ट्रेडिंग फॉरेक्स के लाभ

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाजार खिलाड़ी

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाजार खिलाड़ी
घरेलू एल्युमिना और एल्युमीनियम उत्पादकों की अपनी खुद की (कैप्टिव) खानें हैं या वे देश के पूर्वी और मध्य हिस्सों में स्थित खानों से अपनी आवश्यकता को पूरा करते हैं, जिसमें संयंत्र-ग्रेड बॉक्साइट होता है। दूसरी ओर, देश के पश्चिमी तट (कम एल्युमिना सामग्री और उच्च सिलिका वाला) पर होने वाले बॉक्साइट तकनीकी रूप से उपयुक्त नहीं है और देश में रिफाइनर/स्मेल्टर के लिए आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं बैठता। हालांकि, इस तरह के गैर-संयंत्र ग्रेड बॉक्साइट को कुछ देशों में खनिज की कमी की वजह से खरीदा जाता है।

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बजट 2023-24 : फिमी की बॉक्साइट पर निर्यात शुल्क वापस लेने की मांग

फिमी ने कहा है कि इस कदम से निचले ग्रेड के खनिज संसाधन का महत्तम इस्तेमाल किया जा सकेगा और बंद बॉक्साइट खदानों को फिर से खोला जा सकेगा। साथ ही इससे रोजगार के अवसर सृजित होंगे और विदेशी मुद्रा अर्जित होगी।

बॉक्साइट एल्युमीनियम का प्रमुख अयस्क है, इसलिए यह एल्युमीनियम उत्पादकों के लिए आवश्यक कच्चा माल है।

फिमी ने वित्त मंत्रालय से अपने बजट-पूर्व प्रस्तावों में कहा, ‘‘बॉक्साइट पर 15 प्रतिशत का निर्यात शुल्क भारतीय गैर-धातुकर्म बॉक्साइट उत्पादकों और निर्यातकों को काफी नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए बॉक्साइट से निर्यात शुल्क को पूरी तरह से वापस लिया जाना चाहिए।’’

फिमी ने कहा कि भारत बॉक्साइट के मामले में न केवल आत्मनिर्भर है बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाजार खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय बॉक्साइट बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने की क्षमता रखता है।

गगनदीप कांग पहली भारतीय महिला एफआरएस बनी

प्रोफेसर गगनदीप कांग ब्रिटेन की फैलोशिप के 358 वर्ष के इतिहास में रॉयल सोसाइटी (FRS) के फैलो के रूप में चुने जाने वाली पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक बन गई हैं। 56 वर्षीय, फरीदाबाद में ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी.

Last updated on September 2nd, 2022 07:01 am

नेपाल ने अपना पहला उपग्रह यूएसए से लॉन्च किया

नेपाल ने सफलतापूर्वक अपना पहला उपग्रह नेपालीसैट -1 अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया। नेपाली वैज्ञानिकों द्वारा विकसित उपग्रह को संयुक्त राज्य अमेरिका के वर्जीनिया से प्रक्षेपित किया गया था। यह एक निम्न कक्षा का उपग्रह है जो पृथ्वी की सतह से.

Last updated on September 2nd, 2022 07:01 am

आईएमएफ और विश्व बैंक ने आन्तरिक उद्देश्यों के लिए ‘लर्निंग कॉइन’ लॉन्च किया

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाजार खिलाड़ी विश्व बैंक ने मिलकर एक सूडो टोकन के साथ एक निजी ब्लॉकचेन लॉन्च किया है. नया टोकन, जिसे "लर्निंग कॉइन" कहा जाता है और केवल आईएमएफ और विश्व बैंक में सुलभ है, इसका उद्देश्य संगठनों के.

Last updated on September 2nd, 2022 07:01 am

Pakistan को जिंदा रहने के लिए मिला कर्ज लेकिन सख्त शर्तों की बंदिशे, अब और पिसेगी जनता

Edited by: Alok Kumar @alocksone
Updated on: June 29, 2022 13:54 IST

Pakistan- India TV Hindi

Photo:INDIA TV

Pakistan को आखिर कर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से वित्तीय सहायता मिल गई है। एक-एक रुपये के मोहताज पाके ​के लिए यह सहायता किसी संजीवनी से कम नहीं है। हालांकि, इसके साथ ही आईएमएफ ने पाकिस्तान का आर्थिक पैकेज बहाल करने के लिए बिजली दरें बढ़ाने और पेट्रोलियम उत्पादों पर कर लगाने जैसी सख्त शर्तें लगाई हैं। इससे जनता पर और बोझ बढ़ेगा। बेरोजगारी और महंगाई की बोझ से दबी जनता के लिए यह और अधिक कष्टकारक होगा। इससे पहले नकदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ एक समझौता किया था जिससे उसका रुका हुआ 6 अरब डॉलर का सहायता पैकेज बहाल हो जाए।

भष्ट्राचार रोकने के लिए कार्यबल गठन करने का निर्देश

मीडिया में आई खबरों में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाजार खिलाड़ी आईएमएफ ने पाकितान से कहा है कि वह एक भ्रष्टाचार निरोधी कार्यबल का गठन करे जो सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बनाए गए वर्तमान कानूनों की समीक्षा करे। डॉन अखबार की खबर में कहा गया कि इन शर्तों के पालन के बाद आईएमएफ कर्ज को मंजूरी देने और कार्यक्रम को बहाल करने के पाकिस्तान के अनुरोध को कार्यकारी निदेशक मंडल के समक्ष पेश करेगा। इस प्रक्रिया में एक और महीने का वक्त लग जाएगा।

एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने कहा कि आईएमएफ ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाजार खिलाड़ी जो नई शर्तें लगाई हैं उनमें बिजली दरें बढ़ाना शामिल है। मंत्रिमंडल से कहा गया है कि वे 50 रुपये प्रति लीटर का पेट्रोलियम कर धीरे-धीरे करके लगाएं ताकि 855 अरब डॉलर की राशि एकत्रित की जा सके। इससे पहले, 22 जून को पाकिस्तान ने अपने रुके हुए 6 अरब डॉलर के सहायता पैकेज को बहाल करने के लिए और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से वित्तपोषण का रास्ता खोलने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाजार खिलाड़ी मुद्रा कोष के साथ एक समझौता किया था।

ब्रिक की प्रथम विधिवत शिखर वार्ता

दोस्तो , ब्रिक चार देशों के नेताओं की प्रथम विधिवत वार्ता 16 जून को रुस के येकतरिनबर्ग में हुई । ऐसी गम्भीर घड़ी पर जब कि विश्व वित्तीय संकट गहराई में फैल रहा है , चीन , भारत , रुस और ब्राजिल प्रमुख नवोदित बाजार देश होने के नाते सहयोग के जरिये विश्व वित्तीय संकट का मुकाबला करने और विश्व आर्थिक पुनरुत्थान को बढावा देने पर सहमत हुए हैं ।

वार्ता की समाप्ति पर जारी संयुक्त वक्तव्य में चार देशों ने विभिन्न पक्षों से अपील की है कि गत अप्रैल में हुए जी बीस के लंदन वित्तीय शिखर सम्मेलन में प्राप्त सहमति को सक्रिय रुप से मूर्त रूप दिया जाए और इसी संदर्भ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाजार खिलाड़ी में घनिष्ठ सहयोग करने का वादा किया जाये । वर्तमान ध्यानाकर्षक विश्व वित्तीय संस्थाओं के सुधार के बारे में चार देशों ने यह प्रस्ताव पेश किया है कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में नवोदित बाजारों और विकासशील देशों के भाषण अधिकार व प्रतिनिधित्व को उन्नत किया जाये , साथ ही एक स्थिर , प्रत्याशित और बहुपक्षीय अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा व्यवस्था की स्थापना पर भी जोर दिया । चार देशों ने अपने संयुक्त वक्तव्य में व्यापार संरक्षणवाद पर रोक लगाने की मांग भी की है और अनवरत विकास अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाजार खिलाड़ी और ज्ञान विज्ञान तथा शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग करने का अपना संकल्प व्यक्त किया ।

Share Market Close: शेयर में लगातार गिरावट के दौर में भी विदेशी निवशकों का समर्थन बरकरार

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 19 Mar 2021 02:47 PM (IST)

शेयर बाजार में पांचवें दिन भी गिरावट जारी रही. गुरुवार को सेंसेक्स 585 प्वाइंट गिर कर बंद हुआ. जबकि निफ्टी163 प्वाइंट नीचे चला गया. दोनों सूचकांक पिछले पांच दिनों में चार फीसदी से अधिक गिर चुके हैं. दरअसल अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और ब्याज दरों के अगले दो-तीन साल तक लगभग शून्य फीसदी के बराबर रहने के संकेतों की वजह से वर्ल्ड मार्केट में गिरावट आई है और इसका असर भारतीय बाजारों पर पड़ा है. भारतीय बाजारों पर कोविड के नए मामलों के बढ़ने का भी अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाजार खिलाड़ी असर दिखा. हालांकि भारत में कुछ ही राज्यों में कोरोना के मामले बढ़े हैं लेकिन इससे बाजार के सेंटिमेंट को नुकसान पहुंचा है.

विदेशी निवेशकों का निवेश बढ़ा

हालांकि भारत बाजारों में एफपीआई का विश्वास बना हुआ है. गुरुवार को एफपीआई ने 1258 करोड़ रुपये के शेयरों के खरीदारी की. जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1116.17 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की. भारतीय बाजार को लगातार विदेशी निवेशकों का समर्थन मिल रहा है. पिछले पांच सेशन में जब से मार्केट गिरा है तब से विदेशी निवेशकों ने 14,000 करोड़ रुपये की खरीदारी की है.ये खरीदारी ब्लॉक डील के तहत हुई है. मार्च में अब तक इन निवेशकों ने शेयरों में 22 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है. फरवरी में इन निवेशकों ने 21,960 करोड़ रुपये का निवेश किया . जनवरी में उन्होंने 14,500 करोड़ रुपये का निवेश किया था.

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