क्रिप्टो धन

सोने को टक्कर देने आया बिटकॉइन, क्या दिवाली पर क्रिप्टो में बरसेगा धन?
क्या क्रिप्टोकरेंसी एक बेहतर विकल्प है और क्या सोने को टक्कर दे सकता है।
इस बार दिवाली पर बाजारों में रौनक है। हालांकि शेयर बाजार में पिछले हफ्ते बड़ी गिरावट देखने को मिली लेकिन आज बाजार संभलते नजर आए है। एक दूसरा निवेश क्रिप्टोकरेंसी भी आज कल भरपूर चर्चा में है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या क्रिप्टोकरेंसी एक बेहतर विकल्प है और क्या सोने को टक्कर दे सकता है। अब तक बिटकॉइन की चमक ने सबको चकाचौध किया है और अब सवाल यह है कि क्या इस दिवाली पर क्रिप्टो धन बरसा सकता है। दूसरा सवाल यह है कि दिवाली सोने और बिटकॉइन में बेहतर विकल्प कौन है और अगली दिवाली तक के लिए क्रिप्टो का आउटलुक क्या है। यहां हमने इन्ही सवालों के जबाव खोजने की कोशिश की है। हमारे सवालों का जबाव देने के लिए हमारा साथ दे रहे है WazirX के फाउडर एंड सीईओ Nischal Shetty,CoinSwitch.co के फाउडर एंड सीईओ Ashish singhal, ZebPay के Avinash Shekhar।
आइए सबसे पहले डाल लेते है एक नजर पिछली दिवाली से इस दिवाली तक क्रिप्टो के रिटर्न पर एक नजर
दिवाली से दिवाली तक रिटर्न
पिछली दिवाली से इस दिवाली तक Bitcoin ने 360 फीसदी, Ethereum ने 1,023 फीसदी , Polkadot ने 119 फीसदी, Litecoin ने 299 फीसदी, Ripple ने 361 फीसदी, Stellar ने 384 फीसदी, Cardano ने 2,005 फीसदी और Dogecoin ने 10412 फीसदी का रिटर्न दिया है।
क्रिप्टो पर अहम जानकारी
बता दें कि भारत में अब तक क्रिप्टो पर कोई रेगुलेशन नहीं है। क्रिप्टो नोट या सिक्कों के रुप में प्रिंट नहीं होता इसके लिए कोई बैंक या ATM भी नहीं है। क्रिप्टो करेंसी एक तरह का डिजिटल एसेट है। यह कई देशों में शॉपिंग औऱ सर्विसेज में इस्तेमाल होता है। क्रिप्टो करेंसी का मार्केट काफी वॉलेटाइल है। भारी उतार-चढ़ाव में इसमें पैसा डूबने का खतरा रहता है। इसलिए इसमें बड़ृी रकम निवेश करने से बचना चाहिए। निवेशकों को यह भी सलाह है कि जिस टोकन में पैसा लगाएं उसके बारे में अच्छे से रिसर्च करें। भारत में क्रिप्टो में निवेश करते समय इससे जुड़े टैक्स के नियम की भी जानकारी भी रखें।
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निश्चल शेट्टी का कहना है कि क्रिप्टो मार्केट में 1 साल में 900% तक की ग्रोथ देखने को मिली है। इसके ट्रेडिंग वॉल्यूम में करीब 1000% का इजाफा हुआ है। क्रिप्टो के रेगुलेशन को लेकर पॉजिटिव खबरों से इसको सपोर्ट मिला है। ग्लोबल स्तर पर क्रिप्टो से जुड़ी कई पॉजिटिव खबरे आने से भारत में भी इसके लिए रुझान बढ़ा है।
निश्चल शेट्टी ने इस बातचीत में आगे कहा कि दुनिया की कई बड़ी कंपनियों ने निवेश किया है। बड़ी कंपनियों के क्रिप्टो में निवेश से इसमें निवेशका का कॉन्फिडेंस बढ़ा है। हालांकि नया मार्केट होने की वजह से इसमें वॉलिटिलिटी ज्याद है। इसके रेगुलेशन पर भारत और दुनियाभर से पॉजिटिव खबरें आ रही है। हालांकि ग्लोबल लेवल पर इसका रेगुलेशन अभी प्रथम चरण पर है। इसलिए क्रिप्टो में निवेश को लेकर सावधानी जरूरी है। क्रिप्टो में निवेश से पहले क्रिप्टो धन उसको लेकर एक्सचेंज से जुड़े पूरा रिसर्च करें। भारत में एक्सचेंजों ने मिलकर सेल्फ रेगुलेशन बनाया है लेकिन क्रिप्टो पर सरकार की तरफ से रेगुलेशन आना बेहद जरूरी है।
इस बातचीत में आशीष सिंघल ने कहा कि सिर्फ 16 महीने में CoinSwitch के 1.2 करोड़ यूजर्स बने है। खास बात यह है कि टियर-2 और टियर-3 शहरों से काफी यूजर्स जुड़े है। क्रिप्टो सिर्फ इंडिया में नहीं, पूरी दुनिया में बहुत लोकप्रिय है। पूरी दुनिया के लोग भारत की तरफ देख रहे हैं। भारत में सरकार से जल्द ही किसी रेगुलेशन की उम्मीद है। अगर क्रिप्टो को भारत में मंजूरी मिल जाती है तो इससे सरकार को बड़ी संख्या में टैक्स मिलेगा।
अविनाश शेखर का कहना है कि भारत में पिछले 1 साल में क्रिप्टो ट्रांजैक्शन में 8-10 गुना बढ़ोतरी देखने को मिली है। भारत में क्रिप्टो मार्केट अभी शुरुआती दौर में है और अगले 1 साल में ग्रोथ में और तेजी की उम्मीद है। भारत में क्रिप्टो में ट्रेडिंग के लिए कई एक्सचेंज है। भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज में निवेश आ रहा है। अगर सरकार क्रिप्टो का रेगुलेशन कर देती है तो एक्सचेंज में निवेश और बढ़ेगा।
इस बातचीत में निश्चल शेट्टी ने आगे कहा कि क्रिप्टो हाई रिस्क, हाई रिटर्न कैटेगरी में आता है। क्रिप्टो में लोग 5-10% तक निवेश करते हैं। क्रिप्टो का कुल निवेश का 40-50% बिटकॉइन में होता है। सेकेंड कैटेगरी टोकन में 25% तक निवेश किया जाता है। नए लॉन्च होने वाले टोकन में 25% तक निवेश रहता है। भारत में DeFi और NFT तेजी से पॉपुलर हुआ है। इसमें कई सेलिब्रिटी के जुड़ने से तेज ग्रोथ की उम्मीद दिखी है। भारत में शुरुआत में ही NFT काफी पॉपुलर हुआ है।
अविनाश शेखर का कहना है कि एक्सचेंज, नए-नए टोकन के लिए रेगुलेशन जरूरी है। रेगुलेशन आने से क्रिप्टो मार्केट ग्रोथ में तेजी आएगी।
Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बदल जाएगा क्रिप्टो करेंसी का भविष्य, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच क्रिप्टो करेंसी काफी चर्चा में है. ऐसा माना जा रहा है कि रूस अपने ऊपर लगे आर्थिक प्रतिबंधों से निपटने के लिए क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर सकता है, वहीं यूक्रेन दुनिया से क्रिप्टो के रूप में डोनेशन ले रहा है.
- रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद क्रिप्टो करेंसी की मांग बढ़ी
- रूस आर्थिक प्रतिबंधों से निपटने के लिए कर सकता है क्रिप्टो का इस्तेमाल
- यूक्रेन क्रिप्टो के रूप में मांग रहा है डोनेशन
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नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते क्रिप्टो करेंसी काफी सुर्खियों में. ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को दूर करने के लिए रूस क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर सकता है. इसके साथ ही कुछ ऐसी खबरें भी सामने आईं कि क्रिप्टो करेंसी के रूप में यूक्रेन को डोनेशन मिल रहा है. यूक्रेन को अब तक 45 मिलियन डॉलर से ज्यादा का डोनेशन मिल चुका है. ऐसे में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद क्रिप्टो करेंसी का भविष्य कितना बदल सकता है, आइए समझते हैं.
क्रिप्टो करेंसी की दौड़ में शामिल हैं कई लोग
अंग्रेजी मैगजीन आउटलुक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में क्रिप्टो एक्सचेंज, यूनोकॉइन के CEO सात्विक विश्वनाथ का कहना है कि 'कॉरपोरेट लेवल पर लोग पहले से ही इन दोनों देशों में क्रिप्टो करेंसी में शामिल होने की दौड़ में शामिल हो रहे हैं. इसका कारण उनकी अर्थव्यवस्थाओं में अस्थिरता और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले फिएट मुद्रा का मूल्यह्रास (Depreciation) होना है. क्रिप्टोस वहां मूल्य के भंडार की तरह काम कर रहे हैं.'
'क्रिप्टो करेंसी को कंट्रोल करने की जरूरत'
फिर सवाल यह है कि क्या दुनिया को आखिरकार क्रिप्टो करेंसी को लेन-देन और निवेश के वैध रूप में स्वीकार करना होगा? अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने बुधवार को एक बैठक में कहा कि 'रूस-यूक्रेन युद्ध ने क्रिप्टो करेंसी को कंट्रोल करने की जरूरत बताया है.' उन्होंने कहा कि 'यूक्रेन-रूस संघर्ष ने क्रिप्टो करेंसी सहित डिजिटल फाइनेंस पर कार्रवाई की जरूरत को बताया है. उन्होंने कहा कि 'हमारे पास ये बढ़ता हुआ बिजनेस है जिसके कई हिस्से हैं, और उस तरह के नियामक ढांचे की जगह नहीं है, जिसकी जरूरत है.'
यूक्रेनी सरकार क्रिप्टो में कर रही है डोनेशन की मांग
कुछ क्रिप्टो करेंसी एक्सपर्ट का मानना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध क्रिप्टो करेंसी की कहानी में बदलाव ला सकता है और वे अब की तुलना में ज्यादा स्वीकार्य हो सकते हैं. क्रिप्टो एक्सपर्ट अजीत खुराना कहते हैं कि 'तथ्य यह है कि यूक्रेनी सरकार भी क्रिप्टो में योगदान की मांग कर रही है, जो ब्लॉकचैन-आधारित धन के इस्तेमान को मान्य करता है.'
भविष्य में क्रिप्टो का बढ़ सकता है महत्व
एक ब्लॉकचैन लॉ फर्म क्रिप्टो लीगल के वकील और संस्थापक पुरुषोत्तम आनंद का कहना है कि अगर रूस वास्तव में हाल के प्रतिबंधों के प्रभाव से बचने के लिए क्रिप्टोक्यूच्युर्न्स का इस्तेमाल करना शुरू कर देता है, तो हम दुनिया भर में इसके बढ़ते प्रभाव को देख सकते हैं. खासकर अमेरिका और यूरोप, क्रिप्टो करेंसी के क्षेत्र में सख्त नियमों के साथ आगे आ रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है क्रिप्टो धन क्रिप्टो धन कि यह भी संभव है कि क्रिप्टो को को ऐसी जगहों में एक बड़ा स्थान मिल सकता है. क्रिप्टो एक ऑप्शनल पेमेंट सिस्टम के रूप में उभरेगा.
भारत के नजरिए से क्रिप्टो का महत्व
भारत भविष्य में क्रिप्टो करेंसी को कैसे देखता है, यह सरकार के रुख पर निर्भर हो सकता है, जो अभी के लिए सावधान है. हाल ही में, सरकार ने क्रिप्टो के लिए भारी टैक्स लगाया है. पुरुषोत्तम आनंद कहते हैं कि 'अगर रूस वास्तव में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल करके आर्थिक प्रतिबंधों के प्रभाव से बचने या कम करने में सक्षम है, तो आरबीआई भारत में क्रिप्टो करेंसी की ओर रुख बढ़ा सकता है. भारत सरकार भी क्रिप्टो करेंसी बिल के लिए एक कानून लाने पर विचार कर रही है, हालांकि उस दिशा में अभी तक कोई ठोस काम नहीं क्रिप्टो धन हुआ है.
''क्रिप्टो एक्सचेंज में इतनी बड़ी गिरावट पर कोई अचरज नहीं होना चाहिए''
नवभारत टाइम्स 5 दिन पहले
(जॉन हॉकिंस, वरिष्ठ व्याख्याता, कैनबरा स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स, इकोनॉमिक्स एंड सोसाइटी, कैनबरा यूनिवर्सिटी)
कैनबरा, 12 नवंबर (द कंवरसेशन) अधिक समय नहीं हुआ जब एफटीएक्स दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग मंचों में से एक था। वर्ष 2019 में स्थापित इस क्रिप्टो एक्सचेंज में बड़ी तेजी से बढ़ोतरी हुई और वर्ष 2022 की शुरुआत में इसका मूल्य 30 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। लेकिन पिछले दो हफ्तों में पूरी तस्वीर ही बदल चुकी है।
सबसे पहले एफटीएक्स और परिसंपत्ति-व्यापार फर्म अल्मेडा रिसर्च के संबंधों को लेकर चिंताएं सामने आईं। इस दौरान ग्राहकों के पैसे को एफटीएक्स से अल्मेडा में स्थानांतरित किए जाने की चर्चाएं भी शामिल हैं।
कुछ दिनों बाद सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज और एफटीएक्स के प्रतिद्वंद्वी बिनेंस ने ऐलान किया कि वह एफटीटी टोकन की अपनी होल्डिंग को बेच देगी। इससे घबराए ग्राहक एफटीएक्स से धन निकालने के लिए दौड़ पड़े और यह एक्सचेंज अब पतन के कगार पर पहुंच चुका है। इसकी वेबसाइट पर यह संदेश भी जारी कर दिया गया है कि वह वर्तमान में निकासी की प्रक्रिया में असमर्थ है।
हालांकि क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में यह इतने बड़े पैमाने पर हुई कोई पहली गिरावट नहीं है।
बचाव की राह मुश्किल
एफटीएक्स और अल्मेडा दोनों एक्सचेंज का बहुलांश स्वामित्व रखने वाले सैम बैंकमैन-फ्राइड ने इस साल की शुरुआत में अन्य बदहाल क्रिप्टो कंपनियों को मुश्किल से उबारा था। लेकिन अब वह अपनी कंपनियों को बचाने के लिए आठ अरब डॉलर का निवेश करने वाले की तलाश में हैं।
लेकिन कई फर्मों के पहले ही एफटीएक्स में अपनी हिस्सेदारी को बट्टे खाते में डाल देने से बैंकमैन-फ्राइड के लिए इच्छुक निवेशकों को ढूंढना आसान नहीं होगा।
बिनेंस ने इस क्रिप्टो एक्सचेंज का अधिग्रहण करने के बारे में सोचा लेकिन आखिर में उसका फैसला नकारात्मक ही रहा। इसने कदाचार के आरोपों और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग की जांच से जुड़ी चिंताओं को देखते हुए अपने कदम पीछे खींच लिए।
ऐसी स्थिति में अब एफटीटी की कीमत बहुत गिर गई है। एक हफ्ते पहले यह 24 डॉलर पर कारोबार कर रहा था लेकिन अब यह चार डॉलर से भी नीचे आ गया है।
सही तरह से विनियमित नहीं हो रहे एक्सचेंजों पर बिना किसी अंतर्निहित मौलिक मूल्य के 'परिसंपत्तियों' में व्यापार करना हमेशा एक बहुत ही जोखिम भरा प्रयास होता है। कई लोगों के लिए यह नुकसान का सौदा बन सकता है।
क्रिप्टो से अलग तरह की परिसंपत्तियों का मामला अलग होता है। आम कंपनी के शेयरों का एक बुनियादी मूल्य होता है जो कंपनी के मुनाफे से भुगतान किए गए लाभांश पर आधारित होता है। रियल एस्टेट का भी एक आधारभूत मूल्य होता है जो निवेशक को मिलने वाले किराये या उस पर उसके भौतिक कब्जे को दर्शाता है। एक बांड का भी मूल्य उस पर मिलने वाले ब्याज की राशि पर निर्भर करता है। यहां तक कि सोने का भी कुछ व्यावहारिक उपयोग होता है।
लेकिन बिटकॉइन, ईथर और डॉगकॉइन जैसी कथित क्रिप्टो मुद्राओं का ऐसा कोई बुनियादी मूल्य नहीं होता है। वे पार्सल आगे बढ़ाने वाले खेल की तरह हैं जिसमें सट्टेबाज कीमत गिरने से पहले उन्हें किसी और को बेचने की कोशिश करते हैं।
क्रिप्टो पर प्रभाव
इन घटनाओं ने क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास को और कम कर दिया है। इस नई घटना से पहले ही क्रिप्टो-मुद्राओं का "मूल्य" तीन लाख करोड़ डॉलर के उच्च स्तर से गिरकर एक लाख करोड़ डॉलर पर आ गया था। अब तो यह और भी नीचे गिर गया है।
जिस तरह इंटरनेट आधारित कारोबार में अमेज़ॅन जैसी कुछ कंपनियां ही दिग्गज बन पाई हैं, उसी तरह यह संभव है कि क्रिप्टो की रूपरेखा तय करने वाली ब्लॉकचेन तकनीक पर निर्भर केवल कुछ कंपनियां ही स्थायी तौर पर उपयोगी साबित हों।
मुद्रा के इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप के विचार को केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा की शक्ल में अब अपनाया जा रहा है। लेकिन बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के मुख्य अर्थशास्त्री ह्यून सोंग शिन के शब्दों में कहें तो "क्रिप्टो से जो कुछ भी किया जा सकता है वह केंद्रीय बैंक के पैसे से बेहतर किया जा सकता है।"
क्रिप्टोकरेंसी से अर्थव्यवस्था को खतरा, RBI ने कहा-एक हिस्से का होगा ‘डॉलरीकरण’
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के शीर्ष अधिकारियों ने एक संसदीय समिति से कहा है कि क्रिप्टो करेंसी से अर्थव्यवस्था के एक हिस्से का ‘डॉलरीकरण’ हो सकता है जो भारत के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा. सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पूर्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अगुवाई वाली वित्त पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत शीर्ष अधिकारियों ने अपनी बात रखी. उन्होंने क्रिप्टो करेंसी को लेकर अपनी आशंकाओं से उन्हें अवगत करवाया और कहा कि इससे वित्तीय प्रणाली की स्थिरता को लेकर चुनौतियां खड़ी होंगी.
खबर में खास
- RBI की क्षमता को भी कमतर कर सकती है
- अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से का डॉलरीकरण हो सकता है
- बैंकों के पास देने के लिए संसाधनों की कमी हो
- क्रिप्टो बाजार के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं
RBI की क्षमता को भी कमतर कर सकती है
समिति के एक सदस्य के मुताबिक, रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने कहा, यह मौद्रिक नीति तय करने और देश की मौद्रिक प्रणाली का नियमन करने की केंद्रीय बैंक की क्षमता को गंभीर रूप से कमतर करेगी. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी में विनिमय का माध्यम बनने की क्षमता है और यह घरेलू स्तर पर और सीमापार होने वाले वित्तीय लेनदेन में रुपये का स्थान ले सकती है. केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने कहा कि ये करेंसी. मौद्रिक प्रणाली के एक हिस्से पर काबिज हो सकती है और प्रणाली में धन के प्रवाह के नियमन की RBI की क्षमता को भी कमतर कर सकती है.
अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से का डॉलरीकरण हो सकता है
रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने आगाह किया कि आतंक के वित्तपोषण, धनशोधन और मादक पदार्थों की तस्करी में भी क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल किया जा सकता है और यही नहीं, यह देश की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा बन सकती है. उन्होंने संसदीय समिति से कहा, .लगभग सभी क्रिप्टो करेंसी डॉलर पर आधारित हैं और इन्हें विदेशी निजी संस्थान जारी करते हैं. ऐसे में संभव है कि इससे हमारी अर्थव्यवस्था के कुछ हिस्से का डॉलरीकरण हो जाए जो देश के संप्रभु हितों के खिलाफ होगा.
बैंकों के पास देने के लिए संसाधनों की कमी हो
RBI के अधिकारियों ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी का बैंकिंग प्रणाली पर भी नकारात्मक असर होगा क्योंकि आकर्षक परिसंपत्तियां होने के कारण हो सकता है कि लोग अपनी मेहनत की कमाई इनमें लगाएं जिसके परिणामस्वरूप बैंकों के पास देने के लिए संसाधनों की कमी हो.
क्रिप्टो बाजार के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं
इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी और इससे जुड़ी परिसंपत्तियों के कारोबार पर 30 फीसदी कर लगाने की घोषणा की थी. एक अनुमान के मुताबिक, देश में क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों की संख्या 1.5 करोड़ से दो करोड़ के बीच है जिनके पास करीब 5.34 अरब डॉलर क्रिप्टो करेंसी है. भारत के क्रिप्टो बाजार के आकार के बारे में कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. यह संसदीय समिति वित्त नियामकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर रही है.
3 क्रिप्टो रत्न जो आपके पोर्टफोलियो को 10x कर सकते हैं - लॉगरिदमिक फाइनेंस (LOG), शीबा इनु (SHIB), और बहुभुज (MATIC)
शीबा इनु सबसे लोकप्रिय मेम क्रिप्टोकरेंसी में से एक है जो एक मजबूत उपयोगिता विकसित करने में कामयाब रहा है और एक परत 2 समाधान पर निर्मित मेटावर्स भी लॉन्च कर रहा है जिसे शिबेरियम के नाम से जाना जाता है।
बहुभुज को Ethereum के लिए एक परत 2 समाधान के रूप में लॉन्च किया गया था, लेकिन सेवाओं के एक पूरे पारिस्थितिकी तंत्र में विकसित करने में कामयाब रहा है और कई अन्य छोटे ब्लॉकचेन परियोजनाओं का पोषण कर रहा है।
लॉगरिदमिक फाइनेंस एक कनेक्टिविटी पोर्टल है जो शुरुआती चरण के इनोवेटर्स और प्रोजेक्ट निवेशकों के बीच की खाई को कम करने में मदद करेगा। आइए जानें कि इन 3 टोकन में निवेश करके आप संभावित रूप से अच्छे रिटर्न क्यों प्राप्त कर सकते हैं।
Poloniex क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज ने दुनिया भर में वेब 3 को अपनाने के लिए बहुभुज के साथ सहयोग की घोषणा की है। Poloniex की स्थापना जनवरी 2014 में हुई थी और यह एक अत्यधिक सुरक्षित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है। यह स्पॉट और लीवरेज ट्रेडिंग के लिए सहायता प्रदान करता है। MATIC पारिस्थितिकी तंत्र और Poloniex के बीच यह नया सहयोग बढ़ते वेब 3 पारिस्थितिकी तंत्र को तेजी से अपनाने में मदद करेगा और दोनों प्लेटफार्मों पर उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक गुणवत्ता वाले DApps को क्रिप्टो धन सुलभ बनाएगा।
MATIC टोकन ने रिकॉर्ड मूल्य वृद्धि देखी है क्योंकि बहुभुज पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार हुआ है और वेब 3 बहुभुज के साथ-साथ Poloniex प्लेटफार्मों दोनों के लिए एक अद्वितीय उपयोगिता उपयोग मामले का प्रतिनिधित्व करता है। MATIC टोकन ने पिछले 12 महीनों में 5000% की कीमत में वृद्धि देखी है।
लॉगरिदमिक फाइनेंस प्लेटफॉर्म एक सुरक्षित, गैर-कस्टोडियल और मल्टी-चेन प्लेटफॉर्म प्रदान करता है जो ग्राहकों को उनकी प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के अनुसार ब्लॉकचेन नेटवर्क पर धन जुटाने की अनुमति देता है। लॉगरिदमिक वित्त पारिस्थितिकी तंत्र एथेरियम, बिनेंस स्मार्ट चेन, बहुभुज, सोलाना, तेज़ोस और हिमस्खलन का समर्थन करेगा। उपयोगकर्ता परेशानी मुक्त वातावरण में टोकन लॉन्च करने में सक्षम होंगे और निवेशक ब्लॉकचैन नेटवर्क में तरलता पूल बनाने में सक्षम होंगे। परियोजना के मालिक विभिन्न प्लेटफार्मों पर धन का उपयोग कर सकेंगे।
LOG पारिस्थितिकी तंत्र अपने उपयोगकर्ताओं के लिए एक NFT स्वैप सुविधा भी प्रदान करेगा और क्योंकि प्लेटफ़ॉर्म मल्टी-चेन है, उपयोगकर्ता अपनी पसंद और वरीयता के अनुसार टोकन स्थानांतरित करने में सक्षम होंगे।
लॉगरिदमिक फाइनेंस प्लेटफॉर्म का प्राथमिक उद्देश्य धन उगाहने वाले स्थान को पूरी तरह से विकेंद्रीकृत करना और निवेशकों और परियोजना मालिकों दोनों के लिए तरलता समाधान प्रदान करना है। वर्तमान में, उपयोगकर्ता एक ही मंच से बंधे हो जाते हैं और धन को स्थानांतरित करने के लिए उच्च गैस शुल्क का भुगतान करना पड़ता है।
डेफी स्पेस एक विशाल अवसर का प्रतिनिधित्व करता है और लॉगरिदमिक फाइनेंस कई ब्लॉकचेन नेटवर्क से तरलता पूल में टैप करने में सक्षम होगा और परियोजना मालिकों को अत्यधिक लचीले तरीके से धन जुटाने की अद्वितीय क्षमता प्रदान करेगा। LOG प्लेटफ़ॉर्म को DAO के रूप में शासित किया जाएगा जिसका अर्थ है कि समुदाय भविष्य के महत्वपूर्ण विकास का निर्धारण करेगा और रणनीतिक निर्णयों पर मतदान करेगा।
शीबा इनु ने बर्न पोर्टल अपडेट्स का खुलासा किया
शीबा इनु की (SHIB) टीम ने SHIB टोकन की आपूर्ति को बचाने के लिए डिज़ाइन किए गए बर्न पोर्टल के विवरण का खुलासा किया है। पुरस्कार 17 मई से उपलब्ध होंगे और हर दो सप्ताह में जारी रहेंगे। जो उपयोगकर्ता SHIB टोकन को जलाने का निर्णय लेते हैं, उन्हें एक और वैकल्पिक सिक्का मिलेगा जिसे बर्नशिब के नाम से जाना जाता है। बर्नशिब के मालिक Ryoshi टोकन के पुरस्कार के रूप में हकदार होंगे और सभी Ryoshi लेनदेन का 0.49% Ryoshi के धारकों को वितरित किया जाएगा। यह आशा की जाती है कि यह इनाम तंत्र अधिक उपयोगकर्ताओं को SHIB टोकन को जलाने के लिए प्रोत्साहित करेगा और लंबे समय में शीबा इनु सिक्के के मूल्य वृद्धि में मदद करने वाली समग्र आपूर्ति को कम करने में मदद करेगा।
यहां बताए गए सभी सिक्के आने वाले महीनों में 10x हो सकते हैं। बहुभुज (MATIC) और शीबा इनु (SHIB) पहले से ही अच्छी क्रिप्टो धन तरह से स्थापित क्रिप्टो हैं जो 2021 में निर्धारित ऊंचाइयों पर लौटना चाहेंगे। लॉगरिदमिक फाइनेंस (LOG) का प्रेस्ले इस रोमांचक नए टोकन को रियायती मूल्य पर खरीदने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है, जिसमें कई लोगों का मानना है कि यह अपने शुरुआती सिक्के की पेशकश (आईसीओ) से पहले 5000% तक बढ़ सकता है। निवेश करने से पहले हमेशा प्रत्येक टोकन पर अच्छी तरह से शोध करें।