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खाता क्या हैं

खाता क्या हैं
प्रत्येक बैंक के नियमानुसार बचत खाता में न्यूनतम बैलेंस क्रमशः 500 से लेकर 5000 तक का बनाये रखना अनिवार्य होता है, जबकि यही नियम चालू खाता पर क्रमश: 5000 और इससे अधिक लागू होता है । तथा प्रधानमंत्री योजना के तहत ओपेन कराये गये बचत खाता में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने की कोई शर्ते नही है ।

बैंक खाता क्या है और बैंक अकाउंट के प्रकार (What Is Bank Account In Hindi)

Saving Vs Current Account: बैंक के सेविंग और करंट अकाउंट में क्या होता है अंतर, दोनों अकाउंट में मिलते हैं ये लाभ

By: ABP Live | Updated at : 30 Jan 2022 11:20 AM (IST)

Edited By: Taruna

सेविंग और करंट अकाउंट में अंतर

Saving and Current Account Difference: आजकल देश में हर किसी के पास बैंक खाता हो गया है. ज्यादातर सरकारी योजनाओं (Government Schemes) के लाभ आपको बैंक अकाउंट के द्वारा ही मिलते हैं. बैंक में खाता खुलवाते वक्त आपको अकाउंट खोलने का फार्म (Account Opening Form) दिया जाता है. इस फॉर्म में आपसे यह जानकारी ली जाती है कि आप सेविंग / करंट अकाउंट (Saving and Current खाता क्या हैं Account) में कैन-सा खुलवाना चाहते हैं. लेकिन, यह बहुत कॉमन है कि ज्यादातर लोग सेविंग अकाउंट ही खुलवाते हैं. इसके अलावा हम जब भी ATM से पैसे निकालते हैं तो उस दौरान भी हमें स्क्रीन पर अकाउंट को चुनने का ऑप्शन आता है. हमें बताना पड़ता है कि हमारा अकाउंट सेविंग है या करंट है.

चालू खाता और बचत खाता में क्या अंतर है (Difference Between Current Account And Saving Account)

चालू खाता और खाता क्या हैं बचत खाता में क्या अंतर है (Difference Between Current Account And Saving Account In Hindi) जानने आयें है तो आपका स्वागत है, दोस्तों जब आप किसी बैंक में अपना नया खाता खुलवाने जाएगें तो बैंक आपको एक न्यू अकाउंट ओपनिंग फाॅर्म देता है जिसमें खाता के प्रकार यानि बचत खाता (Saving Account) या चालू खाता (Current Account) इनमें से एक को चुनना होता है परंतु यहाँ पर अधिकांश लोग कंफ्यूज जाते है और सोचने लगते है, बचत खाता किसे कहते हैं और चालू खाता किसे कहते हैं मैनें इसपर विस्तार से जानकारी दे चुका हूँ यदि आप नही पढें है तो अवश्य पढें, क्योंकि इस आर्टिकल में हम बात करने जा रहे है Chalu Khata Aur Bachat Khata Me Kya Antar Hai?

चालू खाता और बचत खाता में क्या अंतर है (Difference Between Current Account And Saving Account)

बैंक खाता क्या है और बैंक अकाउंट के प्रकार (What Is Bank Account In Hindi)

Type Of Bank Account In Hindi: आज के इस लेख में हम आपको बताएँगे कि बैंक खाता क्या है, बैंक अकाउंट क्यों जरुरी है, बैंक अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं , बैंक में अकाउंट कैसे खुलवाएं और बैंक अकाउंट के फायदे तथा नुकसान क्या है.खाता क्या हैं

बैंक अकाउंट क्या है (What is Bank Account in Hindi)

बैंक अकाउंट या बैंक खाता बैंकों के द्वारा प्रदान करवाया जाने वाला एक वित्तीय खाता होता है, जिसमें बैंक तथा ग्राहक के बीच की सभी लेन – देन का रिकॉर्ड दर्ज होता है. बैंक की किसी भी प्रकार की सुविधा का लाभ उठाने के लिए बैंक अकाउंट होना जरुरी होता है.

बैंक अकाउंट के द्वारा कस्टमर कहीं से भी बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकता है. बैंक अकाउंट के द्वारा ही एक व्यक्ति बैंक का ग्राहक बनता है. बैंक सरकार तथा केंद्रीय बैंक (RBI) के गाइडलाइन का पालन करते हैं.

बैंक अकाउंट क्यों जरुरी है

अपने पैसों को सुरक्षित जमा रखने के लिए और पैसों की लेन – देन करने के लिए बैंक अकाउंट बहुत जरुरी होता है.

माना आप भारत में दिल्ली से तमिलनाडु में पैसे भेजना चाहते हैं, अगर आपके पास बैंक अकाउंट नहीं होगा तो आप पैसे नहीं भेज सकते हैं. इसी प्रकार पैसे किसी दुसरे शहर से प्राप्त करने के लिए भी बैंक अकाउंट का होना जरुरी हो जाता है. बैंक अकाउंट के द्वारा आप विदेशों में भी पैसों की लेन – देन कर सकते हैं.

जरा सोचिये अगर आपके पास बैंक अकाउंट नहीं होता तो क्या यह सब संभव था? क्या आप ATM से पैसे निकाल सकते, क्या आप ऑनलाइन बिलों का भुगतान कर सकते, क्या ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते. इस सब के लिए बैंक अकाउंट का होना बहुत जरुरी है.

इसके अलावा बैंक अकाउंट में आप अपने पैसों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में सुरक्षित रख सकते हैं. अगर आप अपने पास घर में करेंसी रखते तो चोरी होने नोटों के कटने – फटने आदि की समस्या होती, लेकिन बैंक अकाउंट होने से आप इस प्रकार की सभी समस्याओं से मुक्त हैं.

बैंक अकाउंट के प्रकार (Types of Bank Account in Hindi)

बैंक खाते के मुख्य रूप से चार प्रकार होते हैं –

  • Saving Account (बचत खाता)
  • Current Account (चालू खाता)
  • Fixed Deposit (FD) (सावधि जमा)
  • Recurring Deposit (RD) (आवर्ती जमा)

चलिए अब जानते हैं बैंक में खोले जाने वाले विभिन्न प्रकार के खातों के बारें विस्तार से.

#1 – Saving Account (बचत खाता)

जैसे कि नाम से ही स्पष्ट होता है, Saving Account बैंक में पैसों की बचत करने के लिए खुलवाये जाते हैं. बचत खाता खुलवाते समय खाताधारक को बैंक द्वारा निर्धारित की गयी एक निश्चित राशि अपने अकाउंट में जमा करना होता है, जिससे कि खाताधारक का बचत खाता खुल सके. अलग – अलग बैंकों में Account Opening बैलेंस भिन्न – भिन्न हो सकते हैं. आमतौर पर यह राशि 100 रूपये से लेकर 1000 रूपये तक होती है.

बैंक में खाता कैसे खोले

Bank Account Opening : बैंक में खाता होना आज कल सभी के लिए बहुत जरूरी हो गया है | बैंक में खाता होने से आपको कई फायदे भी मिलते है | इससे आप किसी भी तरह का ऑनलाइन भुगतान कर सकते है | यदि आप कहीं जॉब (Job) करते है, तो वहाँ भी आपको अपना बैंक खाता (Bank Account) लगाना पड़ता है, जिससे आपकी सैलरी (Salary) नगद (Cash) न मिलकर सीधा आपके बैंक खाते में ही डाल दी जाती है | जिसे आप अपने एटीएम (ATM) कार्ड़ की सहायता से कभी भी निकाल सकते है या फिर किसी तरह का ऑनलाइन भुगतान (Online Payment) भी कर सकते है |

बैंक खाते तीन तरह के होते है एक चालू खाता (Current Account) और दूसरा खाता क्या हैं बचत खाता ( Saving Account) तथा तीसरा क्रेडिट अकाउंट (Credit Account) | यदि आप भी बैंक में खाता खुलवाना चाहते है तो यहाँ पर बैंक में खाता कैसे खोले, क्या-क्या डॉक्यूमेंट चाहिए, फॉर्म कैसे भरे, प्रक्रिया (Process) खाता क्या हैं क्या है, इसके बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है |

बैंक में खाते के प्रकार (Types of Account in Bank)

Table of Contents

बैंक में खाते मुख्यतः तीन प्रकार के होते है, पहला चालू खाता और दूसरा बचत खाता, तीसरा ऋण खाता यदि आप व्यापर करते है और आपको रोज़ अधिक पैसो का लेन-देन करना पड़ता है तो आपको चालू खाता खुलवाना चाहिए और यदि आप अपने निजी कार्य के लिए खाता खुलवाना (Account Opening) चाहते है तो आप सेविंग अकाउंट खुलवा सकते है | सभी प्रकार के अकाउंट की जानकारी खाता क्या हैं कुछ इस प्रकार है:-

1. बचत खाता (Saving Account)

बचत खाता किसी भी व्यक्ति के द्वारा निजी कार्यो के लिए जमा की गयी राशि को बैंक में सुरक्षित रखने के काम में आता है | बचत खाता क्या हैं खाता ऐसा खाता है जिसमे खाता धारक (Account Holder) द्वारा जमा किये गए धन (Money) पर उसे बैंक द्वारा निर्धारित ब्याज (Interest) भी प्राप्त होता है जो कि 2% से 6% तक का हो सकता है |

बैंक में खाता कैसे खुलवाए (How to Open An Account in a Bank)

Bank Account Opening Process: बैंक में खाता खुलवाने के लिए बैंक से प्राप्त फॉर्म (Application Form) को भरना होता है आपके पास बैंक द्वारा मान्य डाक्यूमेंट्स होने चाहिए | तभी आप किसी बैंक में खाता खोल सकते है | यह सभी डॉक्यूमेंट आपके फॉर्म के साथ संलग्न किये जाते है | जिनकी जानकारी इस प्रकार है:-

  • खाता खोलने के लिए आपको बैंक की नजदीकी शाखा (Bank Branch) में जाकर बैंक अकॉउंट का फॉर्म लेना होगा |
  • यह फॉर्म बिलकुल निशुल्क (Free of Cost) होता है |
  • फॉर्म लेने के बाद आपको उसे सही-सही भरना होगा |
  • इस फॉर्म में आपको अपनी पर्सनल जानकारी भरनी होगी |
  • फॉर्म को भरने के लिए नीले पेन (Blue Pen) या काले पेन (Black Pen) का इस्तेमाल करे |
  • फॉर्म में मांगी गयी जानकारी जैसे – अपना नाम, पिता का नाम, पता, स्थाई पता, जन्म की तारीख, मोबाइल नंबर, नामांकित व्यक्ति का नाम (Nominee), खाते का प्रकार (Type of account) आदि की जानकारी भरना होगा |
  • फॉर्म भरने के बाद आपको अपने हस्ताक्षर (Signature) 3 से 4 बार करने होंगे |
  • इसके बाद फॉर्म में फोटो को चिपकाये तथा फॉर्म के साथ मांगे गए उन सभी दस्तावेजों को अटैच कर दे |
  • लगाए गए प्रत्येक दस्तावेज में अपने हस्ताक्षर करे |
  • इसके बाद अपने फॉर्म को बैंक कर्मचारी से चेक करवा कर जमा कर दें |
  • यदि आप एटीएम (ATM) और चेक बुक (Check Book) भी चाहते है तो उसे भी फॉर्म में टिक कर दें |
  • इस तरह से आपका बैंक खाता खुल जायेगा |
  • अकाउंट खुलने के 24 घंटे बाद आप पासबुक ले सकते है |

B. प्राप्ति एवं भुगतान खाता की तीन विशेषताएं बताइए

इस खाते की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित होती हैं-

  1. इस खाते में गैर रोकड़ मद जैसे कि हृास, उपार्जित आय आदि नहीं लिखे जाते हैं।
  2. यह रोकड़ पद्धति के आधार पर बनाया जाता है।
  3. इसमें सभी प्राप्तियां चाहे वह आयगत मद की हो या फिर पूंजीगत मद सभी को डेबिट पक्ष में प्रदर्शित किया जाता है।
  4. जितने भी भुगतान होते हैं चाहे वह आयगत हो या पूंजीगत मद सभी को क्रेडिट पक्ष में प्रदर्शित किया जाता है।
  5. इस खाते की मुख्य विशेषता यह है कि इस खाते के डेबिट भाग में Opening Balance व क्रेडिट भाग में सबसे नीचे Closing लिखना होता है। यह इसका प्रारूप होता है।

C. प्राप्ति और भुगतान खाते की सीमाएं या दोष

प्राप्ति और भुगतान खाते के अगर लाभ (जो विशेषता में दिए गए हैं) है तो इसके कुछ सीमाएं भी होते हैं जो नीचे प्रकार से दिए गए हैं-

  • इस खाते को लेखांकन के उपार्जन आधार पर तैयार नहीं किया जाता हैं।
  • यह खाता लेखांकन वर्ष खाता क्या हैं के अंत में Surplus या Deficits को प्रदर्शित नहीं करता है।
  • यह लेखांकन वर्ष के आय एवं व्यय के संबंध में किसी भी प्रकार की सूचनाएं प्रदान नहीं करता है यह केवल आय एवं व्यय की नकद राशि की सूचना प्रदान करता है।
  • इससे संस्था की वित्तीय स्थिति का Valuation नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह सिर्फ नकद व्यवहारों का ही लेखा प्रकट करता है।
  • प्राप्ति एवं भुगतान खाता में ‘Depreciation‘ को नहीं दिखाया जाता हैं।

D. प्राप्ति एवं भुगतान खाते में दिखाई जाने वाली मदें हैं?

यह खाता में दो पक्ष होता है प्रथम प्राप्ति Receipts Side और दूसरा भुगतान Payment Side । प्राप्ति भाग में दिखाई जाने वाली मदों की सूची है इसे आयगत एवं पूंजीगत प्राप्ति में बांटकर लिखा गया है-

प्राप्ति पक्ष में लिखे जाने वाली मदें –

आयगत प्राप्ति के अंतर्गत – प्रवेश शुल्क, चंदा, सामान्य दान, निवेश पर ब्याज, ब्याज एवं लाभांश, मनोरंजन से प्राप्त, पुराने कागज की बिक्री , दान सो से प्राप्ति आदि ।

Entrance fees, Subscription, General Donation, Interest on Investment, Interest and Dividend, Proceeds from Entertainment , Sale of Old Paper, Proceeds from Charity Show etc.

पूंजीगत प्राप्ति के अंतर्गत – निवेश का विक्रय, विनियोग, वसीयत, विशेष दान, आजीवन सदस्यता शुल्क, स्थायी संपत्तियों की बिक्री, समर्थित निधि आदि ।

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