बार चार्ट

कुछ मामलों में, पल्स रेट कम होना बेहद स्वस्थ हृदय का संकेत भी हो सकता है। जैसे एथलीट या खेलने वाले लोगों की नब्ज धीरे चलती है क्योंकि उनका दिल मजबूत व स्वस्थ होता है और उसे खून पम्प करने के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती।
Technical Analysis क्या है Market Analysis कैसे करें ?
Market Analysis को मुख्य रूप से fundamental analysis और technical analysis में विभाजित किया गया है। तकनीकी विश्लेषण ( Technical Analysis) को विशेष रुप से शेयर मार्केट में शॉर्ट टर्म की ट्रेडिंग करने के लिए किया जाता है।टेक्निकल एनालिसिस की मदद से share price movements, trends, trading volume इत्यादि का विश्लेषण कर सकते हैं।
टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग ( फंडामेंटल एनालिसिस के मुकाबले) वित्तीय बाजार की चाल को आसानी से समझने के लिए किया जाता है। यह ऐतिहासिक वॉल्यूम और प्राइस मूवमेंट के आंकड़ों के आधार पर वित्तीय बाजार (financial market) की कीमतों की दिशा का पहले से अनुमान लगाने का एक मेथड है । इसके माध्यम से पुराने आंकड़ों के आधार पर शेयर कि चाल का पूर्वानुमान लगा सकते हैं। शेयर के उतार-चढ़ाव के चार्ट का विश्लेषण कर सकते हैं।
फंडामेंटल बनाम टेक्निकल एनालिसिस
टेक्निकल एनालिसिस में ऐतिहासिक आंकड़ों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जाता है। टेक्निकल एनालिसिस में ऐतिहासिक प्राइस और वॉल्यूम के आंकड़ों के आधार पर शेयर के ट्रेंड का मूल्यांकन कर सकते हैं। वहीं फंडामेंटल एनालिसिस में कंपनी की फाइनेंशियल स्टेटमेंट, बिजनेस मॉडल, मैनेजमेंट कैपबिलिट्स इत्यादि का अध्ययन करना पड़ता है। fundamental analysis करने का सबसे बड़ा मकसद किसी भी कंपनी में लंबे समय के लिए इन्वेस्टमेंट करने बार चार्ट के लिए पहले से अनुमान लगा सकते है।
शॉर्ट टर्म निवेशक या ट्रेडर्स के लिए टेक्निकल एनालिसिस और लंबे समय के निवेशक के लिए फंडामेंटल एनालिसिस बेहतर माना जाता है। प्राइस और वॉल्यूम के माध्यम से आप लॉन्ग टर्म के लिए एंट्री और एग्जिस्ट का सही तरीके से निर्णय ले सकते है। टेक्निकल एनालिसिस आपको लॉग टर्म में निवेश करने बार चार्ट में भी मददगार साबित होता है। वहीं शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करने के लिए सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस का स्टडी कर सकते हैं। चलिए अब टेक्निकल एनालिसिस से जुड़े कुछ और भी basic के बारे में जान लेते है।
तकनीकी विश्लेषक का टूलबॉक्स - Technical Analyst's Toolbox
बार चार्ट, कैंडलस्टिक चार्ट लाइन चार्ट या प्वाइंट एंड फिगर चार्ट इत्यादि तकनीकी विश्लेषक के टूल बॉक्स का हिस्सा हैं। चलिए इनके बारे में कुछ बेसिक जानकारी प्राप्त करते है।
बार चार्ट, कैंडलस्टिक चार्ट लाइन चार्ट या प्वाइंट एंड फिगर चार्ट इत्यादि तकनीकी विश्लेषक के टूल बॉक्स का हिस्सा हैं। चलिए इनके बारे में कुछ बेसिक जानकारी प्राप्त करते है।
Bar Chart
Bar Chart का प्रयोग किसी भी शेयर या स्टॉक के particular समय की मूवमेंट के लिए उपयोग किया जाता है यह किसी भी stock या commodity या forex share के कुछ समय के अवधि ( 15 minutes, 1 hours, 1 day इत्यादि।) का ओपनिंग, हाई, लो, और क्लोज को जानने के लिए प्रयोग किया जाता है। Technical Analysis बार चार्ट या किसी और तरह के चार्ट जैसे कि कैंडलस्टिक या लाइन चार्ट को शेयर कि प्राइस का मूवमेंट को दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है।
पल्स रेट चार्ट उम्र के अनुसार - Umar ke hisab se normal pulse (heart) rate kitna hona chahiye
उम्र के मुताबिक सामान्य प्लस रेट नीचे दिए गए चार्ट में बताया गया है -
उम्र | सामान्य पल्स रेट |
1 महीने तक | 70 से 190 |
1 से 11 महीने तक | 80 से 160 |
1 से 2 साल | 80 से 130 |
3 से 4 साल | 80 से 120 |
5 से 6 साल | 75 से 115 |
7 से 9 साल | 70 से 110 |
10 साल से अधिक | 60 से 100 |
एक नार्मल स्वास्थ्य व्यक्ति के हृदय का दर आमतौर पर ऊपर दी गई रेंज के रहता है। हालांकि एक्सरसाइज, शरीर के तापमान और अन्य कार्य से पल्स रेट घट-बढ़ सकता है।
पल्स रेट (नब्ज) देखने का तरीका - Pulse rate kaise dekhe
नब्ज देखने का तरीका निम्नलिखित है -
- अपने एक हाथ की पहली, दूसरी बार चार्ट व तीसरी उंगलियों (तर्जनी, मध्यमा और अनामिका) को दूसरे हाथ की कलाई के अंदर वाले भाग (अंगूठे के निचले हिस्से) पर रखें। आप इन उँगलियों को अपने गले की एक बार चार्ट तरफ भी रख सकते हैं।
- अपनी उंगलियों को धीरे से दबाएं और अपनी नब्ज महसूस करें। नब्ज को महसूस करने के लिए आपको अपनी उंगलियों को ऊपर-नीचे या आगे-पीछे भी बार चार्ट करने पड़ सकता है।
- मिनट की सुई वाली एक घडी को देखें।
- 10 सेकंड तक अपनी नब्ज को गिनें और फिर उस संख्या को 6 से गुणा कर दें। इससे आपको पता चल जाएगा कि एक मिनट में आपकी नब्ज कितनी बार फड़क रही है।
नब्ज (हृदय दर) बहुत तेज हो तो क्या करें - Nabj (pulse) tej chalne par kya kare
अगर आपकी नब्ज तेज चल रही है, तो आप निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें -
- तनाव न लें और शांत रहने की कोशिश करें। चिंता, तनाव, डर और पैनिक से पल्स रेट तेज हो सकता है। (और पढ़ें - चिंता दूर करने के घरेलू उपाय)
- अगर कैफीन के कारण नब्ज तेज चल रही है, तो कॉफी, चाय, चॉकलेट और कैफीन युक्त चीज़ें न पिएं।
- निकोटीन से पल्स रेट तेज हो सकता है, इसीलिए बार चार्ट सिगरेट न पिएं और अन्य तम्बाकू वाले पदार्थों का सेवन न करें। (और पढ़ें - सिगरेट छोड़ने के घरेलू उपाय) न पिएं। (और पढ़ें - शराब की लत छुड़ाने के घरेलू उपाय)
- ड्रग्स न लें।
- सामान्य रूप से दी जाने वाली सर्दी जुकाम की दवा न लें, इनसे पल्स रेट और बढ़ सकता है। (और पढ़ें - सर्दी जुकाम के घरेलू उपाय)
कैंडलस्टिक चार्ट का निर्माण:
प्रत्येक कैंडलस्टिक मुख्य रूप से रियल बॉडी बार चार्ट और विक्स से बना होता है जिसे शड़ौस या टेल्स के रूप में भी जाना जाता है:
कैंडलस्टिक चार्ट पर पैटर्न की व्याख्या करना:
जैसा कि कैंडलस्टिक्स अधिक आकर्षक होती हैं, व्यापारी ऐसी कैंडलस्टिक पैटर्न की तलाश करता है जो निरंतरता या उलट-फेर हो सकती हो।
इन कैंडलस्टिक पैटर्न को मंदी और तेजी वाली कैंडलस्टिक पैटर्न में भी वर्गीकृत किया जा बार चार्ट सकता है।
मार्केट एक्सपर्ट्स से कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें सीखें
कैंडलस्टिक पैटर्न एक एकल कैंडलस्टिक पैटर्न हो सकता है या दो-तीन कैंडलस्टिक्स को मिलाकर बनाया जा सकता है।
इस तरह के कैंडलस्टिक पैटर्न के कुछ उदाहरण हैं:
एकल कैंडलस्टिक पैटर्न का उदाहरण:
कई कैंडलस्टिक पैटर्न्स कई कैंडल्स बार चार्ट द्वारा बनाई जाती है।
कई कैंडलस्टिक पैटर्न का उदाहरण:
o बुलिश एंगलफ़ींग
o बीयरिश एंगलफ़ींग
कैंडलस्टिक चार्ट का विश्लेषण करते समय तीन मान्य ताएँ:
1. एक को ताकत खरीदनी चाहिए और कमजोरी को बेचना चाहिए:
शक्ति आमतौर पर एक तेजी (हरे) कैंडल द्वारा दर्शायी जाती है जबकि कमजोरी एक मंदी (लाल) कैंडल द्वारा दर्शायी जाती है।
आम तौर पर हरे रंग की कैंडल के दिन खरीदना चाहिए और लाल कैंडल के दिन बेचना चाहिए।
2. एक को पैटर्न के साथ लचीला होना चाहिए:
बाजार की स्थितियों के कारण पैटर्न में मामूली बदलाव हो सकते हैं।
इसलिए, चार्ट पर इन कैंडलस्टिक पैटर्न का विश्लेषण करते समय थोड़ा फ्लेक्सिबल होना चाहिए।
3. एक को पूर्व प्रवृत्ति की तलाश करनी चाहिए:
अगर आप तेजी से कैंडलस्टिक पैटर्न की तलाश कर रहे हैं तो पूर्व प्रवृत्ति मंदी होनी चाहिए और इसी तरह, अगर आप एक मंदी के पैटर्न की तलाश कर रहे हैं तो पूर्व प्रवृत्ति तेज होनी चाहिए।
नए आकाश टैबलेट पर अब छात्रों को तत्काल मिलेंगे सवालों के जवाब
- नयी दिल्ली,
- 26 मई 2013,
- (अपडेटेड 31 मई 2013, 2:25 PM IST)
नए ‘आकाश’ पर अब छात्रों को उनके सवालों और उलझनों के तत्काल जवाब मिल सकेंगे. सस्ते टैबलेट आकाश के नये एवं उन्नत संस्करण में ‘क्लिकर’ प्रणाली जोड़ी गई है जिस पर छात्र और अध्यापक संवाद कर सकेंगे.
सूचना संचार प्रौद्योगिकी के जरिये राष्ट्रीय उच्च शिक्षा कार्यक्रम (एनएमईआईसीटी) के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने बताया कि आकाश के नये संस्करण बार चार्ट में क्लिकर प्रणाली जोड़ी गई है. इस पर छात्र न केवल अपनी प्रश्नों के साथ बार चार्ट अध्यापक से संवाद कर सकेंगे, बल्कि इसके माध्यम से संवाद में हिस्सा लेने वाले छात्रों के प्रदर्शन का मूल्यांकन भी किया जा सकेगा.
IRCTC ने ट्वीट करके दी जानकारी
रेलवे में सबसे बड़ी परेशानी टिकट बुकिंग के समय आती है. और अगर आप ऑनलाइन टिकट की बुक कर रहे हों तो ये परेशानी दोगुना हो जाती है. कई बार इमरजेंसी के चलते हमें चार्ट बनने के बाद भी टिकट कैंसिल करवाना पड़ता है. इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत रिफंड मिलने में होती है. लेकिन भारतीय रेलवे ने इसका भी हल निकाल दिया है. रेलवे ने जानकारी देते हुए बताया है कि टिकट बनने के बाद भी आप रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं. रेलवे ने इसकी जानकारी ट्वीट करते हुए दी है.
IRCTC ने ट्वीट करके दी जानकारी
आईआरसीटीसी (IRCTC) ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर करके इसकी जानकारी दी है और क्लेम करने का पूरा प्रोसेस भी बताया है. उन्होंने लिखा कि भारतीय रेलवे उन टिकटों पर रिफंड देता है जिनपर यात्रा नहीं की गई है. इसके लिए बस आपको टिकट डिपॉजिट रसीद (TDR) जमा करनी होगी. रेलवे ने बताया है कि अगर आपको इमरजेंसी में टिकट कैंसिल करवाना है और चार्ट तैयार हो गया है, तब भी आप अपने रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं.