बिटकॉइन से होने वाले नुकसान

चीन ने कहा, क्रिप्टो करेंसी में सभी लेन-देन अवैध, बिटकॉइन की कीमत गिरी
चीन ने कहा, क्रिप्टो करेंसी में सभी लेन-देन अवैध, बिटकॉइन की कीमत गिरी
बीजिंग, 24 सितंबर (एपी) चीन के केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को बड़ा कदम उठाते हुए बिटकॉइन और इस प्रकार की अन्य आभासी मुद्राओं में किये जाने वाले सभी प्रकार के लेन-देन को अवैध घोषित कर दिया। साथ बिटकॉइन से होने वाले नुकसान ही अनधिकृत तरीके से डिजिटल मुद्रा के उपयोग पर पाबंदी लगाने को लेकर अभियान शुरू किया है।
शुक्रवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि बिटकॉइन, एथेरेम और अन्य डिजिटल मुद्राओं ने वित्तीय प्रणाली को बाधित किया है। इसका उपयोग काले धन को वैध बनाने और अन्य अपराधों में किया जा रहा है।
चीन का केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपनी वेबसाइट पर जारी नोटिस में कहा, ‘‘मुद्राओं की तरह उपयोग होने वाले डिजिटल करेंसी डेरिवेटिव सौदे अवैध वित्तीय गतिविधियां हैं और यह प्रतिबंधित है।’’
इस घोषणा के कुछ ही घंटों बाद बिटकॉइन बिटकॉइन से होने वाले नुकसान की कीमत 9 प्रतिशत से ज्यादा घटकर 41,085 डॉलर पर आ गयी। एथेरेम की कीमत 10 प्रतिशत कम होकर 2,800 डॉलर पर आ गयी। इस प्रकार की अन्य मुद्राओं का भी यही हाल हुआ है।
चीनी बैंकों ने क्रिप्टो करेंसी पर 2013 में पाबंदी लगा दी थी लेकिन सरकार ने इस साल अनुस्मरण पत्र जारी किया। यह बताता है कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर आधिकारिक स्तर पर चिंता है। सरकार इस प्रकार की मुद्राओं के जरिये लेन-देन से वित्तीय प्रणाली को होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित है।
क्रिप्टोकरेंसी के प्रवर्तकों का कहना है कि इससे एक गोपनीयता रहती है और लचीलापन रहता है, लेकिन चीनी नियामकों को चिंता है कि वे वित्तीय प्रणाली पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण को कमजोर कर सकते बिटकॉइन से होने वाले नुकसान हैं। यह भी कहा जाता है कि इससे आपराधिक गतिविधि को छिपाने में मदद हो सकती है।
पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना नकद-रहित लेन-देन को लेकर देश की मुद्रा युआन का डिजिटल संस्करण विकसित कर रहा है। इस पर सरकार का पूर्ण रूप से नियंत्रण होगा।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
Cryptocurrency Price Today: की गिरावट के बाद Bitcoin-Ethereum में लौटी तेजी, लेकिन इस क्रिप्टो ने मचाया धमाल, 24 घंटे में आई 1000% की तेजी
Cryptocurrency Price Today: मई महीने के अंतिम दिन अधिकतर क्रिप्टोकरेंसी में रिकवरी देखने को मिली है. सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी में शामिल बिटकॉइन और ईथेरियम में तेजी देखने को मिली है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी
Updated on: May 31, 2021 | 2:06 PM
दुनियाभर की टॉप क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में बीते 24 घंटे के दौरान मिलाजुला कारोबार नज़र आया है. अधिकतर क्रिप्टोकरेंसी में तेजी रही है तो वहीं कुछ में गिरावट भी देखने को मिली है. हालांकि, मई महीने के दूसरे पखवाड़े में क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट का दौर ही देखने को मिला. आज (सोमवार, 31 मई 2021) सुबह 07:30 बजे तक टॉप 10 में से केवल 3 क्रिप्टोकरेंसी में ही गिरावट देखने को मिली है. दुनिया की सबसे पॉपुलर और बड़ी क्रिप्टोकरेंसी यानी बिटकॉइन (Bitcoin Price) में भी अब तेजी देखने को मिल रही है. बीते 24 घंटे के दौरान इसमें तेजी आई है. ईथेरियम (Ethereum Price) में भी बढ़त देखने को मिल रही है.
बिटकॉइन आज 35 हजार डॉलर बिटकॉइन से होने वाले नुकसान ऊपर कारोबार कर रहे है. इसके पहले 19 मई को यह 30,681 डॉलर के निचले स्तर पर रहा था. क्रिप्टोकरेंसी बाजार (Cryptocurrency Market) के बारे में जानकारी रखने वालों का कहना है कि अब इसमें तेजी की उम्मीद है. इसके पहले करीब एक महीने ऑल-टाइम हाई की तुलना में यह करीब 50 फीसदी के स्तर पर आ गया था. बिटकॉइन अभी भी दुनिया की सबसे पॉपुलर और बड़े मार्केट कैप वाली क्रिप्टोकरेंसी बनी हुई है.
बिटकाॅइन में तेजी का अनुमान
निकट भविष्य में देखें तो इसमें तेजी का अनुमान है. जानकारों से लेकर वित्तीय संस्थान और कई प्रमुख बैंकों का कहना है कि आने वाले समय में बिटकॉइन में उछाल देखने को मिलेगा. यही कारण है कि अब कुछ सरकारें भी क्रिप्टोकरेंसी की संभावनाओं पर विचार करने लगी हैं. कुछ कंपनियों ने पहले ही बिटकॉइन को अपने बैलेंस शीट में शामिल करना शुरू कर दिया है. हालांकि, बिटकॉइन माइनिंग की वजह से पर्यावरण को होने वाले नुकसान अभी भी चिंता विषय बना हुआ है.
31 मई सुबह 07:35 बजे तक दुनिया की सबसे बड़ी 9 क्रिप्टोकरेंसी के रेट्स (ये आंकड़े coinmarketcap.com से लिए गए है)
Bitcoin: 3.12 फीसदी बढ़कर $34,887.27
Ethereum: 4.37 फीसदी बढ़कर $2,310
Tether: 0.04 फीसदी गिरकर $1.00
Carrdano: 12.16 फीसदी बढ़कर $1.54
Binance Coin: 6.41 फीसदी बढ़कर $315.57
XRP: 10.30 फीसदी बढ़कर $0.8908
Dogecoin: 2.98 फीसदी बढ़कर $0.2978
USD Coin: 0.02 फीसदी गिरकर $0.9995
Polkadot: 7.06 फीसदी बढ़कर $20.19
Uniswap: 12.92 फीसदी बढ़कर $24.84
किन क्रिप्टोकरेंसी में आई सबसे ज्यादा तेजी
Vanity: बीते 24 घंटे में 1,019.71 फीसदी चढ़कर $0.001405
E-coin Finance: बीते 24 घंटे में 588.81 फीसदी चढ़कर $0.0000000206
YAS: बीते 24 घंटे में 226.69 फीसदी चढ़कर $0.0676
Fire Token: बीते 24 घंटे में 206.96 फीसदी चढ़कर $0.01573
Keisuke Inu: बीते 24 घंटे में 158.97 फीसदी चढ़कर
एफडी की तरह रख सकेंगे क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टो एसेट एक्सचेंज ने ZebPay ने ज़ेबपे लेंडिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है. यह पहला क्रिप्टो लेंडिंग मॉडल (crypto lending model in India) है.
एक्सचेंज ने अपने बयान में कहा है कि कंपनी की इस नई योजना के जरिए यूजर्स अपने सिक्कों को ज़ेबपे के पास उधार रख सकेंगे, बदले में उन्हें शानदार रिटर्न दिया जाएगा.
अब कोई भी इनवेस्टर बिटक्वाइन (Bitcoin)समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी में एफडी की तरह निवेश कर उस पर मुनाफा कमा सकता है.
कंपनी की तरफ से कहा गया है कि बिटक्वाइन(BTC), इथेरियम (ETH), तेथर (USDT), डाई (DAI), जैसी क्रिप्टोकरेंसी को इनवेस्ट किया जा सकेगा.
बिटकॉइन से होने वाले नुकसान
क्या आप जानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन पर्यावरण और जलवायु के दृष्टिकोण से काफी खतरनाक है। हाल ही में इसपर की गई एक नई रिसर्च से पता चला है कि 2021 में हर बिटकॉइन के खनन से जलवायु को 11,314 अमेरिकी डॉलर के बराबर क्षति हुई थी।
वहीं शोध में इस बात की भी पुष्टि की गई है कि इसके बिटकॉइन उद्योग में परिपक्वता आने के साथ इसकी प्रति कॉइन जलवायु क्षति घटने की बजाय बढ़ रही है, जोकि चिंता का विषय है। गौरतलब है कि 2016 में जहां प्रति बिटकॉइन माइनिंग से 0.9 टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर उत्सर्जन हुआ था जो 2021 में बढ़कर 113 टन पर पहुंच गया था। इस तरह देखा जाए तो इस अवधि में बिटकॉइन माइनिंग से होने वाले उत्सर्जन बिटकॉइन से होने वाले नुकसान में करीब 125 गुना वृद्धि हुई है।
इस बारे में न्यू मैक्सिको विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन से जुड़े शोधकर्ता बेंजामिन ए जोन्स का कहना है कि, "हमें इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि बिटकॉइन माइनिंग समय के साथ ज्यादा सस्टेनेबल होता जा रहा है।"
वहीं यदि 2016 से 2021 के बीच जितने बिटकॉइन की माइनिंग की गई है उसके कुल प्रभाव की गणना की जाए तो वो करीब 97,707 करोड़ रुपए (1,200 करोड़ डॉलर) के बराबर बैठती है। वहीं 2021 खनन में किए गए कुल बिटकॉइंस से होने वाली औसत वैश्विक क्षति की बात करें तो वो करीब 30,126 करोड़ रुपए (370 करोड़ डॉलर) के बराबर है।
देखा जाए तो बिटकॉइन के खनन से जलवायु पर पड़ने वाला प्रभाव गोल्ड माइनिंग से ज्यादा है। वहीं इसके कारण जलवायु को होने वाले नुकसान की तुलना बीफ, प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल से की जा सकती है। जर्नल साइंटिफिक रिपोर्टस में प्रकाशित इस अध्ययन से पता चला है कि पिछले पांच वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के उत्पादन का पर्यावरणीय नुकसान उसके बाजार मूल्य का औसतन 35 फीसदी है।
हालांकि 2020 में यह नुकसान अपने चरम पर 82 फीसदी तक पहुंच गया था। देखा जाए तो इसकी तुलना कोयले से की जा सकती है जिसका पर्यावरण पर पड़ने वाला दबाव उसके बाजार मूल्य का करीब 95 फीसदी है। वहीं मई 2020 में यह नुकसान अपने चरम पर सिक्के की कीमत के करीब 156 फीसदी के बराबर पहुंच गया था।
वहीं यदि बीफ की बात करें तो उससे पर्यावरण और जलवायु पर पड़ने वाला प्रभाव करीब 33 फीसदी है। वहीं प्राकृतिक गैस के मामले में यह आंकड़ा करीब 46 फीसदी है। वहीं गोल्ड माइनिंग का जलवायु प्रभाव उसके बाजार मूल्य का करीब 4 फीसदी है।
क्या है यह बिटकॉइन
बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी होती है। देखा जाए तो पिछले कुछ सालों में लोगों की इसके प्रति दिलचस्पी काफी तेजी से बढ़ी है। देशों की पारम्परिक मुद्रा को उस देश की सरकार, बैंक आदि नियंत्रित करते हैं, पर वहीं दूसरी तरफ क्रिप्टोकरेंसी के साथ ऐसा नहीं होता है। बिटकॉइन के लेनदेन का प्रबंधन बिटकॉइन उपयोगकर्ताओं के एक डिसेंट्रलाइज्ड नेटवर्क द्वारा किया जाता है, जिसका मतलब है कि इसे कोई व्यक्ति या संस्था नियंत्रित नहीं कर सकती है।
देखा जाए तो इस डिजिटल करेंसी के कारण पर्यावरण और जलवायु पर पड़ने वाला भारी दबाव उसके ऊर्जा उपयोग के कारण आता है। शोध के मुताबिक अध्ययन किए गए 20 दिनों में एक से ज्यादा दिनों में इन सिक्कों के कारण होने वाली जलवायु क्षति उत्पादित सिक्कों के मूल्य से अधिक हो गई थी।
शोध के मुताबिक यदि 2020 के आधार पर गणना करें तो उस वर्ष में बिटकॉइन माइनिंग ने 75.4 टेरावाट-घंटे प्रति वर्ष के हिसाब से बिजली का उपभोग किया था, जोकि ऑस्ट्रिया और पुर्तगाल जैसे देशों के कुल बिजली उपयोग से भी ज्यादा है।
इससे पहले भी जर्नल रिसोर्सेज कंजर्वेशन एंड रीसाइक्लिंग में प्रकाशित एक अध्ययन में बिटकॉइन के कारण बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक कचरे को लेकर आगाह किया था। इस शोध के हवाले से पता चला है कि बिटकॉइन के कारण हर साल करीब 30,700 मीट्रिक टन इलेक्ट्रॉनिक कचरा पैदा होता है, जोकि अपने आप में एक बड़ी समस्या है। शोधकर्ताओं के मुताबिक बिटकॉइन के हर एक लेनदेन से करीब 272 ग्राम ई-वेस्ट उत्पन्न होता है, जोकि आई फोन 13 के वजन से भी कहीं ज्यादा है।
ऐसे में इन डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग को कहीं ज्यादा पर्यावरण और जलवायु अनुकूल बनाने की जरुरत है। इनके लिए कड़े नियम और मानक तय किए जाने चाहिए। जिससे पर्यावरण और जलवायु पर पड़ रहे इनके दबाव को सीमित किया जा सके।
क्या आपको बिटकॉइन में निवेश करना चाहिए, यहां है जवाब
नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल]। क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन रोज नए आसमान छू रही है। पिछले 6-7 महीनों में ही यह 2 हजार डॉलर प्रति बिटकॉइन से बढ़कर 17186 डॉलर प्रति बिटकॉइन तक पहुंच गई है। इस आभासी मुद्रा की रफ्तार देखकर इसकी तरफ आकर्षित होने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। अगर आप भी बिटकॉइन में निवेश का मन बना रहे हैं तो सावधान! कहीं ऐसा न हो कि यह फैसला आपके लिए घातक बन जाए। जिस तरह से रोशनी की तरफ आकर्षित होकर पतंगा अपनी जान गंवा देता है कहीं उसी तरह आप अपने जीवनभर की कमाई न गंवा दें।
अब आप सोच रहे होंगे कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में बिटकॉइन को लेकर कोई स्पष्ट नीति या गाइडलाइन नहीं है। यूपी पुलिस व एसटीएफ सहित अन्य जांच एजेंसियां और रिजर्व बैंक के कुछ दस्तावेजों में इसके गैरकानूनी होने का जिक्र जरूर मिलता है। बिटकॉइन को कौन संचालित कर रहा है इसके बारे में भारत सरकार को कोई जानकारी नहीं है। इसको लेकर भारत से कोई संधि भी नहीं की गई है। ऐसे में अगर आपका पैसा बिटकॉइन से होने वाले नुकसान डूबता है तो इसके लिए सरकार नहीं आप स्वयं जिम्मेदार होंगे।
सामने आने लगे हैं भुक्तभोगी
बिटकॉइन की चकाचौंध भरी रफ्तार हर किसी को चकित कर रही है। बिटकॉइन से आपको कब नुकसान पहुंचेगा इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन इसको लेकर ठगी करने वाले अभी से सक्रिय हो चुके हैं। फेसबुक पर ग्रुप बनाकर 50 से ज्यादा लोगों से बिटकॉइन के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने का मामला सामने आया है। भारत में दो ऐप से बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त होती है। इनके जरिए बिटकॉइन खरीदने या बेचने पर डेढ़ से दो फीसद तक का कमीशन ऐस संचालक को देना पड़ता है। ठग ने बिना कमीशन के बिटकॉइन देने का वादा किया था और इस कमीशन को बचाने के लिए लोग ठग के झांसे में आ गए।
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन दरअसल एक क्रिप्टोकरेंसी है और यह किसी भी सामान्य मुद्रा जैसे डॉलर, रुपये या पॉन्ड की तरह इस्तेमाल की जा सकती है। फर्क सिर्फ इतना है कि इसका लेनदेन केवल डिजिटल स्वरूप में ही होता है। पहली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन के रूप में साल 2009 में चलन में आई थी। आज इसका इस्तेमाल बिटकॉइन से होने वाले नुकसान ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है। शायद यही कारण है कि कई डेवलपर्स और बिजनेस ने बिटकॉइन को अपनाया है।
यूनीक कोड में होता है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक वर्चुअल यानी आभासी मुद्रा होती है। इसका इस्तेमाल केवल इंटरनेट से ही होता है। बिटकॉइन खरीदने पर 30-40 अंक का एक यूनीक कोड मिलता है। यूजर को ऑनलाइन पासबुक मिलती है, जिसमें उसके पास मौजूद बिटकॉइन का पूरा ब्योरा होता है। इसी कोड को खरीदने या बेचने के नाम पर यह पूरी धोखाधड़ी होती है।
तीन सदी पहले ट्यूलिप्स ने रुलाया
करीब 380 साल पहले बिटकॉइन की तरह ही ट्यूलिप्स की ट्रेडिंग भी अंधाधुंध तरीके से शुरू की गई थी। इसकी कई वैरायटी पेश की गईं। इसकी उपलब्धता ज्यादा नहीं थी, जिससे शुरुआती मांग चढ़ गई और दाम आसमान पर पहुंच गए। उस समय भी आज के बिटकॉइन की तरह ही लोगों में एक सनक सी सवार हो गई और लोग बेहद ऊंचे दाम पर ट्यूलिप्स की ट्रेडिंग करने लगे। साल 1636-37 में इसकी ट्रेडिंग जितनी तेजी से बढ़ी उससे भी ज्यादा तेजी से उसकी हवा निकली।
रॉथ्सचाइल्ड का उदाहरण भी है सामने
आइआइएम बेंगलुरु के पूर्व प्रोफेसर और वरिष्ठ अर्थशास्त्री डॉ. भरत झुनझुनवाला ने बुधवार को दैनिक जागरण में लिखे अपने एक लेख में बिटकॉइन के बारे में उदाहरण देकर बताया कि क्यों हमें इससे दूर रहना चाहिए। उन्होंने लिखा, 18वीं सदी में एक अमीर आदमी रॉथ्सचाइल्ड पर लोगों को बहुत विश्वास था। इसलिए लोग रॉथ्सचाइल्ड के पास सोना अथवा मुद्रा जमा कराकर ‘हुंडी’ लिखवा लेते थे और उसे लेकर दूसरे देश में स्थित रॉथ्सचाइल्ड की शाखा से मुद्रा ले लेते थे। रॉथ्सचाइल्ड द्वारा जारी की गई हुंडियां एक वैश्विक मुद्रा जैसी हो गईं। सामान्यत: वे जमा सोने के बदले हुंडी जारी करते थे। फिर उन्होंने बिना सोना जमा किए हुंडी जारी करना शुरू कर दिया जैसे रिजर्व बैंक नोट जारी करता है। वे रातों रात अथाह संपत्ति के स्वामी बन गए, क्योंकि उनके द्वारा जारी हुंडियों पर जनता को भरोसा था। बिटक्वॉइन का स्वरूप ऐसी हुंडियों जैसा ही है। बिटक्वॉइन तब तक ही अस्तित्व में है जब तक भागीदारों और प्रशंसकों को इस पर भरोसा है।
कई बैंकों की कुल पूंजी से भी आगे बिटकॉइन
हैरानी की बात यह भी है कि वर्ल्ड बैंक के जुलाई माह के आंकड़ों के मुताबिक कृषि एवं पर्यटन प्रधान देश न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था 185 बिलियन डॉलर की है। यह बिटकॉइन की कैपिटलाइजेशन से करीब पांच अरब डॉलर ही कम है। इसकी वैल्युएशन कतर, कुवैत और हंगरी जैसे देशों से भी ज्यादा है। दुनिया के दो सबसे ज्यादा पूंजी वाले बैंक गोल्डमैन सैक्स और यूबीएस की वैल्यु भी बिटकॉइन से कम है।
बोइंग से भी आगे बिटकॉइन
बोइंग कॉरपोरेशन की मार्केट कैप 162 बिलियन डॉलर है जो कि बिटकॉइन की 200 बिलियन डॉलर से ज्यादा की वैल्युएशन से कम है। शिकागो कि यह कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी एरोस्पेस फर्म है। यह 100 साल से भी ज्यादा पुरानी कंपनी है जिसमें 1,40,000 लोग दुनिया के 65 देशों में कार्यरत हैं। यह जानकारी बोइंग की वेबसाइट के आधार पर है। वहीं, इसकी प्रतिस्पर्धी कंपनी एयरबस एसई की मार्केट वैल्यु 66 बिलियन यूरो (78 बिलियन डॉलर) है। बिल गेट्स और वॉरेन बफेट ब्लूमबर्ग के बिलिनियेर इंडेक्स में टॉप पर रहते हैं। गेट्स की संपत्ति 90 बिलियन डॉलर और बफेट की 83 बिलियन डॉलर है।
बिटकॉइन में संपत्ति का गुण नहीं
मुद्रा या करेंसी का एक मुख्य गुण संपत्ति का भंडारण होता है। जैसे सोने के सिक्के में लगे सोने में संपत्ति होती है। बिटकॉइन में रत्ती भर संपत्ति नहीं होती। खबर है कि एक बिटकॉइन धारक की कंप्यूटर हार्ड डिस्क खराब हो गई। वह पासवर्ड के अभाव में अपने बिटक्वॉइन को पुन: हासिल नहीं कर सका। बिटकॉइन में न तो सोने के सिक्कों की तरह संपत्ति निहित है और न ही नोट की तरह रिजर्व बैंक की गारंटी है। इसकी कीमत सिर्फ इस पर निर्भर है कि हजारों या लाखों भागीदार इसे मान्यता देते हैं। बिटकॉइन के भागीदारों के 1,000 कंप्यूटरों को एक साथ हैक किए जाने से एक मिनट में बिटकॉइन धड़ाम हो जाएगा।
Bitcoin खरीदने वाले चार में से तीन इनवेस्टर्स को हुआ नुकसान
मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin खरीदने वाले लगभग तीन चौथाई लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है। यह जानकारी बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के इकोनॉमिस्ट्स की ओर से पिछले सात वर्षों में लगभग 95 देशों के क्रिप्टोकरेंसी इनवेस्टर्स के डेटा की स्टडी से मिली है।
इस स्टडी में बताया गया है कि बिटकॉइन में इनवेस्टमेंट करने वाले लगभग तीन चौथाई लोगों को नुकसान होने का अनुमान है। इस अवधि में बिटकॉइन का प्राइस लगभग 250 डॉलर से बढ़कर पिछले वर्ष नवंबर में लगभग 69,000 डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंचा था। ऐप्स के जरिए क्रिप्टोकरेंसीज खरीदने और बेचने वाले लोगों की संख्या इस अवधि में 1.19 लाख से बढ़कर लगभग 3.25 करोड़ पर पहुंच गई। स्टडी करने वाले रिसर्चर्स ने लिखा है, “हमारे एनालिसिस से पता चलता है कि बिटकॉइन के प्राइस में बढ़ोतरी इसके रिटेल इनवेस्टर्स की संख्या बढ़ने से जुड़ी है।”
स्टडी में कहा गया है कि प्राइसेज के बढ़ने पर रिटेल इनवेस्टर्स की ओर से बिटकॉइन में खरीदारी की जा रही थी, जबकि इसके व्हेल्स जैसे बड़े होल्डर्स बिकवाली कर प्रॉफिट कमा रहे थे। इसके अलावा स्टडी में पाया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी में इनवेस्ट करने वालों में लगभग 40 प्रतिशत 35 वर्ष से कम आयु के पुरुष थे। इस बिटकॉइन से होने वाले नुकसान सेगमेंट को अधिक रिस्क लेने वाला माना जाता है।
पिछले वर्ष बिटकॉइन में काफी तेजी आई थी। इसके बाद से स्लोडाउन और कुछ अन्य कारणों से इसका प्राइस एक-तिहाई से अधिक टूट चुका है। इससे इनवेस्टर्स के साथ ही क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को बड़ा नुकसान हुआ है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिटकॉइन में काफी बिकवाली हुई है। इन्फ्लेशन के भी लगभग पीक पर पहुंचने के संकेत हैं। इससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व सहित अन्य देशों के सेंट्रल बैंकों की ओर से मॉनेटरी पॉलिसी में कुछ छूट दी जा सकती है। यह क्रिप्टो मार्केट में तेजी का अगला बड़ा कारण हो सकता है। कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने भी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इनवेस्टर्स को चेतावनी दी है। इससे भी मार्केट पर प्रेशर बढ़ा है। कुछ क्रिप्टो फर्मों के डिफॉल्ट करने से इस मार्केट को लेकर आशंकाएं भी बढ़ी हैं। क्रिप्टो सेगमेंट के लिए बहुत से देश कड़े कानून बनाने पर भी काम कर रहे हैं।
भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें
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