बैंक पूंजी

बैठक में बताया गया कि राज्य में चालू वित्त वर्ष में अब तक 1 लाख 29 हजार नए किसानों को सहकारी साख सुविधा से जोड़ते हुए, उन्हें 233 करोड़ रुपये का फसली ऋण उपलब्ध कराया गया है। जबकि 25 नवम्बर 2022 तक 26 लाख 92 हजार किसानों को 12 हजार 811 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण किया गया है। इस पर श्रीमती गुहा ने अपेक्स बैंक एमडी को निर्देश दिया कि फसली ऋण वितरण एवं नए सदस्यों किसानों को ऋण से जोडऩे की साप्ताहिक समीक्षा करें बैंक पूंजी और सदस्य किसानों को समय पर ऋण वितरण हो, इसे सुनिश्चित किया जाए।
आगामी चार माह में 3 लाख 71 हजार नये किसानों को मिलेगा फसली ऋण – श्रेया गुहा
जयपुर, 28 नवम्बर (मुखपत्र)। मुख्यमंत्री एवं राज्य के वित्त मंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान केंद्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से पांच लाख नये किसानों को अल्पकालीन फसली ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, हालांकि राज्य के 29 केंद्रीय सहकारी बैंक, चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में केवल 1 लाख 29 हजार नये किसानों को ही सहकारी साख सुविधा से जोड़ पाए।
सोमवार को राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड जयपुर के सभागार में आयोजित केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों की बैठक मेंं यह तथ्य सामने आया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने नये सदस्यों को फसली ऋण वितरण में केंद्रीय सहकारी बैंकों की कछुआ चाल पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए बजट घोषणा के अनुरूप, निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति के लिए आगामी चार माह में शेष 3 लाख 71 हजार नये किसानों को फसली ऋण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
एमटी लोन और नोन-फार्मिंग लोन पर बैंक पूंजी भी फोकस करें
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि पात्र किसानों को मध्यकालीन कृषि एवं अकृषि ऋण वितरण पर भी फोकस किया जाए। इस प्रकार के ऋणों के लिए नाबार्ड की योजना का भी लाभ लेकर किसानों को सुविधा दें ताकि उनकी आवश्यकता को स्थानीय स्तर पर पूर्ण किया जा सके।
श्रीमती श्रेया गुहा ने कहा कि पैक्स एज एमएससी योजना के तहत पैक्स को मल्टी सर्विस सेन्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है, इस योजना में सभी प्रबंध निदेशक चयनित पैक्स की तरफ विशेष ध्यान दें एवं इन्हें विकसित करें।
कम्प्यूटराइजेशन के लिए 10 दिन में करें पैक्स का चचन
उन्होंने कहा कि राज्य की 7 हजार से अधिक पैक्स का कम्प्यूटराइजेशन किया जाएगा। इसके लिए अभी तक 1963 पैक्स का चयन कर लिया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी 10 दिन में ऑडिट पूर्ण वाली समितियों का चयन कर प्रक्रिया को पूरा कर शेष समितियों की सूचना भिजवाएं ताकि प्रथम चरण में अधिकतम पैक्स का कम्प्यूटराइजशन हो सके। उन्होंने समय पर ऑडिट नहीं कराने वाली समितियों के खिलाफकार्यवाही करने का निर्देश दिया।
श्रीमती गुहा ने कहा कि सभी केंद्रीय सहकारी बैंक, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की अनुपालना पूर्णत: सुनिश्चित करें ताकि नाबार्ड एवं आरबीआई के निर्देशों की पालना हो सके। उन्होंने कहा कि जिन बैंकों की केवाईसी से सम्बंधित प्रकरण पूर्ण नहीं हैं, वे सभी दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में पूरा करें। उन्होंने बैंकों में जमा पूंजी बढ़ाने के लिए निजी बैंकों की तरह कार्य व्यवहार को बैंक पूंजी अमल में लाने के निर्देश दिए।
एसएचजी को अधिकतम ऋण उपलब्ध कराएं
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को अधिकतम ऋण उपलब्ध कराएं ताकि उन्हें ऋण प्राप्त करने के लिए भटकना नहीं पड़े। उन्होंने राजीविका से जुड़े समूहों से वीसी करने एवं उन्हें आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक में अटल पेंशन योजना के खाते खोलने केसीसी से सम्बंधित डाटा एन्श्योर पोर्टल पर समय पर अपलोड करने सहित अन्य बिन्दु पर चर्चा की गई।
अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक भोमाराम ने बैठक में एंजेडा प्रस्तुत किया। बैठक में सहकारिता रजिस्ट्रार मेघराज सिंह रतनू, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) विद्याधर गोदारा, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (द्वितीय) पी.पी. मांडोत सहित सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।
S&P बैंक पूंजी ने घटाया भारत की ग्रोथ रेट का अनुमान, अब इतने प्रतिशत रहने की जताई संभावना
फिच रेटिंग्स ने भी वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की वास्तविक GDP वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.
साख तय करने वाली एजेंसी एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स (बैंक पूंजी S&P Global Ratings) ने सोमवार को भारत की आर्थिक वृद्धि दर (Economic Growth Rate) अनुमान को घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया. हालांकि उसने यह भी कहा कि घरेलू मांग की वजह से अर्थव्यवस्था पर वैश्विक सुस्ती का प्रभाव कम होगा. इससे पहले एजेंसी ने सितंबर महीने में भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2022-23 में 7.3 प्रतिशत और 2023-24 में 6.5 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी थी.
महंगाई 6.8% रहने की कही बात
एस एंड पी ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिये अद्यतन तिमाही आर्थिक रिपोर्ट में कहा कि कुछ देशों में कोविड के बाद मांग में जो सुधार हो रहा है, उसमें और तेजी की उम्मीद है. इससे भारत में अगले साल आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा. मुद्रास्फीति के बारे में रेटिंग एजेंसी ने कहा कि यह चालू वित्त वर्ष में औसतन 6.8 प्रतिशत रहेगी. भारतीय रिजर्व बैंक की मानक ब्याज दर मार्च 2023 में बढ़कर 6.25 प्रतिशत होने की संभावना है. आरबीआई महंगाई को काबू में लाने के लिये पहले ही नीतिगत बैंक पूंजी दर 1.9 प्रतिशत बढ़ा चुका है. इससे प्रमुख नीतिगत दर रेपो तीन साल के उच्च स्तर 5.9 प्रतिशत पर पहुंच गयी है.
देश की थोक और खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में घटी है. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति संबंधी बाधाओं से यह लगभग पूरे साल संतोषजनक स्तर से ऊपर रही है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर तीन महीने के निचले स्तर 6.7 प्रतिशत रही, जबकि थोक मुद्रास्फीति 19 महीने के निम्न स्तर 8.39 प्रतिशत पर आ गयी है. विनिमय दर के बारे में एस एंड बैंक पूंजी पी ने कहा कि एशिया के उभरते बाजार में मुद्रा भंडार कम हुआ है. मार्च के अंत तक रुपये के 79.50 बैंक पूंजी प्रति डॉलर पर रहने का अनुमान है.
फिच का भी GDP वृद्धि दर 7% रहने का अनुमान
फिच रेटिंग्स ने भी वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का बैंक पूंजी अनुमान लगाया है. इसके अलावा फिच ने कहा है कि उच्च ब्याज दरों के बावजूद चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत में बैंक ऋण में मजबूत वृद्धि जारी रहेगी. ऋण में मजबूत वृद्धि से बैंकों का मुनाफा और खासतौर से शुद्ध ब्याज मार्जिन बढ़ना चाहिए. फिच ने एक बयान में कहा, ''हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2022-23 बैंक ऋण 13 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा, जो 2021-22 के 11.5 प्रतिशत से अधिक है. कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने के कारण यह वृद्धि होगी.''
बयान में कहा गया कि दरों में वृद्धि के बावजूद भारतीय बैंक आमतौर पर वृद्धि को वित्त पोषित करने के लिए अतिरिक्त पूंजी जुटाने को तैयार रहते हैं. फिच ने कहा कि पूंजी नियोजन में निजी बैंक आम तौर पर सरकारी बैंकों की तुलना में बेहतर हैं.