घोटाले के दलालों से बचना

विमानन लॉबिस्ट दीपक तलवार की गिरफ्तारी के बाद हुए कुछ खुलासों और एजेंसी द्वारा जुटाए गए सबूतों के मद्देनजर पटेल से सवाल-जवाब किया जाना है। एजेंसी ने हाल ही में दीपक तलवार को नामजद करते हुए आरोपपत्र दाखिल किया है। उसमें कहा गया है कि तलवार लगातार पटेल के संपर्क में था। यूपीए सरकार में जब पटेल उड्डयन मंत्री थे, उस दौरान एयर इंडिया ने 111 विमान खरीदने का निर्णय लिया था, जिसमें 43 एयरबस के विमान शामिल थे।
भारत में घोटालों की सूची
स्वतंत्रता के बाद से भारत में साबित हुए घोटालों की सूची निम्नलिखित है , जिनमें राजनीतिक, वित्तीय और कॉर्पोरेट घोटाले शामिल हैं। प्रविष्टियों को वर्ष (या दशक, पुराने घोटालों के लिए) द्वारा रिवर्स कालानुक्रमिक क्रम में व्यवस्थित किया जाता है। वह वर्ष, या दशक, जब पहली बार घोटाले की सूचना मिली थी।
- वाज़ेगेट कांड : मार्च 2021 में, मुकेश अंबानी बम डराने के मामले के बाद, एनआईए ने मुंबई पुलिस की जांच को संभालने के बाद, नोट किया कि एक पुलिस अधिकारी, सचिन वाज़े और मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने योजना बनाने के पूरे मामले में एक भूमिका निभाई थी। बम परम बीर सिंह जिनका बाद में तबादला कर दिया गया था, ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था कि घोटाले के दलालों से बचना राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा था। इस पत्र के बाद कई ठोस सबूत मिले। [1][2]
यूपीए में हुए विमानन घोटाले के सिलसिले में ED ने पूर्व मंत्री प्रफुल्ल पटेल को भेजा समन
एयरबस ने अगस्त और सितंबर 2012 के बीच तलवार के अंतर्गत चलने वाली कंपनियों के लिए 10.5 मिलियन डॉलर के दो ट्रांसफर किए और खास बात ये है कि ये ट्रांसफर उसी समय किए गए, जब यूपीए सरकार ने घोटाले के दलालों से बचना विमानों की खरीद के आदेश दिए थे।
प्रफुल्ल पटेल- सोनिया गाँधी (फाइल फोटो)
एनसीपी नेता और पूर्व उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पेटल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने दीपक तलवार अवैध विमानन सौदे मामले में प्रफुल्ल पटेल को समन भेजकर 6 जून को पेश होने के लिए कहा है। प्रफुल्ल पटेल पर आरोप है कि यूपीए सरकार के दौरान जब प्रफुल्ल पेटल नागरिक उड्डयन मंत्री थे, उस समय दीपक तलवार को गलत तरीके से फायदा पहुँचाया गया था। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय के नोटिस पर प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि अधिकारियों के साथ जाँच में सहयोग करने पर उन्हें खुशी होगी। उन्होंने कहा कि वो विमानन क्षेत्र की जटिलताओं के बारे में जाँच एजेंसी को बताएँगे।
रजिस्ट्री घोटाले के आरोपों पर सदन में सीएम मनोहर लाल का ऐलान, 2010 से अब तक हुई रजिस्ट्रियों की होगी जांच
हरियाणा विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही में मंगलवार को रजिस्ट्री घोटाले पर बलराज कुंडू के सरकार से तीखे सवाल किए। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सप्लीमेंट्री बोलते हुए कुंडू ने सरकार को रजिस्ट्री घोटाले पर जमकर घेरा।
सातवें दिन रजिस्ट्रियों में अनियमितताओं के मुद्दे पर इनेलो, कांग्रेस व आजाद विधायक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए। अभय चौटाला ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को घेरा। इसके बाद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और अभय चौटाला रजिस्ट्री में धांधली को लेकर आमने सामने हो गए।
अभय चौटाला ने सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश में 5 से 8 प्रतिशत कमीशन लिया जा रहा है। आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की सदन में घोषणा की कि 7ए का उल्लंघन करने वालों की जांच होगी।
बोलते काम
पूर्ववर्ती सरकार में उत्तर प्रदेश सूचना विभाग का प्रमुख सचिव रहते हुए, सूचना विभाग के सालाना बजट रुपये 92 लाख को 600 करोड़ सालाना कर अगले 4 सालों में कुल रुपये 2400 करोड़, सूबे के दलाल मानसिकता के मीडियाकर्मियों, मालिकानों के बीच बंदरबांट करने वाले कु. मायावती और अखिलेश यादव के बेहद करीबी आईएएस अफसर नवनीत सहगल के सबसे करीबी दलाल साथी रोहित सहाय के काले कारनामों की जांच करेगी IB की लखनऊ शाखा.
आइये पहले जानते हैं कौन है नवनीत सहगल का दलाल रोहित
चंद सालों से दिल्ली में रहने वाला सहगल का यह दलाल मूल रूप से वाराणसी का रहने वाला है. यही रोहित साल 2000 में रिलायंस कंपनी में बतौर मैनेजर का काम करता था, लेकिन कुछ दिनों बाद जब उसकी नौकरी छूट गयी तो वह लखनऊ रहते हुए दिल्ली की एक रियल एस्टेट कंपनी में लाइजनिंग का कार्य देखने लगा. कुछ सालों में ही उसने लखनऊ-दिल्ली में रहते-काम करते हुए अपना नेटवर्क सत्ता के गलियारे से लेकर बड़े-बड़े अधिकारियों तक बना लिया.
जिसको भी मौका मिला सबने लूटा बारी-बारी।पूर्व प्रधान हों चाहे वर्तमान, शौचालय की रकम खाने में भी संकोच नहीं
लखीमपुर खीरी-घोटालों के रोज नए रिकार्ड बना रही जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत लुधौरी।
शौचालय की रकम खाने में भी संकोच नहीं।आवास घोटाला और सौर ऊर्जा घोटाला के बाद अब लुधौरी में शौचालय घोटाला।
जिले के ईमानदार और मानवीय संवेदना रखने वाले डी एम साहब से यहाँ के लोगों को न्याय की पूरी उम्मीद।
अफ़सोस!भ्रष्टाचार के समुन्दर में गोते लगा रहे प्रधान को तनिक भी शर्म नहीं।जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत लुधौरी एक बार फिर से सुर्खियो में है।प्रधान द्वारा मनरेगा घोटाला,आवास घोटाला ,सौर ऊर्जा घोटाला करने के बाद अब शौचालय योजना में जमकर घोटाला किया जा रहा है।इस योजना का लाभ पात्रों तक न पहुँचकर अधिकतर प्रधानों के चहेतों को दिया गया है।उनसे बचने के बाद जिनको शौचालय दिए गए हैं उन्हें न तो पूरा ईटा दिया जा रहा है और जो दिया भी गया है वह पूरी तरीके से कच्चा व पीला ईटा है जो कुछ ही समय में भरभरा घोटाले के दलालों से बचना कर गिर जायेगा।इसके बावजूद शौचालय बनवाने वाले ग्रामीणों से प्रधान व उनके गुर्गे रकम वसूली भी खूब कर रहे हैं।