दिन के कारोबार के लिए एक परिचय

भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें

भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें
RBI की अलर्ट लिस्ट में शामिल 34 एंटिटीज़ को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या ETP ऑपरेट करने की इजाजत नहीं दी गई है.

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इंडियन बैंक कभी भी किसी भी ग्राहक के गोपनीय/व्यक्तिगत विवरण की जानकारी मांगने के लिए कोई ई-मेल नहीं भेजता है। यदि आपको यूजर नाम, पासवर्ड, कार्ड विवरण, ओटीपी या कोई अन्य व्यक्तिगत जानकारी मांगने से संबंधित इंडियन बैंक से भेजे गए प्रतीत होनेवाले कोई ई-मेल प्राप्त होता है, तो कृपया आप [email protected] या [email protected] पर तुरंत रिपोर्ट करें। यह एक फ़िशिंग मेल हो सकता है।

नेट बैंकिंग वेबसाइट के यूजर आईडी और पासवर्ड, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड के नंबर और संबंधित पिन और ऑनलाइन वित्तीय जानकारी जैसे कि बैंक खाता संख्या आदि अत्यधिक गोपनीय हैं। इन्हें किसी अन्य से साझा न करें।

हमारी वेबसाइट को एक्सेस करने के लिए किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें। इंडियन भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें बैंक की वेबसाइट/ नेट बैंकिंग पेज को एक्सेस करने के लिए हमेशा ब्राउज़र एड्रेस फील्ड में http://www.indianbank.in या https://www.indianbank.net.in टाइप करें।

फ़िशिंग से सावधान रहें

हाल ही में फ़िशिंग की घटनाओं में वृद्धि हुई है जो हमारे बैंक सहित दुनिया भर के अग्रणी बैंकों के ग्राहकों को अपना लक्ष्य बनाती है। इसलिए ग्राहकों भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें को ऐसे हमलों के बारे में सचेत करने के लिए जो वास्तव में बैंक द्वारा भेजे गए प्रतीत होनेवाले एक संदिग्ध ई-मेल के माध्यम से शुरू होता है, हम उनके द्वारा ग्राहकों को शिकार बनाने के तरीके की जानकारी दे रहे हैं कि कैसे वे अनजाने ग्राहकों से व्यक्तिगत विवरण प्राप्त करना चाहते हैं और कैसे हमें उनका शिकार होने से बचना है।

फ़िशिंग

फ़िशिंग साइबर हमले का एक रूप है जिसमें स्कैमर इंटरनेट उपयोगकर्ताओं से उनके बैंक खातों और व्यक्तिगत विवरण के बारे में संवेदनशील जानकारी प्राप्त करते हैं। एक सामान्य ऑनलाइन फ़िशिंग धोखाधड़ी एक संदिग्ध ई-मेल संदेश से शुरू होता है जो किसी विश्वसनीय स्रोत जैसे कि बैंक, क्रेडिट कार्ड कंपनी, या प्रतिष्ठित ऑनलाइन मर्चेन्ट से आधिकारिक नोटिस की तरह दिखता है। इस तरह के संदिग्ध ई-मेल इनके प्राप्तकर्ताओं को अपने व्यक्तिगत विवरण को सत्यापित या अद्यतन करने और ऐसा नहीं करने पर उनके खाते निष्क्रिय हो जाने की सूचना देता है और उन्हें एक ऐसी वेबसाइट पर निर्देशित करता है जो वास्तविक संगठन की वेबसाइट की तरह दिखती है। यदि ग्राहक ई-मेल में लिंक का अनुसरण करते हैं और अपनी व्यक्तिगत विवरण प्रस्तुत करते हैं, इस प्रकार वे विवरण वास्तव में धोखेबाजों को उपलब्ध हो जाते हैं जिससे पहचान की चोरी हो जाती है और वे बाद में इस विवरण का उपयोग ऑर्डर देने, सेवाओं, खातों से पैसे अंतरण करने आदि के लिए करते हैं।

फ़िशिंग का शिकार होने से बचें

कृपया ऐसे कपटपूर्ण ई-मेलों से सावधान रहें जो इंडियन बैंक द्वारा भेजे गए प्रतीत होते हैं। इस तरह के ई-मेल ग्राहकों से ई-मेल में दिये गए लिंक पर क्लिक करके अपने व्यक्तिगत विवरण की पुष्टि करने या इसे अद्यतन करने के लिए कहते हैं और ऐसा नहीं करने पर उनके खातों को प्रतिबंधित या ब्लॉक करने की धमकी देते हैं।

हम एक बार फिर इस बात पर जोर देकर बताना चाहते है कि इंडियन बैंक ई-मेल के माध्यम से ग्राहक के व्यक्तिगत विवरण जैसे कि क्रेडिट कार्ड/एटीएम कार्ड नंबर, पिन, इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड नहीं मांगता है। यदि आपको इंडियन बैंक की ओर से खाता संबंधी संवेदनशील जानकारी अद्यतन करने का अनुरोध के लिए कोई ई-मेल प्राप्त होता है, तो कृपया उस ई-मेल को [email protected] [24 x 7 उपलब्ध] या [email protected] पर अग्रेषित करें।

नेट बैंकिंग वेबसाइट के यूजर आईडी और पासवर्ड, एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड के नंबर और संबंधित पिन और ऑनलाइन वित्तीय जानकारी जैसे कि बैंक खाता संख्या आदि अत्यधिक गोपनीय हैं। इन्हें किसी अन्य से साझा न करें। इंडियन बैंक कभी भी ई-मेल के माध्यम से ये जानकारी नहीं मांगता है।

RBI Alert List : इन ऐप्स और वेबसाइट्स से सावधान ! इन पर किया फॉरेन करेंसी ट्रांजैक्शन तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई

RBI ने 34 ऐसी एंटिटीज़ की लिस्ट जारी की है, जिन्हें विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या फॉरेक्स ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) ऑपरेट करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. लिहाजा उनके जरिए लेनदेन करना गैरकानूनी है.

RBI Alert List : इन ऐप्स और वेबसाइट्स से सावधान ! इन पर किया फॉरेन करेंसी ट्रांजैक्शन तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई

RBI की अलर्ट लिस्ट में शामिल 34 एंटिटीज़ को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या ETP ऑपरेट करने की इजाजत नहीं दी गई है.

RBI Alert List of entities not authorised to deal in forex: अगर आप किसी ऐसी वेबसाइट के जरिए फॉरेन एक्सचेंज से जुड़ा लेनदेन करते हैं या करने की सोच रहे हैं, जिसके कानूनी तौर पर वैध होने के बारे में आपको पक्के तौर पर कुछ पता नहीं है, तो सावधान हो जाइए. रिजर्व बैंक ने ऐसी 34 भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें एंटिटीज़ और उनकी वेबसाइट्स की अलर्ट लिस्ट जारी की है, जिनके जरिए विदेशी मुद्रा से जुड़ा कोई भी लेनदेन करने पर आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.

रिजर्व बैंक की तरफ से जारी इन अनधिकृत एंटिटीज़ की लिस्ट में ओलिंप ट्रेड(Olymp Trade), अल्पारी (Alpari), एनीएफएक्स (AnyFX), बिनोमो (Binomo), फॉरेक्स.कॉम (Forex.com), एफबीएस (FBS), फॉरेक्स4मनी (Forex4money), हॉट फॉरेक्स (HotForex), आईफॉरेक्स (iFOREX) और एक्सटीबी (XTB) जैसी 34 वेबसाइट्स शामिल हैं. इन सभी वेबसाइट्स की पूरी लिस्ट आप रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर यहां जाकर देख सकते हैं: https://rbi.org.in/scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=4183

रिजर्व बैंक की चेतावनी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बुधवार को जारी एक बयान में बताया गया है कि अलर्ट लिस्ट में शामिल इन 34 एंटिटीज़ या वेबसाइट्स को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या फॉरेक्स ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) ऑपरेट करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. लिहाजा इनका इस तरह की गतिविधियां संचालित करना पूरी तरह से गैरकानूनी हैं. रिजर्व बैंक ने यह चेतावनी भी दी है कि इन वेबसाइट्स के जरिए किसी भी तरह का विदेशी मुद्रा से जुड़ा लेनदेन करना न सिर्फ जोखिम भरा है, बल्कि ऐसा करने वाले के खिलाफ 1999 के विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (FEMA) के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.

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रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर देखें अलर्ट लिस्ट

रिजर्व बैंक ने इससे पहले 3 फरवरी 2022 को भी अपनी तरफ से बयान जारी करके आम लोगों को हिदायत दी थी कि वे किसी भी अनधिकृत ETP विदेशी मुद्रा के जरिए किसी तरह का लेनदेन न करें. साथ ही लोगों को किसी भी तरह के अनधिकृत फॉरेक्स ट्रांजैक्शन से दूर रहने की चेतावनी भी दी गई थी. लेकिन यह स्पष्टीकरण जारी करने के बावजूद रिजर्व बैंक के पास अब भी ऐसे रेफरेंस आते रहते हैं, जिनमें किसी ETP की कानूनी स्थिति के बारे में जानकारी मांगी जाती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब RBI ने अपनी वेबसाइट पर अनधिकृत एंटिटीज़ और वेबसाइट्स की अलर्ट लिस्ट डालने का फैसला किया है. हालांकि इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई एंटिटी या वेबसाइट इस अलर्ट लिस्ट में शामिल नहीं है, तो इसका ये मतलब नहीं कि वो अधिकृत है. इस लिस्ट में सिर्फ उन्हीं एंटिटीज़ के नाम शामिल हैं, जिनके बारे में रिजर्व बैंक को यह बयान जारी करते समय मालूम था.

INDORE NEWS- कोर्ट में पुलिस की किरकिरी, फर्जी फॉरेक्स ट्रेडिंग 50 करोड़ की ठगी में रिमांड नामंजूर

इंदौर। पिछले दिनों इंदौर पुलिस वाला फर्जी फॉरेक्स ट्रेडिंग के माध्यम से 50 करोड़ की ठगी के मामले का खुलासा किया गया था। इसी मामले में आज कोर्ट में पुलिस की काफी किरकिरी हुई। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों का रिमांड मांगा था परंतु कोर्ट ने नामंजूर कर दिया।

बिजलपुर निवासी देवेश वरनदानी की शिकायत पर विजयनगर थाना में दर्ज इस प्रकरण की शुरुआत की गड़बड़ी से हुई है। आरोप है कि पुलिस ने मुख्य आरोपी अतुल नेतनराव को गिरफ्तार नहीं किया। गंभीर आर्थिक अपराध की जांच में लापरवाही की गई। बाद में कंपनी के कर्मचारी अनिल बिष्ट और हरदीप को पकड़ा, कोर्ट से दोनों को रिमांड पर लिया लेकिन दो दिन बाद इस मामले की जांच कर रहे हेड कांस्टेबल भरत बड़े को थाने से हटा दिया। डीसीपी जोन-2 संपत उपाध्याय ने एसआइटी का गठन किया लेकिन SIT कुछ भी नया नहीं कर पाई।

बुधवार को कोर्ट पहुंचे SIT अफसरों पांच दिन का रिमांड मांगने समक्ष खड़े हो गए, लेकिन डायरी देखते ही मजिस्ट्रेट ने साफ कर दिया कि वह एक भी दिन का रिमांड नहीं दे सकते। SIT से कहा कि जिन दो युवकों से छह दिन से पूछताछ चल रही है उनसे अभी तक ठोस प्रणाम प्राप्त नहीं हुए हैं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अनिल व हरदीप का जेल वारंट बना दिया।

अतुल नेतनराव के दुबई से कनेक्शन का दावा किया गया था

पुलिस ने दावा किया था कि मुख्य आरोपित अतुल नेतनराव अभी तक 50 करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुका है और उसके तार दुबई से जुड़े है। अतुल अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मेटा ट्रेडर्स -5 पर फर्जी भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें फर्म ग्लोबल प्लेटिनम, बीएमबी जैसी कंपनियां बना कर लोगों को ठगता था। करोड़ों रुपये जमा होने के बाद वह कंपनी का पूरा सर्वर ही डिलिट कर देता था। समाचार लिखे जाने तक ना तो अतुल को गिरफ्तार किया गया है और ना ही पुलिस ने अपने दावे के समर्थन में कोर्ट के सामने कोई पुख्ता प्रमाण प्रस्तुत किया। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया indore news पर क्लिक करें.

रिजर्व बैंक शुरू कर रहा रुपये में ग्‍लोबल ट्रे‍ड सेटलमेंट, कैसे काम करेगा यह सिस्‍टम और कितना होगा फायदा?

डॉलर के मुकाबले रुपया 79.60 के रिकॉर्ड निचले स्‍तर पर चला गया है.

डॉलर के मुकाबले रुपया 79.60 के रिकॉर्ड निचले स्‍तर पर चला गया है.

डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में आ रही गिरावट और विदेशी मुद्रा भंडार पर बढ़ते दबाव से बचने के लिए आरबीआई ने नया ट्रेड . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 14, 2022, 13:17 IST

हाइलाइट्स

दुनिया के बाकी देश डॉलर, येन, यूरो और पाउंड में ही ग्‍लोबल ट्रेडिंग करते हैं.
रिजर्व बैंक का मकसद रुपये पर डॉलर व अन्‍य करेंसी का दबाव घटाना है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10 महीने के आयात के लिए पर्याप्‍त है.

नई दिल्‍ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्‍लोबल मार्केट में भारत की पहुंच बढ़ाने और ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें में कराने की बात कही है. यह सिस्‍टम किस तरह से काम करेगा और भारत को इसका क्‍या फायदा मिलेगा. कमोडिटी एक्‍सपर्ट इसे भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए बड़ा मूव बता रहे हैं.

कमोडिटी एक्‍सपर्ट अजय केडिया का कहना है क‍ि अभी नेपाल-भूटान को छोड़कर दुनिया के बाकी देश डॉलर, येन, यूरो और पाउंड में ही ग्‍लोबल ट्रेडिंग करते हैं. आरबीआई के नई व्‍यवस्‍था शुरू करने के बाद रुपये में भी ट्रेडिंग का रास्‍ता खुल जाएगा. आरबीआई का कहना है कि इस सिस्‍टम के शुरू होने के बाद भारत के एक्‍सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा, क्‍योंकि दुनिया ने रुपये में दिलचस्‍पी दिखाई है.

क्‍या रूस से व्‍यापार बढ़ाने की है तैयारी
वैसे तो रिजर्व बैंक का मकसद रुपये पर डॉलर व अन्‍य करेंसी का दबाव घटाना है, जिसके लिए नया सिस्‍टम डेवलप किया जा रहा है, लेकिन कुछ एक्‍सपर्ट का कहना है कि इस कदम से रूस के साथ व्‍यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी. दरअसल, यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से रूस पर कई प्रतिबंध लग चुके हैं और वह अपना रिजर्व डॉलर इस्‍तेमाल नहीं कर पा रहा है. ऐसे में नया सिस्‍टम आने के बाद रूस से व्‍यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा ईरान सहित व्‍यापारिक प्रतिबंध झेल रहे अन्‍य देशों के साथ भी भारत अपना व्‍यापार बढ़ा सकेगा.

विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ कम होगा
रिजर्व बैंक का सबसे बड़ा मकसद विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ को घटाना है. आरबीआई के पास मौजूद करीब 590 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार वैसे तो 10 महीने के आयात के लिए पर्याप्‍त है, लेकिन अभी इसका इस्‍तेमाल रुपये पर बढ़ते दबाव को घटाने में हो रहा है. नया सिस्‍टम आने के बाद अगर ग्‍लोबल मार्केट में कोई देश हमसे भारतीय करेंसी में लेनदेन करता है तो इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम हो जाएगा. इतना ही नहीं ग्‍लोबल मार्केट में रुपये की स्‍वीकार्यता भी बढ़ जाएगी. तत्‍काल तो नहीं लेकिन धीरे-धीरे देश रुपये को स्‍वीकार कर लेंगे तो ग्‍लोबल मार्केट में यह डॉलर के मुकाबले खड़ा हो सकता है.

कैसे काम करेगा नया सिस्‍टम
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्‍सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के सीईओ अजय सहाय का कहना है कि ग्‍लोबल मार्केट में रुपये में ट्रेड करने के लिए दूसरे देश को भी रुपये में पेमेंट लेने का सिस्‍टम बनाना होगा. आरबीआई के लिए कुछ भारतीय बैंकों को वेस्‍ट्रो अकाउंट खोलने की इजाजत देगा. ये बैंक दूसरे देशों की करेंसी को अपने पास रखेंगे. इसके तहत जब भारतीय कारोबारी निर्यात करेंगे तो वह अपने रेगुलर बैंक के जरिये वेस्‍ट्रो अकाउंट वाले बैंक को जानकारी भेजेगा. वेस्‍ट्रो खाते वाले बैंक से पैसा निर्यातक के रेगुलर बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.

इसी तरह, जब कोई कारोबार आयात करेगा तो वह इसका भुगतान अपने रेगुलर बैंक को करेगा, जहां से पैसा वेस्‍ट्रो खाते वाले बैंक में चला जाएगा. मुद्रा की कीमत दोनों देशों के फॉरेक्‍स के हिसाब से लगाई जाएगी.

ईरान के साथ शुरू किया था ऐसा सिस्‍टम
भारत ने इससे पहले ईरान के साथ व्‍यापार के लिए ऐसा ही सिस्‍टम विकसित किया था. तब ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते डॉलर में कारोबार ठप हो गया था. ईरान से तेल खरीद का भुगतान भी रुपये में किया गया था. हालांकि, 2019 में ईरान से तेल का आयात बंद होने के बाद यह खाता भी ठप हो गया.

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Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.

Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए

Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.

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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.

क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?

इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.

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कौन कर सकता है ट्रेडिंग?

ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.

यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी भारत में फॉरेक्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें रिसर्च करना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?

यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.

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