पोर्टफोलियो ट्रेडिंग

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निवेश सुविधाएं
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अनिवासी भारतीयों के लिए निवेश सुविधाएं
अनिवासी भारतीय भारत में प्रत्यावर्तन के साथ-साथ गैर प्रत्यावर्तन पोर्टफोलियो ट्रेडिंग आधार पर निवेश कर सकते हैं।
1. प्रत्यावर्तन आधार पर: अनिवासी भारतीय बिना किसी सीमा के प्रत्यावर्तन के आधार पर निम्नलिखित में निवेश कर सकते हैं।
1. सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियां / ट्रेजरी बिल
2. घरेलू म्युचुअल फंड की इकाइयाँ
3. भारत में एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) द्वारा जारी बांड
4. भारत में निगमित कंपनी के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर
5. भारत में बैंकों द्वारा जारी किए गए स्थायी ऋण लिखत और ऋण पूंजी लिखत
6. भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में शेयरों का विनिवेश किया जा रहा है , बशर्ते कि खरीद बोलियां आमंत्रण की नोटिस में निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार हो।
7. एफडीआई योजना के तहत भारतीय कंपनियों के शेयर और परिवर्तनीय डिबेंचर (स्वचालित मार्ग और एफआईपीबी सहित)।
8. पोर्टफोलियो निवेश योजना के तहत स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से भारतीय कंपनियों के शेयर और परिवर्तनीय डिबेंचर।
2 . गैर-प्रत्यावर्तन आधार पर: अनिवासी भारतीय गैर-प्रत्यावर्तन आधार पर निम्नलिखित में बिना किसी सीमा के निवेश कर सकते हैं।
1. सरकारी दिनांकित प्रतिभूतियां/ ट्रेजरी बिल
2. घरेलू म्युचुअल फंड की इकाइयाँ
3. मनी मार्केट म्यूचुअल फंड की इकाइयाँ
4. राष्ट्रीय योजना/बचत प्रमाणपत्र
5. भारत में निगमित कंपनी के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर
6. पोर्टफोलियो निवेश योजना के तहत स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से भारतीय कंपनियों के शेयर और परिवर्तनीय डिबेंचर।
7. सेबी द्वारा निर्धारित सीमाओं के अधीन , गैर-प्रत्यावर्तनीय आधार पर भारत में धारित आईएनआर फंड में से समय-समय पर सेबी द्वारा अनुमोदित एक्सचेंज ट्रेडेड डेरिवेटिव संविदा ।
पोर्टफोलियो निवेश योजना (पीआईएस)
पोर्टफोलियो निवेश योजना के तहत , अनिवासी भारतीय किसी भारतीय कंपनी के शेयरों और परिवर्तनीय डिबेंचर को प्रत्यावर्तन के साथ-साथ गैर-प्रत्यावर्तन आधार पर किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के एक पंजीकृत ब्रोकर के माध्यम से एक बैंक शाखा नामित करके , कुछ शर्तों के अधीन निवेश/बिक्री कर सकते हैं।
योजना की मुख्य विशेषताएं:
1. योजना के तहत निवेश की सुविधा के लिए निवासी मुख्तारनामा धारक को पीआईएस खाता संचालित करने की अनुमति दी जा सकती है।
2. अनिवासी भारतीयों को एक विशेष पीआईएस (एनआरओ) खाता खोलने की आवश्यकता होती है , यदि शेयर/डिबेंचर गैर प्रत्यावर्तन आधार पर खरीदे/बेचे जाते हैं। (खाता खोलने के फॉर्म के लिए कृपया यहां क्लिक करें।)
3. प्रत्यावर्तन आधार पर शेयरों/डिबेंचरों की बिक्री/खरीद के लिए , अनिवासी भारतीयों को एक विशेष पीआईएस (एनआरई) खाता खोलना आवश्यक है। (खाता खोलने के फॉर्म के लिए कृपया यहां पोर्टफोलियो ट्रेडिंग क्लिक करें।)
1. योजना के तहत अर्जित शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचर को कंपनी अधिनियम , 1956 की धारा 6 में परिभाषित अनुसार अपने करीबी रिश्तेदारों को उपहार के रूप में अंतरित किया जा सकता है। यदि निवासी करीबी रिश्तेदार को उपहार में दिया जाता है , तो इसकी सूचना आरबीआई को फॉर्म एफसी-टीआरएस में दी जानी चाहिए।
2. अनिवासी भारतीयों को पोर्टफोलियो निवेश योजना के तहत शेयरों/डिबेंचरों की खरीद/बिक्री का विवरण एलईसी के रूप में तुरंत पोर्टफोलियो ट्रेडिंग उस नामित शाखा को रिपोर्ट करना होगा जहां वे पीआईएस खाते का रखरखाव कर रहे हैं।
3. एनआरआई पीआईएस के लिए केवल एक नामित बैंक शाखा से संपर्क कर सकते हैं।
निम्नलिखित शहरों में हमारी शाखाओं को पोर्टफोलियो निवेश योजना को संभालने के लिए नामित किया गया है:
Buying US Stocks: क्या आप खरीदना चाहते हैं अमेरिकी शेयर, यहां जानें यूएस स्टॉक मार्केट में कैसे शुरू करें ट्रेडिंग
US Stocks Market Trading: विदेशी स्टॉक उतना मुश्किल नहीं है जितना लगता है. निवेश की प्रक्रिया एक इंटरनेशल ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ शुरू होती है.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 27 Sep 2021 10:17 PM (IST)
US Stocks Market: विदेशों में निवेश करने की चाहत रखने वाले भारतीय निवेशकों की खासी चर्चा हो रही है. मौजूदा विदेशी फंडों के अलावा, हाल ही में कई इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड स्कीम्स शुरू की गई हैं, इस प्रकार उनके घरेलू पोर्टफोलियो में विविधता लाने का विकल्प दिया गया है.
इनमें से कुछ अंतरराष्ट्रीय फंड, ‘फंड ऑफ फंड्स’ हैं जबकि कुछ फीडर फंड हो सकते हैं, विशेष रूप से कई निष्क्रिय इंडेक्स फंड हैं जो अधिकांश प्रमुख वैश्विक सूचकांकों पर नज़र रखते हैं.
विदेशी स्टॉक खरीदना जटिल मामला नहीं
वैकल्पिक रूप से, विदेशी स्टॉक खरीदना कोई जटिल मामला नहीं है जैसा कि यह लगता है. सेल्सफोर्स, वीज़ा, अमेरिकन एक्सप्रेस कंपनी, कॉस्टको होलसेल कॉर्प, एक्सपीडिया ग्रुप, ज़िवो बायोसाइंस, पल्टॉक जैसे हालिया टॉप मूवर्स सहित फेसबुक, ऐप्पल या अमेज़ॅन जैसे कुछ टॉप अमेरिकी शेयर्स का मालिक होना, भारतीय निवेशकों के लिए संभव है. यह ठीक वैसे ही जैसे आप भारतीय शेयर बाजार पोर्टफोलियो ट्रेडिंग में जौमेटो, रिलायंस, टाटा मोटर्स आदि के शेयर्स के मालिक बन सकते हैं.
यूएस शेयरों में निवेश की प्रक्रिया एक इंटरनेशल ब्रोकरेज फर्म के माध्यम से एक विदेशी ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के साथ शुरू होती है. केवाईसी और आरबीआई के एलआरएस नियमों सहित अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने पर, जिसे पूरा करने में ब्रोकरेज फर्म मदद करती है, आप यूएस शेयरों में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.
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कीमत नहीं है बाधा
अब, अगर आप सोच रहे हैं कि क्या डॉलर में अमेरिकी शेयर्स को खरीदना एक किफायती सौदा होगा, तो यहां आपके लिए एक अच्छी खबर है. अमेरिकी शेयर्स में आंशिक स्वामित्व की अनुमति है और कोई भी अमेरिकी शेयरों को 100 रुपये से कम राशि के साथ जमा करना शुरू कर सकता है. भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों के विपरीत, कीमत अमेरिकी शेयर बाजार में बाधा नहीं है. बस तय करें कि आपको कितना निवेश करना है और शेयरों की संख्या की गणना स्वचालित रूप से आपके लिए की जाएगी.
बेहतर तरीका यह हो सकता है कि कुछ टॉप अमेरिकी शेयरों को नियमित अंतराल पर 5000 रुपये या 1 लाख रुपये की निश्चित राशि के साथ खरीदा जाए. अमेरिकी शेयर बाजार निवेशकों के लिए कुछ प्रमुख ग्लोबल ब्लू-चिप्स के मालिक होने और लंबी अवधि में लाभ प्राप्त करने के अवसर प्रस्तुत करता है.
फिलहाल ग्लोबल इक्विटी लगभग सर्वकालिक उच्च स्तर पर कारोबार कर रहे हैं. लेकिन, इससे निवेशकों को सभी क्षेत्रों में लंबी अवधि के अवसरों की तलाश करने से नहीं रुकना चाहिए. शुरुआत करने के लिए, प्रमुख शेयरों पर नज़र रखें और किसी भी सुधार या गिरावट का उपयोग लंबी अवधि के लिए उन्हें जमा करने के अवसर के रूप में करें.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
आपके इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो के लिए कितना जरूरी है कमोडिटी, यहां समझें पूरा गणित
कमोडिटी बाजार में एक तो महंगाई से कवर मिलता है. इसके अलावा आपको डायवर्सिफिकेशन मिलेगा और शेयरों-बॉन्ड के झंझटों का कोई असर नहीं होगा.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: सुनील चौरसिया
Updated on: Apr 01, 2022 | 3:56 PM
इन्वेस्टमेंट (Investment) के मामले में पंकज बड़े सीधे से कॉन्सेप्ट पर चलते हैं. पोर्टफोलियो में FD, म्यूचुअल फंड, PPF और स्टॉक्स होने चाहिए. एक दिन उनका कॉन्सेप्ट हिल गया. हुआ यूं कि उनके एक दोस्त ये जानकर हैरान रह गए कि पंकज का कमोडिटीज में कोई निवेश नहीं है. तो क्या कमोडिटीज (Commodities) में भी पैसा लगाना चाहिए था? क्या मैं पैसा बनाने से चूक गया? ये सोचकर पंकज चकराए हुए थे. फिर पंकज ने खुद को तसल्ली दी कि यार कमोडिटीज के बारे में अपन जब कुछ जानते ही नहीं तो पैसा लगाना क्या ही ठीक होता. तब तो पंकज अपने दोस्त के सामने टालमटोल करके निकल गए. लेकिन, बात मन में अटक पोर्टफोलियो ट्रेडिंग गई थी. ठान लिया कि गुरु, कमोडिटीज की गुत्थी सुलझा कर ही दम लूंगा. बस शुरू हो गया रिसर्च का दौर.
कमोडिटी कारोबार होता क्या है
पहली बात आई कि आखिर कमोडिटी कारोबार होता क्या है? खंगाला तो पता चला कि कमोडिटीज एक खास एसेट क्लास है. मोटे तौर पर शेयरों या बॉन्ड से इसका कोई रिश्ता नहीं होता. तो इसका क्या फायदा होता है? होता ये है कि कमोडिटीज में पैसा लगा हो तो स्टॉक और बॉन्ड पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने में मदद मिलती है. आई बात समझ!! ना. पंकज सोच रहे हैं ऐसा कैसे होता है?
महंगाई बढ़ने पर ऊपर जाती हैं कमोडिटीज की कीमतें
तो बात ये है कि इसमें एक तो महंगाई से कवर मिलता है. दूसरा, आपको मिलेगा डायवर्सिफिकेशन. तीसरा, शेयरों और बॉन्ड के झंझटों का कोई असर नहीं. है ना फायदे की बात. पंकज सोच में पड़ गए कि यार कमोडिटीज में निवेश मंहगाई से कैसे बचाता है. मसला जटिल नहीं है. ऐसा होता है कि जब महंगाई बढ़ती है तो कमोडिटीज की कीमतें ऊपर जाती हैं. इससे शेयर बाजार पर प्रेशर पड़ता है. दूसरी तरफ, महंगाई न बढ़े तो मार्केट और बॉन्ड बाजार बढ़िया परफॉर्मेंस करते हैं. ये तो बात आ गई समझ. अब पंकज के दिमाग में बड़ा सवाल ये आया कि आखिर कमोडिटीज में भी कहां लगाया पोर्टफोलियो ट्रेडिंग जाए पैसा? तो ऐसा है कि गोल्ड एक सेफ एसेट के तौर पर मशहूर है. उथल-पुथल वाले हालात में ये खूब कमाई कराता है. और महंगाई बढ़ी तो हो गई बल्ले-बल्ले. क्योंकि तब तो गोल्ड और ऊपर भागता है.
एग्री कमोडिटीज में पैसा लगा सकते हैं छोटे निवेशक
अब पंकज सोच रहे हैं कि क्या गोल्ड में पैसा लगाना सही होगा? अब उन्होंने ली एक्सपर्ट एडवाइज. तो मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नवनीत दमानी कहते हैं कि आप एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश कर सकते हैं. आप ETF या डिजिटिल गोल्ड के जरिए भी निवेश कर सकते हैं. दाम गिरें तो खरीद लीजिए. छोटे निवेशक एग्री कमोडिटीज में भी पैसा लगा सकते हैं.
पंकज सोच रहे हैं इनमें क्या आता है. अरे भाई… तिलहन, वनस्पति तेल, मसाले, दाल, अनाज में होती है ट्रेडिंग. एग्रीकल्चर कमोडिटीज को MCX और NCDEX पर लिस्ट किया जाता है. इनवेस्टोग्राफी की फाउंडर और CFP श्वेता जैन कहती हैं, ‘छोटे निवेशक अपने एसेट का 10 फीसद हिस्सा गोल्ड और सिल्वर में रख सकते हैं. निवेशकों को हमेशा अपने टारगेट पर चलना चाहिए.
Top Stock Picks: एक्सपर्ट्स से जानें अगले 5 साल के लिए कौन से हैं दमदार शेयर? किस शेयर में करें निवेश?
Top Stock Picks: विशेषज्ञों से जानें आपको अगले पांच सालों में कौन से शेयर अपने पोर्टफोलियो में जोड़ने चाहिए, जिससे आपको फायदा होगा।
Top Stock Picks: दिवाली (Diwali) के दिन मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) पर शेयर बाजार (Stock Market) में तेजी आई। अब संवत 2078 (Samvat 2078) की शुरुआत हो गई है। यह नई शुरुआत के लिए अच्छा समय है। आप नए संवत में शेयरों के अपने पोर्टफोलियो को बेहतर बना सकते हैं। अपने पोर्टफोलियो में कुछ ऐसे शेयर पोर्टफोलियो ट्रेडिंग शामिल करें, जो आगे बेहतर रिटर्न दे सकें। आइए विशेषज्ञों से जानते हैं कि अगले पांच सालों में आपको कौन से शेयर अपने पोर्टफोलियो में जोड़ने से फायदा होगा। हालांकि आपको पोर्टफोलियो बनाते समय, निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लेना चाहिए। आइए देखते हैं अगले पांच सालों को लिए आपके लिए कौन से शेयर बेहतर रहेंगे।
एक्सपर्ट की सलाह: शेयर बाजार या किसी भी इंस्ट्रूमेंट में अच्छे रिटर्न के लिए निवेश के पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई जरूर करें
पोर्टफोलियो में विविधता (डाइवर्सिफिकेशन) ट्रेडिंग के क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध विषयों में से एक है। हालांकि, यह सबसे अधिक उपेक्षित भी है, खासकर नए निवेशकों द्वारा। फिर भी अनुभवी निवेशक अपने पोर्टफोलियो को अच्छी तरह से संतुलित रखते हैं। दुनियाभर के विभिन्न बाजारों में समान संपत्ति निवेश में भी विविधता का पालन होता है। ऐसा करने से उनके समग्र रिटर्न में सुधार के साथ-साथ उससे जुड़े जोखिम भी कम होते हैं।
पोर्टफोलियो में विविधता का पालन क्यों जरूरी है?
एंजल ब्रोकिंग के मुख्य सेल्स अधिकारी संदीप भारद्वाज कहते हैं कि न तो बाजार और न ही इसके अलग-अलग क्षेत्रों में एक-सी प्रतिक्रिया होती है। इस वजह से जब आप किसी विशेष सेगमेंट या बड़े स्तर पर बाजार में कोई घटना देख रहे हों, तो किसी क्षेत्र में ज्यादा रुझान दिखता है तो किसी में कम दिखता है। कभी-कभी इसका उलटा भी हो सकता है। उदाहरण के लिए बाजार की मौजूदा स्थिति पर विचार करें।
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव में होती है मदद
वे कहते हैं कि शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव है और पिछले दो महीनों में सभी शेयर्स ने करीब 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। दूसरी ओर, फार्मा और हेल्थकेयर क्षेत्रों ने इसी समय में वृद्धि दर्ज की है। एफएमसीजी सेक्टर भी अच्छा खासा बढ़ा है। ऐसे में एक बुद्धिमान निवेशक के रूप में आपको बाज़ार के उतार-चढ़ाव की स्थिति में नुकसान कम करने के लिए पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए। ऐसे में जब रुझान आपके पक्ष में होगा तो आपका रिटर्न भी कई गुना बढ़ चुका होगा।
आपको निवेश कैसे करना चाहिए?
शुरुआत में यह अच्छे से समझ लीजिए कि पोर्टफोलियो बनाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। हालांकि, इस पर लागू होने वाले फैक्टर आपको पता होना चाहिए। अलग-अलग उद्योगों, वर्टिकल्स व अन्य प्रासंगिक डायनॉमिक्स जैसे रेगुलेटर स्ट्रक्चर, कंपनी प्रबंधन सप्लाई-डिमांड आदि सभी फैक्टर्स को मिलाकर आसानी से बाजार को समझा पोर्टफोलियो ट्रेडिंग जा सकता है। आपकी समझ जितनी ज्यादा होगी, आपका मूल्यांकन उतना ही सटीक होगा।
पोर्टफोलियो में विविधता कैसे लानी चाहिए?
पोर्टफोलियो में विविधता पूरी तरह से आपकी व्यक्तिगत निवेश रणनीति पर निर्भर करती है। सेक्टर्स, बाजार पूंजीकरण (लार्ज कैप / मिड कैप / स्माल कैप), या निवेश साधन के संदर्भ में विविधता लाई जा सकती है। विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो को अच्छा तब कहेंगे जब उसमें सिक्योरिटीज (विभिन्न क्षेत्रों और कंपनी के आकारों से संबंधित) और कमोडिटी (बुलियन और बेस मेटल्स सहित) एवं करेंसी शामिल हो। उदाहरण के लिए भारत में लॉकडाउन 31 मई, 2020 को समाप्त होने वाला है।
एक अच्छे निवेशक के रूप में, आपको हमेशा दूसरे विकल्प पर भी विचार करना चाहिए और अपने पोर्टफोलियो को उसके अनुसार संतुलित करना चाहिए।
लक्ष्य बनाएं और नुकसान को बचाएं
इसमें दिमाग लगाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए लेकिन संबंधित लक्ष्य तय करना और नुकसान को रोकना हमेशा याद रखें। इसमें कोई भी फैसला भावनाओं में आकर न लें। इससे आपको अपने निवेश के साथ लंबा रास्ता तय करने में मदद मिलेगी। आपके अनूठे निवेश पैटर्न और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर विविधीकरण पूरी तरह से आपको तय करना है। याद रखें कभी भी एक ही सेक्टर में निवेश न करें। यह आपके जोखिम को तेजी से बढ़ाता है।
एक निवेशक होने के नाते आपके पास बाजार और अपने पोर्टफोलियो ट्रेडिंग प्रमुख शेयरों या संपत्तियों के बारे में जितनी ज्यादा जानकारी होगी, उतना बेहतर होगा। आखिर, ज्ञान और सही नजर ही बाजार में सच्चे गेम-चेंजर हैं।