बाजार सूत्रों के पदों

Published On June 3rd, 2022
NSE का पूर्व अफसर ही निकला 'हिमालय का योगी', शेयर बाजार में हेराफेरी का मामला : सूत्र
बाजार सूत्रों के पदों Click to Expand & Play
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण के फैसलों को कथित तौर पर प्रभावित करने वाला रहस्यमयी 'हिमालय योगी' की पहचान आनंद सुब्रमण्यम के रूप में हुई है. एनएसई के इस पूर्व अधिकारी को स्टॉक मार्केट धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई के सूत्रों ने गुरुवार को कहा, एनएनसइ का पूर्व अधिकारी आनंद ही वह योगी था जिसने ई-मेल के जरिये चित्रा रामकृष्ण के साथ संवाद किया. बाजार नियामक सेबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उसकी विवादित नियुक्ति उन फैसलों में से एक थी जो चित्रा रामकृष्ण ने तथाकथित योगी बाजार सूत्रों के पदों के प्रभाव में आकर की थी. सूत्रों ने बताया कि एक ईमेल आईडी से आनंद सुब्रमण्यम के ही योगी होने का खुलासा हुआ था. जांच एजेंसी के अनुसार, इस बात के सबूत हैं कि सुब्रमण्यम ने ही मेल ID [email protected] बनाया था. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि चित्रा रामकृष्णन ने अपने ईमेल आईडी [email protected] के जरिये एनएसई से जुड़ी गोपनीय जानकारी 2013 से 2016 के बीच [email protected] पर शेयर की थीं.
यह भी पढ़ें
सूत्रों ने बताया कि एक ईमेल आईडी से आनंद सुब्रमण्यम के ही योगी होने का खुलासा हुआ था. जांच एजेंसी के अनुसार, इस बात के सबूत हैं कि सुब्रमण्यम ने ही मेल ID [email protected] बनाया था. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि चित्रा रामकृष्णन ने अपने ईमेल आईडी [email protected] के जरिये एनएसई से जुड़ी गोपनीय जानकारी 2013 से 2016 के बीच [email protected] पर शेयर की थीं. इनमें से कुछ मेल कथित तौर पर आनंद सुब्रमण्यम के एक अन्य ईमेल आईडी पर भी मार्क किए गए थे. सूत्रों ने कहा कि इन मेल्स के स्क्रीनशॉट सुब्रमण्यम के मेल आईडी से मिले हैं. बता दें कि सीबीआई ने सुब्रमण्यम से पिछले हफ्ते चार दिन पूछताछ बाजार सूत्रों के पदों की थी. इसके बाद उन्हें बीती रात करीब 11 बजे चेन्नई से गिरफ्तार किया गया था.सु्ब्रमण्यम को पहले वर्ष 2013 में एनएसई में मुख्य रणनीतिक सलाहकार नियुक्त किया गया था और बाद में उन्हें चित्रा रामकृष्ण ने 2015 में ग्रुर ऑपरेटिंग ऑफिसर के तौर बाजार सूत्रों के पदों पर प्रमोट कर दिया था. 2016 में अनियमिति के आरोपों को लेकर उसने एनएसई छोड़ दिया था.चित्रा कथित तौर पर 'योगी' को गोपनीय जानकारी शेयर करने को लेकर जांच के दायरे में हैं जो अब उनका ही सहयोगी निकला है.
Edible Oil Price: 15 से 20 रुपये लीटर ज्यादा महंगा बिक रहा सोयाबीन ऑइल, जानें तेल-तिलहन के ताजा मंडी भाव
Edible Oil Price: लगभग देशों में सूरजमुखी और सोयाबीन के दाम बराबर चल रहे है। तो भारत के खुदरा बाजार में सूरजमुखी तेल आयात भाव के मुकाबले 40से50 रुपये लीटर ज्यादा और सोयाबीन तेल 15से20 रुपये लीटर ज्यादा कीमत पर इन दिनों बेचा जा रहा है। बाजार सूत्रों ने बताया कि देश भर के तेल संगठनों को सरकार को इस मामले से अवगत भी करवाना चाहिए। और तेल संगठनों की खामोशी का लाभ बहुराष्ट्रीय या बड़ी कंपनियों को भी मिलता है। जानकारी के लिए बता दें विदेशी बाजारों में तेजी के रुख और डॉलर के और मजबूत होने के कारण दिल्ली तेलसेतिलहन बाजार में सूरजमुखी, सोयाबीन, सीपीओ और पामोलीन तेल के साथसेसाथ सरसों तेलसेतिलहन कीमतों में भी हल्की तेजी आई, जबकि सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेलसेतिलहन और बिनौला तेल के भाव पूर्वस्तर पर ही बंद हुए।
डिस्काउंट रेट क्या है?
छूट एक ऐसी राशि है जिसे उत्पाद पर या उत्पाद के अंकित मूल्य पर प्रतिशत के रूप में समायोजित किया जाता है. उत्पाद पर मुद्रित वास्तविक दर में कमी को विशेष उत्पाद पर छूट दर के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है. छूट मूल रूप से ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए है. छूट की पेशकश के निम्नलिखित लाभ हैं.
- ग्राहकों को आकर्षित करना
- पुराने स्टॉक को बेचने के लिए
- उत्पादों को खरीदने के लिए ग्राहकों को प्रोत्साहित करने के लिए
डिस्काउंट फॉर्मूला
छूट का सूत्र अंकित मूल्य और विक्रय मूल्य पर आधारित होता है. डिस्काउंट फॉर्मूला इस प्रकार है:
बट्टा = अंकित मूल्य – विक्रय मूल्य
एमपी (चिह्नित मूल्य) छूट के बिना उत्पाद की वास्तविक कीमत है.
एसपी (विक्रय मूल्य) वह है जो ग्राहक उत्पाद के लिए भुगतान करते हैं.
छूट बाजार मूल्य का एक प्रतिशत है.
या
छूट की दर (DR) = p×r
डिस्काउंट कैलकुलेटर
किसी भी उत्पाद के लिए छूट की गणना उत्पाद के चिह्नित मूल्य और बिक्री मूल्य के ज्ञान के साथ की जाती है. छूट की गणना उपरोक्त सूत्रों का उपयोग करके की जाती है.
Cabinet reshuffle in Odisha: ओडिशा कैबिनेट बाजार सूत्रों के पदों में फेरबदल, सभी मंत्रियों ने दिया पद से इस्तीफा, कल दोपहर 12 बजे नए मंत्री लेंगे शपथ
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अनवर
Updated on: Jun 04, 2022 | 3:47 PM
ओडिशा (Odisha) में कैबिनेट में फेरबदल किया जाएगा. समाचार एजेंसी एएनआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है. सूत्रों ने बताया है कि राज्य कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने अपना इस्तीफा दे दिया है. वहीं, अब कल यानी रविवार दोपहर 12 बजे नए मंत्री शपथ लेंगे. दरअसल, सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJD) ने 29 मई 2022 को अपने पांचवें कार्यकाल के तीन साल पूरे कर लिए हैं. ऐसे में कैबिनेट में फेरबदल की उम्मीद जताई जा रही थी और अब इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए राज्य के सभी मंत्रियों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. मंत्रियों के इस्तीफे को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी को मजबूत करने और फिर से जीवित करने के अभ्यास के तौर पर देखा जा रहा है.
ये भी पढ़ें
Varsha Priyadarshini : कौन हैं अभिनेत्री वर्षा प्रियदर्शिनी? सोशल मीडिया से लेकर अदालत तक हो रही है चर्चा…
सट्टा: भाजपा को भाव, राजग पर दांव
सट्टा बाजार में आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुआई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रचंड जीत और केंद्र में लगातार दूसरी बार उसकी सरकार बनने की उम्मीद की जा रही है। सट्टा बाजार के सूत्रों के मुताबिक 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में वायुसेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भाजपा की संभावनाएं बढ़ गई हैं। पुलवामा आतंकी हमले का बदला लेने के लिए वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर बालाकोट में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था।
वायुसेना की सर्जिकल स्ट्राइक से पहले सट्टेबाज आम चुनावों में भाजपा को 200-230 सीटें मिलने की उम्मीद कर रहे थे और एक पर एक का भाव दे रहे थे। यानी जीतने पर एक रुपये के सट्टे पर एक रुपये का भाव दिया जा रहा था। लेकिन अब भाजपा को इन चुनावों में 245 से 251 और राजग को 300 से अधिक सीटें मिलने की उम्मीद की जा रही है। पुलवामा हमले से पहले कांग्रेस की 200 या उससे अधिक सीटें जीतने की संभावना पर 7:1 का भाव दिया जा रहा था। यानी जीतने पर एक रुपये के सट्टे पर सात रुपये का भाव दिया जा रहा था। लेकिन अब यह भाव 10:1 हो गया है।