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भारत की खुद की डिजिटल करेंसी

भारत की खुद की डिजिटल करेंसी
1. खाता आधारित मॉडल, जिसमें प्रवर्तक और लाभार्थी द्वारा लेन-देन को मंजूर किया जाए उपभोक्ता की पहचान के आधार पर और फिर सेंट्रल बैंक द्वारा लेन-देन को सेटल किया जा सकेगा।

Digital भारत की खुद की डिजिटल करेंसी rupees / आज RBI लॉन्च करेगा डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोग्राम, इन 9 बैंकों में होगा लेनदेन

आज RBI लॉन्च करेगा डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोग्राम, इन 9 बैंकों में होगा लेनदेन

Digital rupees: देश में डिजिटल रुपी यानी कि डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का रास्ता साफ हो गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कहा है कि डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्ट 31 अक्टूबर (मंगलवार) को शुरू होने जा रहा है. इस डिजिटल रुपये को सीबीडीसी यानी कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के रूप में जाना जाएगा. रिजर्व बैंक इस डिजिटल करेंसी का पायलट लॉन्च करने जा रहा है. शुरू में यह बात सामने आ गई थी कि रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल रुपी लेकर आएगा.

रिजर्व बैंक ने यह बात पहले ही बता दी थी. अब वह दिन आ गया है जब देश की पहली डिजिटल करेंसी 31 अक्टूबर को लॉन्च होने जा रही है. अभी यह डिजिटल रुपी होलसेल सेगमेंट के लिए शुरू की जाएगी.

अब भारत में आएगी डिजिटल करेंसी, जानिए क्या होंगे आपके फायदे

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नई दिल्ली। भारत ने अपनी डिजिटल करेंसी (India’s digital currency) लाने की योजना बनाना शुरू कर दी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल मुद्रा पर काम करना भी शुरू कर दिया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा है कि आरबीआई खुद की डिजिटल करेंसी पर काम करने जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह करेंसी पूरी तरिके से क्रिप्टोकरेंसी से अलग होगी। RBI की प्लानिंग है कि देश में डिजिटल करेंसी शुरू करने से बैंक धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने में सहायता मिल सकती है और ऋण देने की प्रक्रिया समेत वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ सकेगी।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अगस्त में जारी वार्षिक रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक, 2019-20 में भारत में बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों में 159% की बढ़ोतरी हुई, जो एक साल पहले की तुलना में 2.5 गुना ज्यादा है। ब्लॉकचैन और साइबर सिक्योरिटी, टेक महिंद्रा के राजेश धुडु ने बताया कि ऑनलाइन बैंकिंग, UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) या RTGS (रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) जैसी सुविधा होने के बाद भी लोगों के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया है। क्योंकि सिस्टम में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे आप ट्रांजेक्शन को मॉनिटर कर पाएं।

Cryptocurrency: निजी क्रिप्टोकरेंसी क्या है? क्यों सरकार ने की इसको लेकर टेढ़ी निगाहें, जानें सबकुछ

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खबर है कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी ( cryptocurrencies) को लेकर संसद में एक विधेयक पेश करने वाली है। कुछ को छोड़कर भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (private cryptocurrencies) को प्रतिबंधित किया जा सकता है। इस खबर के साथ ही सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी पिछले कुछ घंटों में नीचे की ओर आने लगी। केंद्र सरकार भारत की खुद की डिजिटल करेंसी अपना नया क्रिप्टोकरेंसी लाने की भी योजना बना रही है।

केंद्र अब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक अनुकूल ढांचा बनाने की योजना बना रहा है। 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किए जाने की योजना है।

निजी क्रिप्टोकरेंसी टोकन

हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी की मांग तेजी से बढ़ी है। जबकि 2021 में बड़ी संख्या में नए क्रिप्टो निवेशक बाजार में आए, एथेरियम, बिटकॉइन और शीबा इनु जैसे कई सिक्कों ने उनके नाम का फायदा उठाया। ब्लॉकचेन तकनीक बिटकॉइन जैसे सिक्कों का उपयोग सुरक्षित और गुमनाम होने के लिए करती है। इनमें से कुछ सिक्के लेनदेन के मामले में अधिक निजी होते हैं। कुछ प्रमुख निजी करेंसी उपयोगकर्ताओं की पहचान और गतिविधियों को छुपाकर रखते हैं।

Monero (XMR): मोनेरो एक लोकप्रिय टोकन है जो मुख्य रूप से उपयोगकर्ताओं को गुमनाम करने में मदद करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। कई अन्य टोकन की तुलना में एक्सएमआर में लेनदेन का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि वे रिंग सिग्नेचर का उपयोग करते हैं। ये विधियां किसी भी प्रकार के लेनदेन के लिए उपयोगकर्ता की पहचान छुपाकर सुरक्षित बबल प्रदान करती हैं। CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक XMR 240.68 अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था।

आरबीआई: जल्द खुद की डिजिटल करेंसी ला सकता है केंद्रीय बैंक, डिप्टी गवर्नर ने बताया प्लान

नई दिल्ली 23 जुलाई 2021। देश-विदेश में डिजिटल करेंसी का क्रेज बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ समय से बाजार में डिजिटल करेंसी (जैसे-बिटक्वाइन, डॉजक्वाइन, आदि) में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। अब डिजिटल करेंसी पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से बड़ा बयान आया है। केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा है कि आरबीआई चरणबद्ध तरीके से अपनी खुद की डिजिटल करेंसी पेश करने की रणनीति पर काम कर रहा है। आरबीआई पायलट आधार पर थोक और खुदरा क्षेत्रों में इसे पेश करने की प्रक्रिया में है।

सोच- विचार के स्तर से काफी आगे बढ़ा केंद्रीय बैंक

केंद्रीय बैंक सोच- विचार के स्तर से काफी आगे बढ़ चुका है। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई केंद्रीय बैंक इस दिशा में काम कर रहे हैं। आगे आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ताओं को उन डिजिटल करेंसी में अस्थिरता के भयावह स्तर से बचाने की जरूरत है, जिन्हें कोई सरकारी गारंटी प्राप्त नहीं है। कई देशों के केंद्रीय बैंक सीबीडीसी की संभावना तलाशने में लगे हैं। कुछ देशों ने विशिष्ट उद्देश्य के लिए सीबीडीसी को लागू किया है। अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह आरबीआई भी काफी समय से सीबीडीसी की विभिन्न पहलुओं पर गौर कर रहा है। टी रवि शंकर ने ‘विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी’ के ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान कहा कि हो सकता है कि सीबीडीसी को लेकर विचार क्रियान्वयन के करीब है। वित्त मंत्रालय द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय अंतर-मंत्रालयी समिति ने नीति और कानूनी ढांचे का परीक्षण किया है। उसने देश में सीबीडीसी को डिजिटल मुद्रा के रूप में पेश करने की सिफारिश की है।

क्या है डिजिटल करेंसी?

डिजिटल करेंसी का पूरा नाम है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी है। जिस देश का केंद्रीय बैंक इसे जारी करता है, इसे उसी देश की सरकार की मान्यता हासिल होती है। भारत के मामले में आप इसे डिजिटल रुपया भी कह सकते हैं। भारत की खुद की डिजिटल करेंसी यह दो तरह की होती हैं- खुदरा और थोक। खुदरा डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल आम लोग और कंपनियां करती हैं। वहीं थोक डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाएं करती हैं।

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फेसबुक खुद की डिजिटल करेंसी लाएगा, व्हाट्सएप से भी लेनदेन होगा

फेसबुक खुद की डिजिटल करेंसी लाएगा, व्हाट्सएप से भी लेनदेन होगा

क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापन को अपने प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित करने वाला फेसबुक अब खुद की अपनी डिजिटल करेंसी लाने में जुटा हुआ है। फेसबुक इस पर तेजी से काम कर रहा है।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में बताया गया है कि फेसबुक की डिजिटल करेंसी का नाम ‘स्टेबलक्वाइन’ होगा। जो डॉलर से जुड़ी होगी। जैसा कि नाम से पता चलता है, बिटक्वाइन जैसे अन्य डिजिटल करेंसी की तुलना में यह काफी स्थिर होगी।

इस साल की शुरुआत में फेसबुक उस समय विवादों में घिर गया था जब उसने सोशल मीडिया साइट पर क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया।

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