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Cryptocurrency में भारी गिरावट

Cryptocurrency में भारी गिरावट
This afternoon, FTX asked for our help. There is a significant liquidity crunch. To protect users, we signed a non-binding LOI, intending to fully acquire https://t.co/BGtFlCmLXB and help cover the liquidity crunch. We will be conducting a full DD in the coming days.— CZ 🔶 Binance (@cz_binance) November 8, 2022

बिटकॉइन की कीमत 8% गिरी, क्रिप्टो करेंसी की कीमतों में भारी गिरावट

मुंबई– क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भारी गिरावट आई है। शुक्रवार की देर रात विभिन्न एक्सचेंज पर इनकी कीमतें गिरी हैं। सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन की कीमत 8% गिरी है। यह 31,900 डॉलर पर पहुंच गई है। इसी के साथ अन्य करेंसी भी 7% तक गिरी हैं। जबकि हफ्ते भर में इनमें 30% तक की गिरावट आई है।

क्रिप्टो करेंसी कीमतों में एक Cryptocurrency में भारी गिरावट Cryptocurrency में भारी गिरावट हफ्ते से भारी गिरावट है। पिछले शुक्रवार को भी इसी तरह की गिरावट आई थी। इथरियम की कीमत में 6.83% की गिरावट आई है और यह 1,830 डॉलर पर पहुंच गई है। बिनांस कॉइन की कीमत में 5.05%, कार्डानो की कीमत में 5.49%, डॉगकॉइन की कीमत में 7.78% की गिरावट शुक्रवार की रात दर्ज की गई है। इसी तरह पोलकाडाट की कीमत 7.20%, यूनिस्वैप की कीमत 9% और लाइट कॉइन की कीमत में 4.85% की गिरावट दर्ज की गई है।

हफ्ते की बात करें तो बिटकॉइन की कीमत 9% तक गिरी है। इथरियम हफ्ते भर में 18% टूटी है तो बिनांस कॉइन की कीमत में 15% की गिरावट दर्ज की गई है। इसी तरह कार्डानो की कीमत हफ्ते भर में 11%, डाग कॉइन की कीमत 15%, पोलकाडाट की कीमत 31%, यूनिस्वैप की कीमत 22% और लाइट कॉइन की कीमत में 20% तक की गिरावट आई है। बिटकॉइन की कीमत इसी हफ्ते में एक बार 27 हजार डॉलर तक पहुंच गई थी। अप्रैल में यह 65 हजार डॉलर पर थी, तब से अब तक इसकी कीमत आधा गिर चुकी है।

दरअसल चीन के रेगुलेटर ने बिटकॉइन माइनिंग को लेकर स्क्रुटनी की बात कही है। यही कारण है कि टॉप 10 डिजिटल मनी की कीमतों में आज जमकर कमी आई है। बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी है। क्रिप्टोकरेंसी चीन में बड़ा बिजनेस है। पूरी दुनिया के बिटकॉइन प्रोडक्शन में आधा हिस्सा चीन का है। चीन द्वारा क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग पर लगाम लगाने की योजना तेजी में है। चीन के दक्षिणी इलाके सिचुआन में क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग प्रोजेक्ट को बंद करने का ऑर्डर दे दिया गया है। यह चीन का सबसे बड़ा माइनिंग सेंटर है।

हालांकि इस भारी गिरावट के बाद भी ऐसा माना जा रहा है कि अगस्त तक बिटकॉइन का भाव 47 हजार डॉलर पर चला जाएगा। स्टॉक-टू-फ्लो बिटकॉइन प्राइस फोरकास्टिंग मॉडल्स के निर्माता ने कहा है कि, यहां तक कि बिटकॉइन के लिए सबसे खराब स्थिति अगस्त में दिखेगी जब 47,000 डॉलर पर ट्रेड करेगी। सितंबर में मामला थोड़ा उल्टा होगा और यह महीने के लिए 43000 डॉलर ट्रेड कर न्यूनतम लक्ष्य हासिल करेगी और अक्टूबर में 63000 डॉलर पर पहुँचेगी जब यह आल टाइम हाई होगा। इसके बाद इसमें और तेजी आएगी और यह नवंबर में 98000 और साल के अंत तक 1.35 लाख डॉलर पर पहुंच जाएगी।

दुनिया की क्रिप्टो करेंसी का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 125 लाख करोड़ रुपए है। इसमें बिटकॉइन का अकेले मार्केट कैप 50.57 लाख करोड़ रुपए है। भारत की बात करें तो यहां पर 12-14 क्रिप्टो के एक्सचेंज हैं जो कारोबार करते हैं। देश में क्रिप्टो करेंसी में 1 से 1.20 करोड़ निवेशक हैं।

Cryptocurrency में भारी गिरावट पर भी नहीं टूटे निवेशक, जमकर कर रहें इन्वेस्ट

Cryptocurrency News in Hindi Today: क्रिप्टोकरेंसी के रेट में बीते हफ्ते से बड़ी गिरावट देखी जा रही है. यह गिरावट महीने में भी सबसे बड़ी गिरावट है. बावजूद इसके क्रिप्टोकरेंसी में निवेश ( Investment in Cryptocurrency) करने वाले निवेशक बिलकुल भी नहीं घबरा रहें हैं. वे जमकर निवेश कर रहें हैं. बीते हफ्ते से क्रिप्टोकरेंसी में भारी भरकर निवेश हो रहा है, जो आपको चौका सकता है.

भारत की बात करें तो अभी तक देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर किसी भी तरह की गाइडलाइन (Cryptocurrency Guideline in India) सरकार ने लागू नहीं की है, और न ही क्रिप्टो भारत में लीगल टेंडर है. बावजूद इसके भारत में खासकर कि युवा पीढ़ी में क्रिप्टोकरेंसी का जमकर क्रेज देखा जा रहा है. चाहे घरेलू हो या ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी का Buzz लगातार बढ़ता जा रहा है. इस वजह से इससे जुडी ख़बरों में लोग टकटकी लगाए रहते हैं.

लगातार आ रही क्रिप्टोकरेंसी के रेट में गिरावट

क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड होती है. हफ्ते भर से लगभग सभी करेंसी में गिरावट देखी जा रही है. ग्लोबल मोर्चे पर कुछ क्रिप्टोकरेंसी में भारी गिरावट दर्ज की गई है. बावजूद इसके क्रिप्टो में निवेश करने वाले बढ़ते ही जा रहें हैं. पिछले हफ्ते क्रिप्टोकरेंसीज में सबसे ज्यादा गिरावट बिटकॉइन में देखी गईं. कॉइनशेयर्स की रिपोर्ट के मुताबिक देखें तो क्रिप्टो से जुड़े फंड्स में निवेशकों ने पिछले हफ्ते 1146 करोड़ रुपये यानी 15.4 करोड़ डॉलर का निवेश कर डाला. दूसरे शब्दों में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी के भाव में गिरावट से भी निवेशक घबराए नहीं है और उनकी खरीदारी इस डिजिटल या वर्चुअल करेंसी में लगातार बनी हुई है.

बिटकॉइन रिकॉर्ड इंवेस्ट वाली करेंसी भी है

क्रिप्टोकरेंसी में सबसे मशहूर करेंसी जिसका नाम सामान्य इंवेस्टर भी जानते हैं वो 'बिटकॉइन' है और BitCoin Cryptocurrency के दाम में बीते हफ्ते 12 फीसदी की गिरावट देखी गई है. हालांकि इस बात में कोई शक नहीं है कि अभी भी ये इंवेस्टर्स की फेवरेट बनी हुई है. 19 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में बिटकॉइन में 11.4 करोड़ डॉलर का बड़ा निवेश देखा गया है. एक तथ्य आपको ये भी जानना चाहिए कि बिटकॉइन के दाम में पिछले एक महीने में 4 फीसदी की गिरावट आई है, वहीं एक और वर्चुअल करेंसी इथेरियम में बीते 4 महीनों में 14 फीसदी की शानदार तेजी देखी गई है.

सामान्य करेंसी से कैसे अलग होती है 'क्रिप्टोकरेंसी'?

क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का नियंत्रण या नियमन नहीं होता. ये पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड (Cryptocurrency is Decentralized) होती हैं. अधिकतर देशों ने इसे कानूनी वैधता नहीं दी है. क्रिप्टो के साथ ऐसा भी है कि इनकी एक फिक्स्ड सप्लाई होती है, ऐसे में मुद्रास्फीति से कीमतें गिरने का डर नहीं रहता है. हालांकि इसे भी करेंसी की तरह ही वस्तु या सेवा को खरीदने के लिए लेने-देन में इस्तेमाल किया जाता है.

कैसे तय होती है किसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत?

किसी भी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत (Cryptocurrency Rate) तय करने का सबसे प्रभावी तरीका उसकी मांग को देखकर कीमत तय करना है. किसी क्रिप्टो में निवेशकों की ओर से बढ़ रही मांग के चलते उस कॉइन की कीमतें बढ़ जाती हैं. इसके उलट, अगर किसी कॉइन टोकन सप्लाई ज्यादा है, लेकिन उसकी डिमांड कम है, तो इसकी कीमतें गिर जाएंगी. इसके अलावा एक और चीज है, जिससे क्रिप्टोकरेंसी की कीमत तय होती है- वो है इसकी उपयोगिता. यानी कि वो करेंसी कितनी यूज़फुल यानी उपयोगी है. अगर किसी क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग प्रक्रिया ( cryptocurrency mining process) ज्यादा कठिन है, तो इसका मतलब है कि उसकी सप्लाई बढ़ाना भी मुश्किल होगा, ऐसे में अगर डिमांड सप्लाई से ज्यादा हो गई तो उसकी कीमतें ज्यादा हो जाएंगी.

FTX में फंड के संकट से cryptocurrency का कारोबार ठप, जांच शुरू

पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रहे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज FTX ने खातों तक 'अनधिकृत पहुंच' होने से फंड का अभाव होने से कारोबार या निकासी का विकल्प बंद करने के साथ ही दिवाला प्रक्रिया से बचने की अर्जी लगा दी है।

FTX के नए मुख्य कार्याधिकारी (CEO) जॉन रे तृतीय ने शनिवार को कहा कि FTX अपने ग्राहकों को मंच पर cryptocurrency के कारोबार या फंड निकासी की सुविधा बंद कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ग्राहकों की परिसंपत्तियों को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

कंपनी के वकील राएन मिलर ने कहा कि FTX कानूनी एजेंसियों एवं नियामक संस्थाओं के साथ ही सहयोग कर रही है।

अभी यह नहीं पता चल पाया है कि FTX के खातों तक अनधिकृत पहुंच होने से कितनी राशि खतरे में आई है लेकिन विश्लेषक फर्म एलिप्टिक का मानना है कि एक्सचेंज से 47.7 करोड़ डॉलर की बड़ी राशि गायब हो चुकी है। इस बारे में सोशल मीडिया पर ऐसी चर्चाएं तेज हो गई हैं कि कहीं एफटीएक्स के खातों की हैकिंग तो नहीं हो गई थी।

इसके अलावा किसी भीतरी शख्स के ही इस गड़बड़ी में शामिल होने की भी आशंका जताई जा रही है। महज दो हफ्ते पहले तक FTX दुनिया का सबसे बड़ा cryptocurrency exchange था। लेकिन कुछ दिनों में ही इसके परिसंपत्ति आकार में भारी गिरावट आई और शुक्रवार को इसके संस्थापक एवं सीईओ सैम बैंकमैन-फ्राइड ने इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही एक्सचेंज ने दिवाला प्रक्रिया से बचने की अर्जी भी लगा दी है। इसने अपनी परिसंपत्तियों का मूल्य 10 अरब डॉलर से लेकर 50 अरब डॉलर तक लगाया है।

क्रिप्टो एक्सचेंज की तबाही से भारत में भी भय का माहौल, देश में क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स के प्रमुख सैम बैंकमैन-फ्राइड दो दिन पहले तक टेक की दुनिया के सुपरस्टार थे। उन्हें क्रिप्टो का रक्षक, डेमोक्रेटिक राजनीति में नवीनतम शक्ति और संभावित रूप से दुनिया के पहले खरबपति जैसे विशेषणों से नवाजा जाता था, लेकिन आज वह क्रिप्टो जगत के सबसे बड़े खलनायक हैं। 30 वर्षीय बैंकमैन-फ्राइड द्वारा चलाया जा रहा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज शुक्रवार को दिवालिया हो गया और निवेशकों और ग्राहकों ने खुद को ठगा महसूस किया। अगर आप भी क्रिप्टो में निवेश के बारे में सोच रहे हैं तो अच्छी तरह से जान लें कि आप एक ऐसी अंधी गली में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें कब क्या हो जाए किसी को नहीं मालूम।

भारतीयों के लिए क्या हैं मायने
गुरुग्राम के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर ब्रजेश शर्मा ने पांच साल पहले क्रिप्टोकरेंसी में दो लाख रुपये का निवेश किया था। पिछले साल तक वह निवेश से काफी उत्साहित थे, लेकिन अब डर सताने लगा है। ऐसा ही कुछ बंगलूरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रितेश कुमार का सोचना है। उनका कहना है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को न तो मान्यता है और न ही क्रिप्टो एक्सचेंज चलाने वाली कंपनियां अपने बारे में कुछ खुलकर बताती हैं। ऐसे में अगर पैसा डूबा तो हम कोई दरवाजा भी नहीं खटखटा सकते हैं।

  • सितंबर में भारतीय क्रिप्टो मार्केट लूना और टेरा में करोड़ों डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी गंवा चुके हैं।
  • सरकार ने क्रिप्टो के विनिमय पर टैक्स शुरू किया, तो मार्केट में स्थिरता लौटने की उम्मीद थी लेकिन एफटीएक्स मामले से संभावनाओं पर पानी फिर गया।
  • भारत सरकार क्रिप्टो विनिमय पर टैक्स तो लेती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दी है। जानकार कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी जोखिमभरा जुआ है।

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हालात और बुरे होने की आशंका

  • जानकारों के अनुसार, Cryptocurrency में भारी गिरावट पहले से मंदे बाजार को अब इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।
  • एफटीएक्स के ढहने के बाद मार्केट में नकदी का संकट पैदा हो सकता है, जिसका खामियाजा दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को भुगतना पड़ेगा।
  • भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स के उपाध्यक्ष राजगोपाल मेनन को डर है कि सबसे बुरा अभी खत्म नहीं हुआ है और कुछ भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि पहले से मंदे बाजार को इस नई अनिश्चितता से निपटना होगा।

सरकार और आरबीआई की सर्तकता से बचे निवेशक
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भारी गिरावट से निवेशकों के अरबों डॉलर डूब गए। हालांकि, सरकार और आरबीआई के सतर्क रुख से भारतीय निवेशकों पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर चेतावनी भी दी है। इसके अलावा, सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी का भारी-भरकम टैक्स और लेनदेन पर एक फीसदी का अतिरिक्त टीडीएस भी लगाया है। आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाजार का पूंजीकरण 2021 में 3 लाख करोड़ डॉलर (234.7 लाख करोड़ रुपये) था। एक साल में ही इसका कुल बाजार मूल्य 2 लाख करोड़ डॉलर (165 लाख करोड़ रुपये) घटकर अब एक लाख करोड़ डॉलर (81.23 लाख करोड़ रुपये) रह गया है।

ट्विटर पर ट्वीट करते ही अरबपति हुआ कंगाल, रातोरात गंवाई इतनी बड़ी रकम

FTX के CEO सैम बैंकमैन-फ्रायड रातोंरात कंगाल हो गए। अपने एक ट्वीट की वजह से रातों रात उनकी अरबों रुपये की संपत्ति में 94 प्रतिशत भारी गिरावट आई है। भयंकर झटके का सामना कर रहे फ्राइड ने एलॉन मस्क केी ट्विटर खरीदने की डील में दिलचस्पी दिखाई थी।

Published: November 12, 2022 05:40:23 pm

30 साल से भी कम उम्र में बिलियन कमाकर सुर्खियों में आए क्रिप्टोकरेंसी FTX के CEO सैम बैंकमैन-फ्राइड अपने एक ट्वीट की वजह से रातों रात कंगाल हो गए। एक दिन में उनके नेटवर्थ में लगभग 94 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई। दरअसल, उनकी किस्मत में यह भूचाल तब आया जब उन्होंने ट्विटर पर घोषणा की कि उनके क्रिप्टो एक्सचेंज FTX को प्रतिद्वंद्वी बिनांस (Binance) खरीदने जा रहा है। FTX बिकने की खबर आने से पहले सैम बैंकमैन-फ्राइड की कुल संपत्ति 15.2 अरब डॉलर (1224 अरब रुपये के करीब) थी। लेकिन रातोरात उनकी संपत्ति में 14.6 अरब डॉलर की कमी आ गई, यानी लगभग 1176 अरब रुपए का उन्हें नुकसान हुआ है।

Crypto billionaire and CEO Sam Bankman-Fried loses 94% of his wealth overnight

फ्राइड के ऐलान के बाद बिनांस के हेड ने किया था ट्वीट


फ्राइड के इस ऐलान के बाद बिनांस के हेड चैंगपेंग झाओ का भी ट्वीट आया। मंगलवार को किए एक ट्वीट में विश्‍व के सबसे बड़े क्रिप्‍टोकरेंसी प्‍लेटफॉर्म बिनांस के हेड चैंगपेंग झाओ (Changpeng Zhao) ने कहा कि उन्‍होंने FTX को खरीदने के लिए एक समझौता पत्र पर हस्‍ताक्षर किया है। उन्‍होंने कहा कि यह छोटा क्रिप्‍टो एक्‍सचेंज नकदी के संकट से गुजर रहा है। इस सौदे की घोषणा के तुरंत बाद झाओ ने निवेश के दो मंत्र भी साझा किए।

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— CZ 🔶 Binance (@cz_binance) November 8, 2022

1: Never use a token you created as collateral.

2: Don’t borrow if you run a crypto business. Don't use capital "efficiently". Have a large reserve.

Binance has never used BNB for collateral, and we have never taken on debt.

ट्विटर को खरीदने की डील में दिखाई थी दिलचस्पी


अरबपति से अचानक रातों रात कंगाल हुए फ्राइड के लिए भयंकर झटका था। उन्हें कम उम्र में इतनी संपत्ति कमा पाने के लिए ही सोशल मीडिया पर SBF के रूप में जाना जाता था। रातोंरात अरबों डॉलर की संपत्ति खोने वाले और संकट में फंसे क्रिप्टो-एक्सचेंज FTX के को-फाउंडर, सैम बैंकमैन-फ्राइड ने कुछ महीने पहले एलॉन मस्क की ट्विटर को खरीदने की डील में दिलचस्पी भी दिखाई थी। हालांकि उन्होंने मस्क के साथ ट्विटर में निवेश नहीं किया।

2) Our teams are working on clearing out the withdrawal backlog as is. This will clear out liquidity crunches; all assets will be covered 1:1. This is one of the main reasons we’ve asked Binance to Cryptocurrency में भारी गिरावट come in. It may take a bit to settle etc. -- we apologize for that.

— SBF (@SBF_FTX) November 8, 2022

कम उम्र में फ्राइड ने बना ली थी बिलियन डॉलर की नेटवर्थ

बता दें, सैम बैंकमैन-फ्राइड स्टैनफॉर्ड लॉ स्कूल के प्रोफेसर के बेटे हैं। फ्राइड ने कुलीन मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से स्नातक करने के बाद नौकरी शुरू की थी। वह बचपन से ही बहुत होनहार छात्र रहे थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद फ्राइड ने 2017 में नौकरी शुरू कर क्रिप्टोकरेंसी का रुख किया था। देखते ही देखते मात्र 30 साल की उम्र में फ्राइड ने बिलियन डॉलर की नेटवर्थ बना ली थी।

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