.
बिल सोमवार को शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में आएगा. रिपोर्ट में कहा गया है बिल का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश की मॉनेटरी इकोनॉमिक्स का कंट्रोल नहीं खोए, जिसके साथ क्रिप्टो को लेकर बोली कम से कम लगे. व्यक्ति ने आगे कहा कि अनरेगुलेटेड क्रिप्टोकरेंसी मैक्रो इकोनॉमी को अस्थिर कर सकती है. इस मामले में आरबीआई समर्थित क्रिप्टोकरेंसी देश सही है.
क्रिप्टोकरेंसी बिल को लेकर विवाद
संसद के अगले पेश होने के लिए तैयार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 ने पूरी इंडस्ट्री में विवाद शुरू कर दिया है. इसकी वजह लोकसभा की वेबसाइट पर बिल को लेकर टिप्पणी है कि जिसमें कहा गया है कि इसका मकसद भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करना है. लेकिन इसमें टेक्नोलॉजी और उसके इस्तेमाल का प्रचार करने के लिए कुछ छूटों की इजाजत दी गई है.
हाल के दिनों में, देश में बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में बड़ा उतार-चढ़ाव देखा गया है, क्योंकि निवेशक रेगुलेशन पर ज्यादा साफ तस्वीर का इंतजार कर रहे हैं.
भारत डिजिटल करेंसी को लेकर चलना चाहता है संभलकर
इस बात को मानते हुए कि क्रिप्टो और ब्लॉकचैन पूरी दुनिया में बनी रहेगी, अधिकारी ने कहा कि भारत डिजिटल करेंसी को लेकर ग्रेजुअल अपरॉच को अपनाएगा. ईटी को व्यक्ति ने बताया कि क्रिप्टो को लेकर सरकार का रवैया संभलकर चलने और बदलने का हो सकता है. वे CBDC के साथ शुरू करेंगे. केंद्रीय बैंक उसे लॉन्च करेगा और भविष्य में आरबीआई द्वारा अधिकृत और रेगुलेटेड प्राइवेट स्टेबल क्वॉइन हो सकते हैं. व्यक्ति ने यह भी जिक्र किया है कि क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय बाजार में इंटरमीडियरीज जैसे बैंक अकाउंट या क्रेडिट कार्ड की भूमिका को खत्म करके उसे खुद निभा सकती हैं.