एक नया क्रिप्टो एक्सचेंज बनाने के 10 चरण

बता दें कि भारत में अब तक एक नया क्रिप्टो एक्सचेंज बनाने के 10 चरण क्रिप्टो पर कोई रेगुलेशन नहीं है। क्रिप्टो नोट या सिक्कों के रुप में प्रिंट नहीं होता इसके लिए कोई बैंक या ATM भी नहीं है। क्रिप्टो करेंसी एक तरह का डिजिटल एसेट है। यह कई देशों में शॉपिंग औऱ सर्विसेज में इस्तेमाल होता है। क्रिप्टो करेंसी का मार्केट काफी वॉलेटाइल है। भारी उतार-चढ़ाव में इसमें पैसा डूबने का खतरा रहता है। इसलिए इसमें बड़ृी रकम निवेश करने से बचना चाहिए। निवेशकों को यह भी सलाह है कि जिस टोकन में पैसा लगाएं उसके बारे में अच्छे से रिसर्च एक नया क्रिप्टो एक्सचेंज बनाने के 10 चरण करें। भारत में क्रिप्टो में निवेश करते समय इससे जुड़े टैक्स के नियम की भी जानकारी भी रखें।
भारत में बिटकॉइन टैक्स के बारे में सब कुछ
बिटकॉइन एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी है, डिजिटल मुद्रा का दूसरा नाम जिसे भौतिक उत्पादों या सेवाओं के लिए व्यापारियों के साथ भुगतान के रूप में बदला जा सकता है। बिटकॉइन धारक एक केंद्रीकृत प्राधिकरण या बैंक को एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करने की आवश्यकता के बिना सीधे एक दूसरे के साथ उत्पादों या सेवाओं की खरीद, बिक्री और व्यापार कर सकते एक नया क्रिप्टो एक्सचेंज बनाने के 10 चरण हैं, इसके मूल में ब्लॉकचैन प्रौद्योगिकी के लिए धन्यवाद।
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तीन साल से सरकारी असमंजस: क्रिप्टो में भारतीयों के 6 लाख करोड़ से ज्यादा लग चुके, फ्रॉड हुआ तो धेला भी नहीं मिलेगा
क्रिप्टो करेंसी में अब तक भारतीयों के 6 लाख करोड़ रु. से ज्यादा निवेश हो चुके हैं। देश में कुल 4 क्रिप्टो एक्सचेंज काम कर रही हैं। लेकिन, ज्यादातर निवेशकों को शायद ही इस बात का अंदाजा हो कि यदि कोई हेराफेरी होती है तो वे कानूनी तौर पर कुछ एक नया क्रिप्टो एक्सचेंज बनाने के 10 चरण भी नहीं कर पाएंगे। साइबर कानूनों के विशेषज्ञ और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विराग गुप्ता एक नया क्रिप्टो एक्सचेंज बनाने के 10 चरण कहते हैं- ‘अनरेगुलेटेड एक्सचेंज या क्रिप्टो के कारोबारी यदि फ्रॉड करके गायब हो जाएं तो निवेशकों की जमापूंजी डूबनी तय है।
ऐसे में पीड़ित लोगों के पास सिर्फ दो विकल्प हाेंगे। पहला- पुलिस में आपराधिक शिकायत दर्ज कराना। दूसरा- कोर्ट में सिविल मुकदमा दायर करके एक्सचेंज या क्रिप्टो कारोबारी से हर्जाने की मांग करना। लेकिन जिस मामले पर संसद अभी तक कोई कानून नहीं बना पाई है, उस पर एक पुलिस अफसर क्या ही कर लेगा, यह समझा जा सकता है।’ एक वित्तीय कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि बैंक, म्यूचुअल फंड या जीरोधा जैसे स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफार्म खोलने के लिए कंपनियों को कई प्रकार के लाइसेंस, जांच और प्रतीक्षा अवधि से गुजरना पड़ता है।
WazirX के बाद अब इस क्रिप्टो-एक्सचेंज पर क्यों हुई ED की कार्रवाई? ये है पूरी कहानी
by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो ।।
Published - Saturday, 13 August, 2022
क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों के दिन अच्छे नहीं चल रहे है. एक एक नया क्रिप्टो एक्सचेंज बनाने के 10 चरण तो बाज़ार में गिरावट का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी स्तर पर होने वाली सख्ती ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है. हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने क्रिप्टो-एक्सचेंज प्लेटफॉर्म वजीरएक्स (WazirX) पर कार्रवाई की थी, अब 'वॉल्ड (Vauld)' के खिलाफ एक्शन हुआ है. वॉल्ड पहले से ही आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहा है, ऐसे में ED की कार्रवाई से उसकी स्थिति बद से बदतर हो सकती है.
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निश्चल शेट्टी का कहना है कि क्रिप्टो मार्केट में 1 साल में 900% तक की ग्रोथ देखने को मिली है। इसके ट्रेडिंग वॉल्यूम में करीब 1000% का इजाफा हुआ है। क्रिप्टो के रेगुलेशन को लेकर पॉजिटिव खबरों एक नया क्रिप्टो एक्सचेंज बनाने के 10 चरण से इसको सपोर्ट मिला है। ग्लोबल स्तर पर क्रिप्टो से जुड़ी कई पॉजिटिव खबरे आने से भारत में भी इसके लिए रुझान बढ़ा है।
निश्चल शेट्टी ने इस बातचीत में आगे कहा कि दुनिया की कई बड़ी कंपनियों ने निवेश किया है। बड़ी कंपनियों के क्रिप्टो में निवेश से इसमें निवेशका का कॉन्फिडेंस बढ़ा है। हालांकि नया मार्केट होने की वजह से इसमें वॉलिटिलिटी ज्याद है। इसके रेगुलेशन पर भारत और दुनियाभर से पॉजिटिव खबरें आ रही है। हालांकि ग्लोबल लेवल पर इसका रेगुलेशन अभी प्रथम चरण पर है। इसलिए क्रिप्टो में निवेश को लेकर सावधानी जरूरी है। क्रिप्टो में निवेश से पहले उसको लेकर एक्सचेंज से जुड़े पूरा रिसर्च करें। भारत में एक्सचेंजों ने मिलकर सेल्फ रेगुलेशन बनाया है लेकिन क्रिप्टो पर सरकार की तरफ से रेगुलेशन आना बेहद जरूरी है।