चालू खाता क्या है प्रकार और लाभ

Types Of Bank Accounts in Hindi बैंक खातों के प्रकार उनकी विशेषतायें और लाभ। अलग अलग खातों के लाभ और नियम क्या हैं सब कुछ विस्तार से आसान हिंदी में यहां पाढ़िये। साथ ही पढ़िये बचत खाते और चालू खाते में क्या अंतर है और अरडी अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट की विशेषतायें क्या हैं। बैंक खातों के प्रकार, उनके नियम और विशेषतायें। साथ ही जानिये कौन सा बैंक खाता किसके लिये उपयुक्त है। यहां पढ़ें NEFT in Hindi हमारी साइट पर।
चालू खाता क्या है प्रकार और लाभ
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निम्नलिखित में किस प्रकार के ब .
पेंशन खाता चालू खाता बचत खाता आवर्ती जमा खाता
Solution : चालू खाताधारकों को बैंक खाते की शेष राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलता है। एक चालू खाता बिना ब्याज का जमा खाता है। चालू खाता धारक को ओवरड्राफ्ट सुविधा का एक महत्वपूर्ण लाभ मिलता है।
Types of Current Account in Hindi: चालू खाता क्या है और यह कितने प्रकार का होता है? जानें
Types of Current Account in Hindi: हम यहां आपको एक चालू खाता क्या है? (what is Current Account in Hindi) और आपके व्यवसाय के लिए उपयुक्त विभिन्न प्रकार के चालू खातों (Current Account Types in Hindi) के बारे में बता रहे हैं।
Types of Current Account in India: अगर आप एक बैंक एकाउंट खोलने पर विचार कर रहे हैं, और यह नहीं जानते हैं कि आपकी आवश्यकताओं के लिए किस प्रकार का खाता आदर्श है। तो यहां हम आपको बताने जा रहे है कि चालू खाता क्या है? (What is Current Account in Hindi) और यह कितने प्रकार का होता है? (Types of Current Account in Hindi) तो आइए जानें कि Current Account Kya Hai?
ये नए मानदंड क्यों?
यह देखा गया है कि कई उधारकर्ता, जिन्हें बैंकों ने नकदी ऋण (सीसी) या ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधाओं के जरिए पैसा उधार दिया था, उधार ली गई धनराशि को अन्य बैंकों में मौजूद अपने चालू खातों में ट्रांसफर कर रहे थे। यह बैंकिंग नियामक के नजरिए से उचित तरीका नहीं था। आरबीआई ने मानदंडों को इसलिए सख्त बनाया है ताकि उधारदाता संघ (यानी कन्सोर्टियम ऑफ लेंडर्स) से बाहर जाकर उधार लेने वालों द्वारा नए चालू खाते खोलने की इस प्रथा पर अंकुश लगाया जा सके, विशेष रूप से जब अंडर स्ट्रेस होते हैं और एक बैंक से दूसरे बैंक में फंड डायवर्ट करते हैं। अपने परिपत्र में आरबीआई ने कहा है कि "कोई भी बैंक उन ग्राहकों के लिए चालू खाता नहीं खोलेगा, जिन्होंने बैंकिंग प्रणाली से नकदी ऋण (सीसी) / ओवरड्राफ्ट (ओडी) के रूप में क्रेडिट सुविधा प्राप्त की है और सभी लेनदेन सीसी/ ओडी खाते के जरिए किए जाएंगे।
यदि खाता बंद हो जाता है तो उसमें रखे पैसे का क्या होगा?
अधिकांश बैंकों ने उन चालू खातों को फ्रीज कर दिया है जो नए दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते थे। आपसी समाधान की दृष्टि से बैंक इन खातों को ग्राहकों के लिए फिर से खोल और चालू कर सकते हैं। बंद खातों के मामले में, उन्हें फिर से नहीं खोला जा सकता है लेकिन ग्राहक इसमें रखी हुई रकम निकाल सकते हैं।
यदि चालू खाते को फ्रीज या बंद कर दिया गया है, तो खाते में मौजूद धनराशि उधारकर्ता के बचत या सीसी/ओडी खाते में ट्रांसफर की जा सकती है। आपको उस शाखा में जाना होगा जहां आपका खाता है, और फिर आवेदन पत्र भरकर पैसा ट्रांसफर करने के लिए बैंक से अनुरोध करें। बैंक या तो उक्त खाते में आरटीजीएस कर सकता है या फर्म के नाम पर डिमांड ड्राफ्ट प्रदान कर सकता है, या उस राशि को आपके सीसी/ओडी खातों में ट्रांसफर कर सकता है। कुछ मामलों में, यदि चालू खाते में राशि बहुत कम है तो आप इसे नकद में भी प्राप्त कर सकते हैं (हालांकि, यह बैंक पर और चालू खाता क्या है प्रकार और लाभ बैंक के साथ आपके संबंधों पर निर्भर करता है)। प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए जरूरी है कि आप सत्यापन के लिए अपना केवाईसी विवरण तैयार रखें।
नए नियमों में 10% ऋण एक्सपोजर की आवश्यकता का क्या अर्थ है?
इसका यह अर्थ है कि बैंकिंग प्रणाली में ग्राहक के कुल ऋण एक्सपोजर में से, यदि किसी उधारदाता के प्रति एक्सपोजर 10% या उससे अधिक है, तो डेबिट सुविधा उस विशेष बैंक के साथ खोले गए सीसी/ओडी खाते में उपलब्ध होगी। उदाहरण के लिए, यदि आपने विभिन्न उधारदाताओं से 5 करोड़ रुपए का ऋण लिया है। मान लीजिए कि इसमें से केवल एक उधारदाता 'क' ने आपको 50 लाख रुपए (कुल ऋण का 10%) या अधिक राशि का ऋण दिया है, तो आप उधारदाता 'क' के साथ खोले गए सीसी/ओडी खाते से ही डेबिट सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
यदि उस उधारकर्ता के बैंकिंग प्रणाली के प्रति एक्सपोजर के 10% या अधिक वाले बैंक एक से ज्यादा हैं, तो जिस बैंक को निधि विप्रेषित की जानी है, वह उधारकर्ता और बैंकों के बीच निर्धारित किया जा सकता है। इसके अलावा, यह उल्लेखनीय है कि जहां एक उधारकर्ता के प्रति किसी बैंक का एक्सपोजर (उस उधारकर्ता के प्रति) बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोजर के 10% से कम है, वहाँ सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट की तो पूरी अनुमति होगी, किंतु इस सीसी/ओडी खाते में डेबिट केवल उधारकर्ता के उस बैंक के सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट के लिए किया जाएगा, जिसका उधारकर्ता के प्रति एक्सपोजर उस उधारकर्ता के प्रति एक्सपोजर का 10% या इससे अधिक है।
Benifits of Saving Account बचत खाता रखने के लाभ
बैंक बचत के लिए ब्याज का भुगतान करते हैं। बचत खाता धारक जब आवश्यक हो अपने पैसे निकलवा सकता है।
Saving Account पर ब्याज दर भारत में प्रति वर्ष 4% से 6% के बीच है। बचत खाते में कितनी बार पैसे जमा करना है और कितनी राशि जमा करनी है इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है। लेकिन निकासी की संख्या पर कुछ प्रतिबंध हो सकते हैं। कुछ बैंक बचत खाते को चलाने के लिये न्यूनतम राशि बनाए रखने की सलाह देते हैं।
जनधन खाते भी कम सुविधा वाले बचत खाते ही हैं।
Recurring Deposit Account आवर्ती जमा खाता
आवर्ती जमा खाता या RD Account उन लोगों द्वारा खोला जाता है जो नियमित अवधि के लिए नियमित रूप से कुछ निश्चित राशि बचाना चाहते हैं और उच्च ब्याज दर अर्जित करना चाहते हैं। आरडी खाते में एक निश्चित अवधि के लिए हर महीने एक निश्चित राशि जमा की जाती है और खातेदार को एक विशेष राशि निश्चित अवधि के अंत में ब्याज के साथ मिल जाती है। आवर्ती जमा खाते में आम तौर पर बचत खाये से आधिक मगर फिक्स्ड खाते से कम ब्याज मिलता है। यहां पोस्ट अॉफिस आरडी खाते के बारे में विस्तार से पढ़ें।
आवर्ती जमा खाते में जमा की अवधि न्यूनतम छह महीने और अधिकतम दस वर्ष हो सकती है। ब्याज दरें अलग-अलग योजनाओं के लिए अलग-अलग होती हैं, जो जमा राशि, खाते की अवधि और बैंकों पर निर्भर होती है। आरडी खाते से निकासी की अनुमति नहीं होती है। हालांकि, बैंक परिपक्वता अवधि से पहले खाता बंद करने की अनुमति दे सकता है।
Fixed Deposit सावधि जमा खाता
सावधि जमा खाते जिसे एफडी भी कहा जाता है में बैंक में निर्धारित अवधि के लिए एक विशेष राशि जमा की जाती है। इस खाते में जमा धनराशि को खाते की अवधि समाप्त होने से पहले वापस नहीं लिया जा सकता है।
हालांकि आवश्यकता पड़ने पर जमाकर्ता अपनी फिक्स्ड डिपोजिट रसीद बैंक में वापिस दे कर समय से पहले सावधि जमा बंद करने के लिए कह सकता है। खातेदार को इसके लिये कुछ जुर्माना राशि बैंकों को देनी पड़ सकती है।
जितने भी बैंक खातों के प्रकार हैं उनमें से सावधि जमा पर सबसे उच्च ब्याज दर का चालू खाता क्या है प्रकार और लाभ भुगतान किया जाता है। Fixed Deposit के लिए भुगतान ब्याज की दर राशि, अवधि और अलग अलग बैंक में अलग-अलग होती है।
यदि अपको डिसाईड करने में कठिनाई हो रही है कि रिकरिंग डिपॉजिट और फिक्स्ड डिपॉजिट में से क्या चुनें तो हमारा लेख जरुर पढ़ें।
बैंक खातों के प्रकार Types Of Bank Accounts in Hindi पढ़ कर उनका महत्व अौर लाभ आपको समाझ आ गये होंगे अोर यह भी पता चल गया होगा कि कौन सा बैंक खाता किसके लिये उपयुक्त है।
सेविंग्स अकाउंट से कैसे अलग होता है करंट अकाउंट, समझें अंतर
सेविंग्स अकाउंट से कैसे चालू खाता क्या है प्रकार और लाभ अलग होता है करंट अकाउंट, समझें अंतर
सेविंग्स बैंक अकाउंट सैलरी पाने वाले इंप्लॉई या मंथली इनकम कमाने वालों के लिए या फिर बचत के लिए खाता खुलवाने के उद्देश्य से है। सेविंग्स अकाउंट नाबालिग के नाम पर भी खुलवाया जा सकता है। लेकिन करंट अकाउंट बिजनेस करने वालों यानी कारोबारियों के लिए है। इसे स्टार्टअप, पार्टनरशिप फर्म, LLP, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पब्लिक लिमिटेड कंपनी आदि भी खुलवा सकते हैं।
सेविंग्स अकाउंट से लिमिटेड ट्रांजेक्शन
किसी भी बैंक में सेविंग्स अकाउंट चालू खाता क्या है प्रकार और लाभ एक डिपॉजिट अकाउंट होता है। खाताधारक को सेविंग्स अकाउंट से लिमिटेड ट्रांजेक्शन की अनुमति रहती चालू खाता क्या है प्रकार और लाभ है। वहीं करंट बैंक अकाउंट डेली ट्रांजेक्शन के लिए होता है। साथ ही सेविंग्स अकाउंट पर कस्टमर्स को ब्याज मिलता है लेकिन कंरट अकाउंट पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।
मिनिमम और मैक्सिमम बैलेंस पर क्या है नियम
सेविंग्स अकाउंट की तरह ही करंट अकाउंट में भी मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य होता है। लेकिन करंट अकाउंट का मिनिमम बैलेंस, सेविंग्स अकाउंट की तुलना में थोड़ा ज्यादा रहता है। वहीं करंट अकाउंट में बैलेंस रखने की कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है, लेकिन सेविंग्स अकाउंट में यह लिमिट होती है।
टैक्स को लेकर प्रावधान
टैक्स की बात करें तो सेविंग्स अकाउंट में जमा पर ब्याज मिलता है और ग्राहक को होने वाली ब्याज आय टैक्स (Income Tax) के दायरे में आती है। सेविंग्स अकाउंट से साल में ब्याज आय अगर 10000 रुपये तक है तो ब्याज नहीं लगता है। सीनियर सिटीजन के लिए यह लिमिट 50000 रुपये तक है। लेकिन करंट अकाउंट पर ब्याज नहीं मिलता है, इसलिए टैक्स का झंझट नहीं है।