कैसे सफल लोग सोचते हैं और काम करते हैं

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असफलता का सामना कैसे करें? सफल होने के 7 उपाय
क्या सब को सफलता मिलती है? क्या असफलता का सामना किए कैसे सफल लोग सोचते हैं और काम करते हैं बिना सफल होना संभव है? दुनिया के सबसे सफल लोग निराशा और विफलता का सामना करने के बाद ही सफल हुए हैं, फिर भी हम असफलता से क्यों डरते हैं?
क्या सब को सफलता मिलती है? क्या असफलता का सामना किए बिना सफल होना संभव है?
दुनिया के सबसे सफल लोग निराशा और विफलता का सामना करने के बाद ही सफल हुए हैं, फिर भी हम असफलता से क्यों डरते हैं? अगर आप इस सवाल का जवाब तलाश कर रहे हैं तो इस article को ज़रूर पढ़ें।
असफलता हमारी ज़िंदगी का अंत नहीं है ये तो हमें इसलिए बुरी लगती कैसे सफल लोग सोचते हैं और काम करते हैं है क्योंकि हम उस पर आशा लगा चुके होते हैं। हमारी भावनाएँ उस एक विशेष मकसद से जुड़ चुकी होती हैं। इसलिए जब वो मकसद पूरा नहीं होता तो हमारा दिल टूट जाता है।
एक लड़का जो अपनी भावना एक लड़की से जोड़ ले और उसे प्यार करने लगे, तो वह प्यार उसका मकसद बन जाता है। वो हर कीमत पर अपने प्यार में सफल होना चाहता है। और जब वो लड़की उसे मना कर देती है तो वह उदास हो जाता है। उसे लगता है कि वो असफल हो गया। यही बात हमारे काम या करियर में भी लागू होती है।
लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम अपने जीवन के एक क्षेत्र में असफल हो गये तो अन्य क्षेत्रों में भी असफल हो जाएँगे।
एक बहुत अधिक सफल व्यक्ति कई बार अपने व्यक्तिगत जीवन में असफल होता है। हो सकता है एक असफल कर्मचारी बहुत अच्छा पिता या पति हो, एक छात्र जो फेल हो गया हो वो फुटबाल में बहुत अच्छा हो।
स्टीव जॉब्स की असफलता
असफलता हमें आईना दिखाती है, अपनी कमज़ोरियों का एहसास कराती हैं। वो हमें ऐसे पाठ पढ़ाती है जो हम सफल होकर कभी नहीं सीख सकते। ऐपल कंपनी के मालिक स्टीव जॉब्स (Steve jobs) कैसे सफल लोग सोचते हैं और काम करते हैं को अपनी ही कंपनी से बाहर कर दिया गया था। क्यों? क्योंकि उनके कई निर्णय असफल हुए और कंपनी को नुकसान उठाना पड़ा। निराश होने की बजाए उन्होंने अपनी ग़लतियों से सीख ली और नेक्स्ट नामक कंपनी का निर्माण कैसे सफल लोग सोचते हैं और काम करते हैं किया। इस कंपनी को एप्पल ने खरीदा और जॉब्स दोबारा एप्पल के निदेशक बने।
हो सकता है आज आपकी असफलता में आपकी कोई ग़लती हो, या आपकी कोई ग़लती ना हो।
लेकिन क्या ये घटना आपको कुछ सिखा रही है? क्या आपके जीवन का कोई ऐसा पहलू है जिसे आप सुधार सकते हैं? आप अपने प्रयासों में क्या सुधार कर सकते हैं? लेकिन सबसे अधिक ज़रूरी सवाल ये है – आपके मकसद या प्रयास के पीछे क्या इरादा था? अगर आपका इरादा सही था, तो आप असफल हुए भी तो कोई बात नहीं। आपका नेक इरादा आपको एक दिन सफलता ज़रूर देगा।
सफल व्यक्ति कैसा जीवन जीतें हैं?
सफल व्यक्ति अक्सर जीवन में कुछ नियमों का पालन करते हैं। जैसे:
- वे पुरानी असफलता भूल कर नई चुनौतियाँ लेते हैं।
- वे ऐसे लक्ष्य बनाते हैं जो उनकी क्षमता के अनुरूप हो।
- खुद के लिए समय निकालते हैं जिनमें वो काम करते हैं जिनसे तनाव दूर हो जैसे – तैरना, संगीत सुनना या बजाना, दोस्तों के साथ समय बिताना, नयी जगह की यात्रा करना आदि।
- जब परिस्थिति कठिन हो तो धीरज रखते हैं।
- दूसरों से राय लेते हैं।
- खुद पर बहुत अधिक ज़ोर या तनाव नहीं आने देते।
- वे काम और अन्य लोगों के लिए स्वस्थ सीमा निर्धारित करते हैं।
- काम से अक्सर अवकाश लेते हैं।
- अपराध भाव (guilty) में नहीं जीते।
- दूसरों की ज़रूरतों के बारे में सोचते हैं।
- हमेशा अपने जीवन के प्रति आभारी रहते हैं।
असफलता सफलता की सीढ़ी है
मैं 19 साल की थी जब मुझे एक लड़के ने ठुकराया। मैं महीनों तक रोती रही। मुझ में क्या कमी थी? मैंने क्या ग़लत किया? तब मैंने अपने परमेश्वर से जवाब माँगा। तब मुझे लगा कि मेरा इरादा सही नहीं था। मैं जानती थी की वो लड़का मुझे पसंद नहीं करता, वो कभी मुझे फ़ोन नहीं करता था। तब भी मैंने मान लिया कि वो मेरे प्यार को स्वीकार करेगा। ये इरादा सही नहीं था क्योंकि मैंने उसकी भावना कैसे सफल लोग सोचते हैं और काम करते हैं की परवाह नहीं की। क्या आपको भी कभी किसी ने ठुकराया है?
दोस्तों असफलता जीवन का अंत नहीं है। और सफलता से अधिक ज़रूरी है की आपका इरादा क्या है। हमारा इरादा हमारे मन का आईना है। अंदर से हमारा मन कैसा है? बाइबिल हमें बताती है:
सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है। नीतिवचन 4:23
दोस्तों असफलता का सामना साहस के साथ कीजिए और हर असफलता से सबक लें। जीवन में बहुत मौके मिलते हैं। अगर आप ईमानदारी से प्रयास करेंगे तो आप निराश नहीं होंगे।
असफलता से कैसे निपटें?
जब कभी भी आपको काम या व्यक्तिगत संबंधों में असफलता का सामना करना पड़े, आप कुछ इन पहलुओं पर गौर कर सकते हैं:
- इस बात को मान लें कि जीवन के लिए सार्थक चीज़ें बहुत आसानी से कभी नहीं मिलेंगी।
- लोग अब आपको नीचा दिखाने की कोशिश करेंगे। उनका सामना करने के लिए तैयार हो जाइए। उनकी बातों को नज़र अंदाज़ करना सीखिए।
- असफलता हमें कुछ पाठ सिखाती हैं, जो हमें सफल होने में मदद कर सकते हैं। उस पाठ को समझें।
- दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताइए, उनसे राय लीजिए।
- ऐसे लक्ष्य बनाइए जो ना केवल आपकी क्षमता के अनुरूप हो बल्कि आपकी परिस्थिति के भी अनुसार हो।
- सोशल मीडिया में झूठी खुशी न तलाशें। वहाँ लोग सिर्फ़ अपना सकारात्मक चेहरा ही दिखाते हैं, जो सच्चाई से बहुत दूर होता है। असल ज़िंदगी में प्रेरणा ढूँढें।
- परमेश्वर से बुद्धि और साहस मांगिए। वो आपको कभी भी निराश नहीं करेगा।
बाइबिल में लिखा है:
परमेश्वर हमारा शरणस्थान और गढ़ है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक है। भजन संहिता 46:1
मैंने ऐसा नज़रिया एक जीवित परमेश्वर की संगति में रहकर सीखा है। अगर आप भी इस सच्चे परमेश्वर को जानना चाहते हैं तो हमसे chat करें।
कैसे सफल लोग सोचते हैं और काम करते हैं
जो लोग जीवन में असफल होते हैं ! उनमे से ज्यादातर लोग ये नहीं जानते की वो अपनी गलतियों को कैसे दूर करें और अपने काम में महानता कैसे हासिल करें ,
दोस्तों अपनी कमियों को दूर कीजिये , गलतियों को खत्म कीजिये , गलतियों को सुधारिए और फिर अपने मन के विचारो को और काम को एकाग्र कीजिये ताकि आपके काम में आपकी पूरी ताकत लगे और ……
………भविष्य में आपके हाथो जो होने वाला हैं वो इतिहास बन जाये और लोग आपकी तारीफ करते जाये !
दोस्तों जैसे कुछ लोग नगर में किसी सुन्दर और बड़े पार्क में जमींन घेरकर अपनी झुगी – झोपड़ी खड़ी कर देते हैं जब सरकारी कर्मचारी उनको हटाने कैसे सफल लोग सोचते हैं और काम करते हैं के लिए आते हैं तो वो झगडा करते हैं और अपनी गरीबी का रोना रोते हैं दया की प्रार्थना करते हैं अपनी कमजोरी की दलीले देते हैं
और फिर जब उन्हें अधिक समय तक वहां रहने दिया जाता हैं तो वही लोग वहां पर गंदगी फैलाते हैं जुआ, चोरी, शराब, लड़ाई – झगडा , चरित्रहीनता और अस्वच्छता ये सब बातें वहां कैसे सफल लोग सोचते हैं और काम करते हैं पाई जाती हैं इन लोगो से आस पास के लोग तंग आ जाते हैं और उनका शान्ति से जीना मुश्किल हो जाता हैं………….
……….ठीक उसी प्रकार कई बार इंसान के मन पर कुछ गलत विचारो का हमला होता हैं और ऐसे विचार मन को पूरी तरह से गन्दा कर देते हैं
नफरत , जलन, अविश्वास जैसे विचार मन में घुस जाते हैं ये सब शुरू में तो कोई नुकसान नहीं पहुंचाते लेकिन जैसे जैसे समय बितता हैं वैसे वैसे ये विचार मन में अपनी जड़े जमा लेते हैं और इनको वहां से हटाना मुश्किल हो जाता हैं
ये सब विचार हमारे जीवन में इस प्रकार घुल मिल जाते हैं कि स्वभाव में दिखने लगते हैं और आदत बन जाते हैं
हमें ये बात हमेशा याद रखनी चाइये की हम अपने भविष्य का निर्माण वैसा ही करते हैं जैसे हमारे विचार होते हैं यदि हमारे विचारो में एकाग्रता और उचित नाप तोल नहीं हैं तो हमारा भविष्य अंधकार में होता हैं और इसका प्रभाव हमारे काम पर भी पड़ता हैं
बहुत सारे लोग ये बात याद रखते हैं और बहुत ही कम समय में अपने विचारो और काम में मजबूती लेकर आते हैं और अपने जीवन में खुशियाँ भर लेते हैं
लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो इन बातो पर ध्यान नहीं देते और अपना जीवन खराब कर लेते हैं
मरीज के सोचने भर से ही चलने लगेगी व्हीलचेयर, जानिए कैसे काम करती है तकनीक
सेरेब्रल पॉल्सी और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसी बीमारी से जूझने वाले मरीजों को जल्द ही मूवमेंट के लिए किसी सहारे की जरूरत नहीं होगी. ऐसे मरीजों के लिए अमेरिकी वैज्ञानिकों ने खास तरह की व्हीलचेयर तैयार की है जो दिमाग में सोचने भर से ही चलने लगती है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित गुप्ता
Updated on: Nov 25, 2022, 3:23 PM IST
किन मरीजों के आएगी काम. वैज्ञानिकों का कहना है, यह दिव्यांगों के अलावा उन मरीजों के काम आएगी जो स्पाइल इंजरी से जूझ रहे हैं या हाथ-पैरों में मूवमेंट की क्षमता नहीं है. वैज्ञानिकों का कहना है, दुनिया में करोड़ों लोग मोटर डिसएबिलिटी की बीमारी जैसे सेरेब्रल पॉल्सी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से जूझ रहे हैं उनके लिए यह काफी मददगार साबित होगी. सिर्फ अमेरिका में ही 55 लाख लोग इससे जूझ रहे है. (फोटो साभार: University of Texas)
कैसे बनाई गई. टेक्सास यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है, इस व्हीलचेयर के साथ मरीजों को एक खास तरह का स्कलकैप यानी हेलमेट पहनना होगा. इसमें 31 तरह के इलेक्ट्रोड लगे हैं जो मरीज की जरूरत के मुताबिक दिमाग के सिग्नल को पढ़ने की कोशिश करते हैं. इसके अलावा व्हीलचेयर में एक लैपटॉप को भी फिक्स किया गया है जो AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से सिग्नल को मूवमेंट में तब्दील करने का काम करता है. (फोटो साभार: University of Texas)
कैसे काम करेगी व्हील लेयर. लम्बे समय से इस व्हीलचेयर पर काम किया जा रहा है. वैज्ञानिकों का कहना है, अगर मरीज दाईं ओर जाना चाहते हैं तो उन्हें बस उन्हें यह सोचना पड़ेगा कि वो अपने हाथों और पैरों को दाईं ओर मोड़ रहे हैं. ऐसा करने पर ब्रेन में सिग्नल जेनरेट होंगे और उस बात को इलेक्ट्रोड समझने की कोशिश करेंगे. लैपटाॅप के जरिए उस सिग्नल को आर्टिफिशियकल इंटेलिजेंस की मदद से मूवमेंट में बदला जाएगा. ऐसा होने पर व्हीलचेयर दाईं ओर मुड़ जाएगी. (फोटो साभार: University of Texas)
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ऐसी व्हीलचेयर विकसित की है जो मरीज के सोचनेभर से ही कंट्रोल की जा सकेगी. यह व्हीलचेयर ब्रेन के सिग्नल को समझकर उसके हिसाब से मूव करेगी. इसे तैयार करने करने वाली टेक्सास यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है, व्हीलचेयर इस्तेमाल करने वाले मरीजों को सिर्फ यह सोचना होगा कि वो अपने हाथ-पैर हिला रहे हैं. बस ऐसा सोचने भर से ही व्हीलचेयर में मूवमेंट शुरू हो जाएगा. जानिए इसमें किस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया गया…(फोटो साभार: Inside Precision Medicine)
टेस्ट्रिंग कितनी सफल. इस व्हीलचेयर में सेंसर्स लगाए गए हैं जो मरीज को किसी दुर्घटना से रोकने का काम भी करता है. इसकी टेस्टिंग 3 मरीजों पर की गई है. टेस्टिंग के दौरान 60 बार अलग-अलग तरह से व्हीलचेयर को मूव कराने का काम किया गया है. टेस्टिंग सफल रही है. अंतिम ट्रायल के दौरान 87 फीसदी तक सटीक नतीज नजर आए. ट्रायल के दौरान मरीजों ने जैसा मूवमेंट करने का कहा 87 फीसदी तक वैसा ही हुआ.(फोटो साभार: University of Texas)