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मुद्राएं अलग

मुद्राएं अलग
मुद्रा शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है मोहर या ठप्पा। यह हाथों की एक खास स्थिति है। मुद्राएं आपके शरीर को एक खास तरीके से व्यवस्थित करने का सूक्ष्म विज्ञान हैं। आप महज अपनी हथेलियों की स्थिति बदल कर ही अपने सिस्टम के काम करने के तरीके को बदल सकते हैं। यह अपने आप में एक पूरा विज्ञान है, जो वास्तव में शरीर मुद्राएं अलग की ज्यामिति यानी ज्यॉमेट्री और सर्किट से जुड़ा होता है। किसी विशेष मुद्रा में होने पर आपकी ऊर्जा एक खास तरह से काम करने लगती है। योग में ऐसे प्रणालियां हैं जिसमें आप कुछ खास अनुपातों में गिनती करके अपनी सांस पर एक खास ढंग से काबू कर सकते हैं। ऐसा करके अगर आप चाहें तो अपनी ऊर्जा को शरीर की किसी भी खास कोशिका पर केंद्रित कर सकते हैं। हमारे हाथ खाना खाने और शारीरिक काम करने के अलावा और भी कई चीजों को करने के काबिल होते हैं। आप इन हाथों को इस तरह से बना सकते हैं कि इन्हें यहीं पर घुमाकर कहीं किसी दूसरी जगह पर किसी काम को अंजाम दे सकते हैं, आप जहां चाहें वहां बिना किसी त्रुटि के बिलकुल ठीक-ठीक अंजाम दे सकते हैं, क्योंकि ये हाथ हर काम को करने के लिए एक यंत्र हैं। ये एक तरह से कंट्रोल पैनल जैसे हैं।

मुद्राएं अलग

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Updated On: 27-06-2022

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Aap ko kya acha nahi laga

मुद्रा धातु है ठीक है चलिए समझते तो आवर साड़ी के दो डी ब्लॉक के तत्व होते हैं ठीक है डी ब्लॉक के तत्व हैं जो आवर्त सारे डी में डी ब्लॉक के कौन से वर्ग के तत्व मुद्राएं अलग डी ब्लॉक के वर्ग फर्स्ट भी ठीक है वर्ग फर्स्ट भी या कैसे वर्ग 11 ठीक है मर गए 11 के तीन तत्व जो है वह मुद्रा धातु में तीन तत्व मुद्रा धातु में यह कहते-कहते मुद्रा धातु कहलाती हैं वह तीन तत्व कौन कौन से हैं पहला तुम्हें कॉपर है निकिता बाबा दूसरा महाराज सिल्वर और चौथा मारे गोल्ड की गई कॉपर हो गया हमारा सिल्वर आने की चांदी और यह और शनि के गोल्डन की सोना

समझ गया इनका उपयोग धातु से कहते हैं क्योंकि इनका उपयोग मुद्राएं बनाने में कॉइंस बनाने में प्रयोग होता है ठीक है और इनके जो डी ब्लॉक में होता है मुद्राएं अलग इलेक्ट्रॉनिक विन्यास जो होता है वह पूर्ण होता है 10 इलेक्ट्रॉन होते इसलिए इनको अलग रखा गया और यह मुद्रा बनाने में बेसिकली प्रयोग होता है इसलिए मुद्रा था तो बोल रहे हैं उनको ठीक है अभी आज बैंक है सिलवर है मैग्नीशियम मुद्राएं अलग है और सोडियम है तो कौन सा विकल्प मारे सही होगा हमारा जो विकल्प होगा वह भी वाला सही हो जाएगा ओके थैंक यू

फर्जी आनलाइन पाठ्यक्रमों और विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग के नाम पर काले धन को सफेद बनाने का खेल

हाल में ही कोलकाता स्थित केनरा बैंक की ब्रांच की शिकायत पर पुलिस द्वारा कार्यवाही की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए:

१. आनलाइन पाठ्यक्रमों के काम में लिप्त दो कंपनियों के खाते बैंक में खुलवाए गए.

२. यह खाते फर्जी केवायसी कागजातों के आधार पर खुलवाए गए.

३. जब कंपनियों के खाते में बड़े संदिग्ध लेनदेन हुए तो बैंक प्रशासन ने इसकी जांच की तो पाया कागजात फर्जी है.

४. बैंक द्वारा पुलिस शिकायत के बाद पता चला कि एक पैशेवर और उसके भाई द्वारा सारा लेनदेन किया जा रहा है.

५. बीस करोड़ रुपए बैंक खाते में जमा मिलें और इसके अलावा लगभग कैश ८ करोड़ रुपए इन लोगों के घर और कार में मिलें. इसके अलावा ज्वैलरी हीरे जवाहरात अलग मिलें.

६. दोनों भाई फरार है और खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है.

७. साफ है दोनों लोग काले को सफेद बनाने के खेल में संलिप्त थे. काला धन लेकर अलग अलग जगह से कोर्स के नाम पर कंपनियों के खाते में जमा करवाया जाता था और फिर कंपनियों के खाते से बैंक माध्यम से पैसे खर्च के रूप में बाहर निकालकर उसे सफेद बना दिया जाता था.

८. इस व्यापार स्तर का खेल पूरे भारतवर्ष में फैला हुआ है. साफ है कैश रुपी एक समानांतर अर्थव्यवस्था देश में चल रही है जिस पर किसी भी तरह की नोटबंदी का कोई प्रभाव नहीं होता है.

९. लोग समयानुसार तरीके बदलते हैं लेकिन काला धन कमाना नहीं छोड़ते और इसका दोष हमारी वित्तीय एवं राजस्व नीतियों में खामियों को दिया जा सकता है.

इसी तरह अभी भोपाल में हुई आयकर रेड की बात करें तो यह तथ्य सामने आते है:

१. डायरियों पर ही 400 करोड़ से अधिक की जमीन की खरीद-फरोख्‍त के सबूत मिले हैं।

२. व्यापारियों के कर्मचारियों के परिसर से लेन-देन की डायरी और जमीन की बिक्री की डायरी बरामद की गई है।

३. इंदौर में टीनू संघवी के वास्तु ग्रुप और मंत्री परिवार के लाभम और शुभम ग्रुप पर चल रहे छापे के दौरान पार्टनर अलका बिसानी ने आयकर विभाग को शपथ पत्र पर कहा कि उनके पास 10 से 15 लाख कैश है लेकिन जब वार्डरोब के पीछे की सीक्रेट अलमारी खुली तो कैश देखकर सबके होश उड़ गए।

४. इस छापेमारी के दौरान अलका की वार्डरोब काफी व्यस्त सजी हुई थी, उसको देखने पर अधिकारियों को कुछ शंका हुई। और काफी खोजबीन की तो उसमें वार्डरोब की दीवार के पीछे एक गोपनीय गोदरेज की अलमारी रखी हुई थी जिसमें 500 और 2 हजार के नोटों की गड्डियां भरी हुई थीं। इन नोटों को निकाला, देर रात तक गिनती 3 करोड़ से ज्यादा तक पहुंच चुकी थी।

५. नोट गिनने की मशीन भी रखी हुई थी। वहीं ज्वेलरी वैल्यूएशन 10 करोड़ तक पहुंच गया है।

६. आयकर विभाग ने रियल एस्टेट कारोबारियों और उनसे जुड़े लोगों के यहां छापा अभी जारी है.

७. देव बेकरी और एचडी वायर के संचालक दिलीप देव के भी इन ग्रुप से संबंध मिले हैं और पता चला है कि वे भी अपना पैसा लगाते थे।

८. इसी कड़ी में अकाउंटेंट के घर भी विभाग के अधिकारी पहुंचे थे। यहां से बरामद हुई डायरियों में लेन-देन के हिसाब के साथ कोड लिखे मिले।

९. इस बीच आयकर विभाग ने कार्रवाई की जद में आए कारोबारियों के एक दर्जन से ज्यादा बैंक लॉकर भी सील कर दिए हैं।

१०. किसानों के नाम से जमीन के सौदे के दस्तावेज और करार भी जांच टीम के हाथ लगे हैं।

उपरोक्त तथ्यों से साफ है कि बड़ी मात्रा में काला धन कैश के रूप में, फर्जी कंपनियों के नाम पर, फर्जी दस्तावेज के आधार पर, किसानों और कर्मचारियों के नाम पर, प्रापर्टी और सोना जवाहरात के रूप में – देश में खेल चल रहा है.

सबसे आश्चर्यजनक बात ये है कि ये सब इतने कठोर अनुपालन और नियमों के बावजूद धड़ल्ले से चल रहा है. मतलब साफ है कोई भी उपाय कर लें सरकार जब तक व्यापारी और जनता को नीति निर्धारण का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा, शायद आगे भी चलता रहेगा और हम छापों की खबर पढ़ते रहेंगे लेकिन काले को सफेद बनाने का खेल किसी न किसी रूप में जारी रहेगा.

*सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर ९८२६१४४९६५*

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कंट्रोल पैनल है आपके हाथ

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मुद्रा शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है मोहर या ठप्पा। यह हाथों की एक खास स्थिति है। मुद्राएं आपके शरीर को एक खास तरीके से व्यवस्थित करने का सूक्ष्म विज्ञान हैं। आप महज अपनी हथेलियों की स्थिति बदल कर ही अपने सिस्टम के काम करने के तरीके को बदल सकते हैं। यह अपने आप में एक पूरा विज्ञान है, जो वास्तव में शरीर की ज्यामिति यानी ज्यॉमेट्री और सर्किट से जुड़ा होता है। किसी विशेष मुद्रा में होने पर आपकी ऊर्जा एक खास तरह से काम करने लगती है। योग में ऐसे प्रणालियां हैं जिसमें आप कुछ खास अनुपातों में गिनती करके अपनी सांस पर एक खास ढंग से काबू कर सकते हैं। ऐसा करके अगर आप चाहें तो अपनी ऊर्जा को शरीर की किसी भी खास कोशिका पर केंद्रित कर सकते हैं। हमारे हाथ खाना खाने और शारीरिक काम मुद्राएं अलग करने के अलावा और भी कई चीजों को करने के काबिल होते हैं। आप इन हाथों को इस तरह से बना सकते हैं कि इन्हें यहीं पर घुमाकर कहीं किसी दूसरी जगह पर किसी काम को अंजाम दे सकते हैं, आप जहां चाहें वहां बिना किसी त्रुटि के बिलकुल ठीक-ठीक अंजाम दे सकते हैं, क्योंकि ये हाथ हर काम को करने के लिए एक यंत्र हैं। ये एक तरह से कंट्रोल पैनल जैसे हैं।

योग में ऐसे सिस्टम हैं जिसके द्वारा आप कुछ गिनतियों और अनुपातों मुद्राएं अलग की मदद से अपनी सांस पर एक खास ढंग से काबू कर सकते हैं। ऐसा करके अगर आप चाहें तो आप अपनी ऊर्जा को शरीर की किसी भी खास कोशिका पर केंद्रित कर सकते हैं।

इस इंसानी-सिस्टम को आप या तो महज एक मामूली मुद्राएं अलग इंसान बना कर रख सकते हैं, या फिर एक जबरदस्त संभावना के रूप में इसका विस्तार कर सकते हैं। आप चाहे जो करें, यह कंट्रोल पैनल तो आपके पास है ही। अगर आप इस सिस्टम के साथ ठीक से पेश आएंगे, तो आप अपनी जिंदगी के साथ अद्भुत चीजें कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए बहुत अधिक खोजबीन और बहुत साधना करनी होगी। मुद्राएं सैकड़ों तरह की हैं, कुछ अच्छी सेहत के लिए, कुछ खुशहाली के लिए, और कुछ खास तरह की प्रक्रियाओं की शुरुआत के लिए। जिंदगी के अलग-अलग पहलुओं के लिए अलग-अलग मुद्राएं होती हैं। भारतीय संस्कृति में हर चीज के लिए एक खास आसन, एक खास मुद्रा, सांस लेने का एक खास तरीका बताया गया है, ताकि इंसान अपनी बेहतरीन क्षमता को प्रकट कर सके। यह अभी भी हमारी संस्कृति में हर कहीं पाया जाता है, लेकिन अफसोस कि जरूरी समझ और जागरूकता के बिना ही लोग इसका अभ्यास करते हैं।

हनुमान जी की भिन्न भिन्न मुद्राएं देती हैं ये संकेत, जानें हर मुद्रा का रहस्य

Hanuman Ji Different Mudras: अक्सर आपने हनुमान जी की तस्वीरों में उन्हें अलग अलग मुद्राओं में देखा होगा. आपको बता दें कि ये सभी मुद्राएं भिन्न भिन्न संकेत देती हैं और हर मुद्रा के पीछे एक गूढ़ रहस्य भी है जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं.

साधना में मानसिक क्रिया पर नियंत्रण हो

तंत्र साधक के लिए यह आवश्यक है कि वह साधना में कायिक, वाचिक और मानसिक क्रियाओं पर पूरा नियंत्रण रखे। जिस प्रकार आसन, पात्रासादन एवं अर्चनादि में क्रियाओं का विधान है, उसी प्रकार उनके साथ कुछ मुद्रा बनाने का भी विधान है। ये मुद्राएं हाथ और उसकी उंगलियों के प्रयोग से बनाई जाती हैं। जैसे हमारा शरीर पंचतत्त्वमय है, वैसे ही पांचों उंगलियां भी पंचतत्त्वात्मक हैं। महर्षियों ने कहा है कि उंगलियों के प्रयोग से इन तत्त्वों की न्यूनाधिकता दूर की जा सकती है तथा तत्त्वों की समता-विषमता से होने वाली कमी को उंगलियों की मुद्रा से सम बनाया जा सकता है। इतना ही नहीं, ऐसी मुद्राओं द्वारा उन तत्त्वों को स्वेच्छापूर्वक घटाया-बढ़ाया भी जा सकता है। ये तत्त्व क्रमशः अंगुष्ठ में अग्नि, तर्जनी में वायु, मध्यमा में आकाश, अनामिका में पृथ्वी और कनिष्ठिका में जल के रूप में विद्यमान रहते हैं। मुदं रातीति मुद्रा के अनुसार ये मुद्राएं देवताओं के समक्ष दिखाने से उन्हें प्रसन्नता प्रदान करती हैं। पूजा विधानों में मुद्रा एक आवश्यक अंग माना गया है। देवी-देवताओं के समक्ष बनाई जाने वाली मुद्राएं अलग-अलग कर्म की दृष्टि से सहस्रों प्रकार की होती हैं जिनमें कुछ जपांगभूत तो कुछ नैवेद्यांगभूत हैं। कुछ का प्रयोग कर्म विशेष के प्रसंग में होता है तो कुछ मानस पूजा और अन्य पूजाओं में प्रयुक्त होती हैं। प्रत्येक जप-पूजा आदि विधानों में देवता के अनुरूप मुद्रा दिखाने का निर्देश रुद्रयामल मुद्राएं अलग में किया गया है। जिस प्रकार श्रीगणेश की पूजा में एकदंत, बीजापूर, अंकुश एवं मोदक मुद्रा आदि दिखाई जाती है, उसी प्रकार शिव, विष्णु, शक्ति तथा सूर्य आदि देवों की पूजा में अलग-अलग मुद्राओं के प्रदर्शन का विधान है। इनका नैमित्तिक और काम्य प्रयोग की दृष्टि से भी मंत्रपूर्वक साधन होता है तथा सिद्ध हो जाने पर इनके प्रयोग से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है।

षोडशोपचार तांत्रिक पूजा विधि तंत्र क्रिया द्वारा सिद्ध किए जाने वाले देवी-देवताओं की तांत्रिक पूजा सोलह उपचारों से की जाती है जिसे ‘षोडशोपचार पूजा विधि’ कहते हैं। साधनारत साधकों को इस विधि का ज्ञान पहले से प्राप्त कर लेना चाहिए। क्योंकि पूजा में किसी भी प्रकार की त्रुटि होने से साधना निष्फल हो जाती है और यह निष्फलता सिद्धि मार्ग का अवरोध बन जाती है।

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